देहरादून: मानसून सत्र के दूसरे दिन जब विपक्ष नियम 58 के तहत कार्य स्थगन कर गौरा देवी कन्याधन योजना से महरूम 38 हजार निर्धन बच्चियों का मुद्दा उठा रहे थे और इस पर विभागीय मंत्री रेखा आर्य बजट का रोना रो रही थी, तब अचानक सदन पहुँचे सीएम धामी ने ऐलान किया कि योजना के लिए 49.42 करोड़ रु का बजट तुरंत मंजूर करेंगे। इसके बाद तारीफ़ें ट्रेजरी बेंचेज के साथ-साथ ऑपोज़िशन रैंक्स की तरफ से भी जमकर बरसीं। सीएम पुष्कर सिंह धामी ने कुछ इसी अंदाज में कनेक्टिविटी के मुद्दे पर सदन की सीढ़ियों पर धरने पर धारचूला से कांग्रेस विधायक हरीश धामी और चारधाम यात्रा शुरू करने की माँग कर रहे केदारनाथ विधायक मनोज रावत को आगे हाथ बढ़ाकर साथ लिया और सदन लेकर चले गए।
ये विधानसभा के मानसून सत्र के दूसरे दिन का सीन-1 था, जहां सीएम सदन के हीरो के तौर पर हिट रहे। जबकि सीन-2 में सीएम धामी के किए धरे पर प्रश्नकाल में मंत्रियों ने पानी फेरने की कोशिश की और मंत्री सतपाल महाराज टोटली फ़्लॉप शो रहे।
वैसे तो चौथी विधानसभा के अब तक के तमाम विधानसभा सत्रोें के दौरान सवालों का जवाब देने में सबसे फीसड्डी मंत्रियों की गणना करेंगे तो संभवतया पर्यटन मंत्री सतपाल महाराज सबसे निचले पायदान पर मिलेंगे। मंगलवार को भी मानसून सत्र के दूसरे दिन प्रश्नकाल चला सवालों के जवाब देने में मंत्री महाराज का चिर-परिचित अंदाज फिर दिखाई दिया। प्रश्नकाल में सवाल विपक्षी विधायकों के रहे हो या सत्ता पक्ष के विधायकों कुछ जानना चाहा हो, कैबिनेट मंत्री सतपाल महाराज ने भी ज्यादातर अनुपूरक सवालों के जवाब में ‘आपको बाद में जवाब उपलब्ध करा दिया जाएगा’ की तान छेड़े रखी। धनौल्टी से निर्दलीय विधायक प्रीतम सिंह पंवार ने सिंचाई मंत्री के नाते सतपाल महाराज से टिहरी बांध के किनारे स्थित ग्रामीणों के बांध में डूबने से हुए जान माल के नुकसान का विवरण मांगा था। इसके जवाब में महाराज ने जानकारी दी कि 2017-18 से 14 लोगों की मौत हो चुकी है और 2011 में केंद्र ने तय किया था कि बांध के किनारे खतरे वाले स्थानों पर तारबाढ़ जैसे सुरक्षा उपाय किए जाएंगे। इस पर प्रीतम पंवार ने दस साल से एक भी जगह सुरक्षा उपाय न होने पर सवाल उठाए। इस दौरान भाजपा विधायक मुन्ना चौहान ने भी मंत्री से सवाल पूछा कि सुरक्षा उपाय तो बाद में होंगे क्या सरकार ने खतरे वाले स्थानों का चिन्हीकरण कर लिया है। इन सब अनूपूरक सवालों पर मंत्री महाराज बगले झाँकने को मजबूर दिखे।
मंत्री महाराज की मुसीबत यहीं कहां खत्म होने वाली थी! बीजेपी विधायक खजानदास ने वन भूमि के कारण अटकी सड़कों की जानकारी लोक निर्माण विभाग के मंत्री के नाते सतपाल महाराज से मांगी। इस पर मंत्री महाराज के आधे-अधूरे जवाब से असंतुष्ट विधायक खजानदास ने कहा कि आखिर क्या कारण है कि भूगोल, समाज, संस्कृति में उत्तराखंड के समान होने के बावजूद हिमाचल में इस तरह की दिक्कतें नहीं आती। इस प्रश्न पर भी मुन्ना चौहान ने मंत्री महाराज से क्षतिपूर्ति वृक्षारोपण न होने के कारण अटकी सड़कों का भी विवरण देने को कहा। अब चौतरफा घिरे महाराज ने बचाव का अपना चिर-परिचित ब्रह्मास्त्र निकाला,’ आपको बाद में जवाब उपलब्ध करा दिया जाएगा।’