रामदेव बनाम एलोपैथी विवाद: उत्तराखंड में प्राइवेट के साथ अब सरकारी डॉक्टर भी कूदे रामदेव के विरोध आंदोलन में, मंगलवार को काला फ़ीता बाँधकर करेंगे ड्यूटी

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  • कल 1 जून को प्रदेश भर में काली पट्टी बांधकर काम करेंगे डॉक्टर
  • रामदेव द्वारा एलोपैथ और डॉक्टरों को लेकर दिए गए बयान के विरोध में काली पट्टी बांधकर काम करेंगे डॉक्टर
  • प्रदेशभर के निजी और सरकारी डॉक्टर बाबा की गिरफ्तारी की मांग को लेकर कल मनाएंगे काला दिवस
  • सरकारी और निजी मेडिकल कॉलेजों के छात्र भी इस आंदोलन में होंगे शामिल
  • पतंजलि के उत्पादों के बहिष्कार की भी उठ रही है मांग

देहरादून: योगगुरु रामदेव के एलोपैथी पर खड़े किए बखेड़े के चलते हालात यहाँ तक पहुंच गए हैं कि कोरोना महामारी के बीच डॉक्टरों को काला फ़ीता बाँधकर काम करना पड़ेगा। दरअसल बाबा रामदेव ने लगातार एलोपैथी और आईएमए पर हल्ला बोला जिसके बाद अब डॉक्टरों ने आंदोलन का ऐलान कर दिया है। मामला इस स्तर पर पहुंच गया है कि उत्तराखंड के डॉक्टर भी इंडियन मेडिकल एसोसिएशन यानी आईएमए के समर्थन में मंगलवार को काला फ़ीता बाँधकर ड्यूटी करेंगे। आंदोलन पर उतर आए डॉक्टरों की मांग है कि बाबा रामदेव को गिरफ्तार किया जाए।


प्रांतीय चिकित्सा सेवा संघ के प्रदेश महासचिव डॉ मनोज वर्मा ने कहा है कि बाबा रामदेव के बयान से डॉक्टरों का मनोबल गिरा है। महामारी में जब डॉक्टर दिन-रात मरीजों की सेवा में जुटे हैं तब बाबा रामदेव की एलोपैथी मेडिकल साइंस पर बयान निंदनीय है। डॉक्टरों का आरोप है कि सरकार भी इस मामले मे मूकदर्शक बनी हुई है इसलिये आईएमए के समर्थन में सरकारी डॉक्टर भी आ रहे हैं। आईएमए के प्रदेश सचिव डॉ अजय खन्ना ने कहा है कि बाबा रामदेव के एलोपैथी को लेकर दिए बयान के खिलाफ सभी डॉक्टर जिनमें सरकारी व निजी मेडिकल कॉलेज, एम्स के जूनियर डॉक्टर भी काला फ़ीता बाँधकर काम करेंगे।


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