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मुख्य सचिव ओमप्रकाश का अफ़सरों को सख्त संदेश, रोज़ाना 40 हज़ार टेस्ट का टार्गेट पूरा करें, गुरुवार को प्रदेश 66 दिन में सबसे कम 18,260 टेस्ट

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टेस्ट कम कर क्या छिपा रहे डीएम!

गुरुवार को 66 दिनों में सबसे कम 18,260 टेस्ट ही किए गए

देहरादून: उत्तराखंड में कोरोना केस लगातार कम हो रहे लेकिन एक चिन्ताजनक पहलू ये सामने आ रहा है कि जिलों में टेस्टिंग भी घटती जा रही है। गुरुवार को 66 दिनों में सबसे कम 18,260 टेस्ट ही किए गए। जाहिर है ये ख़तरनाक संकेत है और मुख्य सचिव ने इसे लेकर अफसरों को सख्त निर्देश दिए हैं कि रोजाना 40 हजार टेस्ट का टार्गेट हासिल किया जाए।

मुख्य सचिव ओमप्रकाश ने आज सचिवालय में कोविड की सम्भावित तीसरी लहर के लिए तैयारियों के सम्बन्ध में बैठक ली। मुख्य सचिव ने अधिकारियों को सख्त निर्देश देते हुए कहा कि प्रदेश में कोविड केसों में कमी आने के बावजूद टेस्टिंग को किसी भी हाल में कम न किया जाए। उन्होंने 40 हजार टेस्ट प्रतिदिन का टारगेट पूरा किए जाने के निर्देश दिए। ये बेहद जरूरी है कि कोरोना के कमजोर पड़ने पर टेस्टिंग की रफ्तार कम न हो लेकिन ऐसा हो नहीं रहा।
लगातार महामारी के प्रारम्भ से कोरोना डेटा एनालिटिक्स कर रही एसडीसी फ़ाउन्डेशन के संस्थापक अध्यक्ष अनूप नौटियाल कहते हैं कि कम टेस्टिंग इसलिए ज़्यादा ख़तरनाक हो जाती है कि एक तो जब टेस्ट कम होते हैं तो सोसायटी में संदेश जाता है कि ऑल इज वेल और कोरोना कम या ख़त्म मानकर लोगों का महामारी को लेकर बिहेवियर बदल जाता है। नौटियाल ने कहा कि ये अच्छी बात है कि कम से कम मुख्य सचिव ने निर्देश दिए कि रोज़नामा 40 हज़ार टेस्ट का लक्ष्य हासिल किया जाए। उन्होंने कहा कि ये निर्देश इसलिए भी ज़रूरी थे कि गुरूवार को 66 दिनों में सबसे कम टेस्ट हुए हैं। यानी अफ़सरों के लेवल पर जिलों में गफ़लत हो रही।

मुख्य सचिव ने कोविड की अगली लहर के लिए पूर्ण तैयारियां करते हुए क्लीनिकल प्रोटोकोल के अनुसार बाल चिकित्सकों एवं नर्सों का कोविड केयर के सम्बन्ध में प्रशिक्षण करा लिए जाने के निर्देश भी दिए। उन्होंने सम्भावनाओं के अनुरूप अगली लहर के लिए चिकित्सालयों में बच्चों के ऑक्सीजन मास्क एवं मेडिसिन आदि की समस्त व्यवस्थाओं की तैयारी के लिए 30 जून तक प्लान तैयार करने के निर्देश दिए।
मुख्य सचिव ने कहा कि प्रदेश में ऑक्सीजन की उपलब्धता में काफी सुधार हुआ है, आने वाले समय में और अधिक ऑक्सीजन प्लान्ट्स राज्य में स्थापित हो जाएंगे। उन्होंने कहा कि पर्वतीय क्षेत्रों में मार्ग अवरूद्ध होने के कारण ऑक्सीजन के ट्रांसपोर्टेशन में समस्या आ सकती है, इसलिए प्रत्येक जनपद में ऑक्सीजन की स्टोरेज एवं ऑक्सीजन कन्सन्ट्रेटर पर अधिक फोकस किए जाने पर बल दिया। उन्होंने कहा कि इससे पर्वतीय क्षेत्रों में विषम परिस्थितियों में भी ऑक्सीजन की उपलब्धता बनी रहेगी।
इस अवसर पर अपर मुख्य सचिव मनीषा पंवार, सचिव अमित नेगी, आर. मीनाक्षी सुन्दरम, डाॅ. पंकज कुमार पाण्डेय, सौजन्या एवं डीजी हेल्थ डाॅ. तृप्ति बहुगुणा सहित अन्य वरिष्ठ अधिकारी मौजूद रहे।

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