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हरियाणा में हुड्डा के दावे धरे रह गए अजय माकन विधायक होने के बाद भी हार गए कार्तिकेय को जिता ले गए CM खट्टर, बिश्नोई बागी- फ़न कुचलने का हुनर आता है मुझे

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चंडीगढ़: RajyaSabha Election 2022 in Haryana CM Manohar Lal emerges huge setback to Bhupendra Hooda शुक्रवार देर शाम से शनिवार तड़के तक चले सियासी दाँव-पेंच में एक बार फिर हरियाणा सीएम मनोहर लाल खट्टर ने साबित कर दिया कि सूबे में चुनावी व्यूहरचना को लेकर उनका सानी फ़िलहाल कोई नहीं। मुख्यमंत्री खट्टर ने कांग्रेस के कलह कुरुक्षेत्र को समय रहते ही भाँप लिया था और उसी का नतीजा रहा कि पार्टी ने ख़ास रणनीति के तहत पार्टी के अधिकृत प्रत्याशी कृष्ण पंवार के अलावा निर्दलीय प्रत्याशी के तौर पर पूर्व मंत्री विनोद शर्मा के बेटे और मीडिया कारोबारी कार्तिकेय शर्मा को मैदान में उतरवाया। कार्तिकेय शर्मा का राज्यसभा चुनाव जीतना बेहद कठिन था लेकिन सीएम खट्टर ने प्रदेश अध्यक्ष न बनाए जाने के बाद से नाराज़ चल रहे वरिष्ठ कांग्रेस नेता कुलदीप बिश्नोई के ज़रिए वह चाल चल दी जिसकी काट पूर्व मुख्यमंत्री और कांग्रेस प्रत्याशी अजय माकन की जीत की गारंटी दे रहे भूपेन्द्र सिंह हुड्डा के पास भी नहीं था।

हुड्डा के आड़े आने के बाद प्रदेश अध्यक्ष बनने से चूक के बिश्नोई ने राज्यसभा चुनाव में क्रॉस वोटिंग कर अपनी कसक निकाल ली और इसी के साथ अजय माकन की हार पटकथा लिख दी गई और विधानसभा चुनावों से पहले दिल्ली दरबार में ख़ुद का क़द बड़ा करने की हुड्डा की सियासी योजना भी ताश के पत्तों के महल की तरह एक झटके में ढह गई। कांग्रेस के कुल 31 विधायकों में एक बिश्नोई अपनी अंतरात्मा की आवाज सुनकर क्रॉस वोटिंग कर ही चुके थे, एक कांग्रेस विधायक का वोट रद्द हो गया और इस तरह अजय माकन के लिए 29 विधायको के वोट ही रह गए। एक विधायक के वोट के 100 अंक थे लिहाजा माकन 2900 वोट पर सिमट गए और निर्दलीय कार्तिकेय शर्मा को 29 विधायकों के वोटों के साथ भाजपा प्रत्याशी कृष्ण पंवार के अतिरिक्त 66 वोट भी ट्रांसफर हो गए। इस तरह माकन के 2900 के मुकाबले कार्तिकेय शर्मा के 2966 वोट हो गए और उनकी जीत सुनिश्चित हो गई।

इस हार से कांग्रेस की फ़ज़ीहत इसलिए भी अधिक हो रही हाँ क्योंकि पार्टी के पास एक सीट आसानी से जीतने लायक विधायक होने पर भी खेमेबाज़ी के चलते हार का मुँह देखना पड़ा। बहुत सम्भव है कि क्रॉस वोटिंग के रूप में बग़ावत का झंडा बुलंद करने वाले कुलदीप बिश्नोई पर कांग्रेस नेतृत्व जल्द एक्शन भी ले लेकिन राज्यसभा के रण में पार्टी के हाथ लगी हार ने हुड्डा की नेतृत्व क्षमता बनाम मुख्यमंत्री खट्टर के चुनावी प्रबंधन की तस्वीर पेश कर दी है।

फ़न कुचलने का हुनर आता है मुझे….बिश्नोई की बग़ावत!

बहरहाल पार्टी कार्रवाई करेगी तब करेगी लेकिन कुलदीप बिश्नोई ने कांग्रेस प्रत्याशी अजय माकन की हार सुनिश्चित होने के बाद एक ट्विट कर कांग्रेस नेतृत्व और भूपेन्द्र हुड्डा का अपने तेवरों से रूबरू करा दिया है। बाग़ी बिश्नोई ने ट्विट किया कि फन कुचलने का हुनर आता है मुझे, साँप के खौफ से जंगल नहीं छोड़ा करते। हरियाणा का सियासत के जानकार बखूबी समझ सकते हैं कि बिश्नोई का ये तीखा तंज भूपेन्द्र हुड्डा पर ही था।


बिश्नोई परिवार के तेवर यहीं तक सीमित नहीं थे बल्कि माकन की हार होते ही तड़के 3.31 बजे कुलदीप बिश्नोई के बेटे भव्य बिश्नोई ने शायराना अंदाज में पूर्व सीएम हुड्डा पर बड़ा प्रहार किया। भव्य बिश्नोई ने ट्विट किया कि हम समंदर हैं हमें खामोश रहने दो, जरा मचल गए तो शहर ले डूबेंगे।

उधर हरियाणा सीएम मनोहर लाल ने यह कहकर सूबे का सियासी पारा और गरमा दिया है कि अगर कुलदीप बिश्नोई भाजपा में आना चाहेंगे तो उनका स्वागत है। दरअसल, मनोहर लाल 2024 की चुनौती के लिहाज से सियासी बिसात पर अपनी चालें चल रहे हैं और अगर कांग्रेस पूर्व मुख्यमंत्री भजनलाल के बेटे और सीनियर लीडर कुलदीप बिश्नोई को पार्टी से बाहर का रास्ता दिखाती है तो इस मौके पर मुख्यमंत्री नहीं चूकेंगे। आदमपुर से लेकर एक बड़े क्षेत्र पर बिश्नोई परिवार का सियासी दबदबा रहा है और हरियाणा विधानसभा चुनाव में जीत की हैट्रिक लगाने के लिए भाजपा सियासी फायदा उठाएगी।

बहरहाल हरियाणा के सियासी कुरुक्षेत्र में मनोहर बनाम हुड्डा जंग में 2024 में कौन किस पर भारी पड़ता है, इसके लिए तो इंतजार करना होगा लेकिन राज्यसभा के रण में पूर्व मुख्यमंत्री के हाथों से निर्दलीय कार्तिकेय शर्मा के बहाने दूसरी सीट झटक कर मुख्यमंत्री ने खुद को इक्कीस साबित जरूर कर दिया है।

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