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सचिवालय संघ का धामी सरकार और अफ़सरशाही को अल्टीमेटम, एक माह की अवधि में 14 सूत्री माँगों और 22 सूत्री सुझावों पर अमल न होने पर आंदोलन को होंगे मजबूर

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देहरादून: सचिवालय सेवा संवर्ग की लम्बित मांगें पूरा करने को लेकर पांच अगस्त को सचिवालय संघ एवं सचिवालय के सभी संवर्गीय संघों के पदाधिकारियों की बैठक में सर्वसम्मति से लिये गये निर्णय की सूचना आज मुख्यमंत्री पुषकर सिंह धामी एवं अन्य सभी सक्षम अधिकारियों को प्रेषित की गई हैं। इसके तहत संज्ञान कराया गया है कि सचिवालय सेवा संवर्ग की लम्बित मांगों का अपेक्षित निस्तारण नियत समयावधि में कराने का अनुरोग सक्षम स्तर के अधिकारियों से करते हुये संघ की लम्बित मांगों के लिए एक माह का समय सरकार एवं सक्षम अधिकारियों को देने का निर्णय सर्वसम्मति से लिया गया है।

एक माह की अवधि में सचिवालय संघ द्वारा किसी प्रकार का कोई आन्दोलन आदि न किये जाने का संकल्प लिया गया है। साथ ही सर्वसम्मति से यह भी निर्णय लिया गया है कि एक माह की अवधि व्यतीत होने के उपरान्त सचिवालय संघ की लम्बित मांगों का अपेक्षित निस्तारण न होने की दशा में सचिवालय संघ पुनः अपनी बैठक कर लोकतांत्रिक तरीके से चरणबद्ध आन्दोलन चलाने हेतु अपनी रणनीति बनायेगा और आन्दोलनात्मक कार्यक्रम की रूपरेखा निर्धारित करने हेतु स्वतन्त्र होगा।

सचिवालय संघ के अध्यक्ष दीपक जोशी ने कहा है कि संघ द्वारा अपनी सभी लम्बित 14 सूत्रीय मांगों व सचिवालय कार्मिकों की व्यवहारिक कठिनाई तथा सचिवालय कार्य प्रणाली के सुधारात्मक 22 सूत्रीय महत्वपूर्ण सुझाव मुख्यमंत्री को नौ अगस्त को उनसे हुई वार्ता बैठक में हस्तगत करा दिये गये हैं, जिन पर अब सक्षम अधिकारियों के सहयोग से निर्णय होना है।

सचिवालय संघ एवं सभी संवर्गीय संघों द्वारा लिये गये निर्णयानुसार इन सभी मांगों का एक माह की अवधि में अपेक्षित निराकरण कराये जाने हेतु सचिवालय संघ द्वारा आज पुनः मुख्यमंत्री से अनुरोध किया गया है तथा इस अवधि में किसी प्रकार का कोई आन्दोलन न किये जाने का भरोसा दिया है। परन्तु इस अवधि में मांगों का अपेक्षित निदान नहीं होने के बाद सचिवालय संघ अपनी लम्बित मांगों की पूर्ति हेतु निश्चित रूप से आन्दोलन हेतु बाध्य होगा, इसकी भी सूचना से अवगत कराया दिया गया है।

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