
Uttarakhand News: उत्तराखंड की सियासत में खेल स्टेडियमों के नाम बदलने को लेकर सत्ताधारी दल भाजपा और विपक्षी दल कांग्रेस में घमासान मचा हुआ है। नेता प्रतिपक्ष यशपाल आर्य से लेकर प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष करन माहरा और बाक़ी नेताओं ने प्रदेश सरकार पर जमकर निशाना साधा है। नेता प्रतिपक्ष आर्य ने कहा है कि राजीव गांधी इंटरनेशनल स्टेडियम एवं इंदिरा गांधी इंटरनेशनल स्टेडियम समेत विभिन्न खेल स्टेडियम का नाम परिवर्तन संकीर्ण राजनीति का प्रतीक है। यशपाल आर्य ने कहा कि नाम बदलने की प्रवृति गवर्नेंस नहीं बल्कि द्वेष व भेदभाव के आधार पर अपनी विफलताओं पर पर्दा डालने की अति चिन्तनीय संकीर्ण राजनीति है।
नेता प्रतिपक्ष आर्य ने कहा कि बीजेपी सरकार का जनता की समस्या से कोई सरोकार नहीं है और आज सिर्फ नाम बदलने को ही प्रदेश का विकास समझ लिया है ।उन्होंने कहा कि भाजपा सरकार को समझना चाहिए कि नाम बदलने से काम नहीं बदलता। पूछा कि क्या नाम बदलने से विकास की धारा बदल जायेगी? आर्य ने आक्रामक अंदाज़ में भाजपा सरकार को कटघरे में खड़ा करते हुए कहा,”सत्य ये है की नाम बदलो, ध्यान भटकाओ, असली मुद्दों से भाग जाओ!”
उन्होंने कहा कि भाजपा सरकार को नाम और काम का अंतर सीखना चाहिए। तीन वर्ष का कार्यकाल बीत चुका है, विकास का काम कब शुरू होगा। जमीन पर कोई ठोस काम नहीं दिखा सकते, केवल भ्रम और प्रचार करते हैं।
यशपाल आर्य ने कहा कि भाजपा प्रदेश के हालात बदलने वाली सरकार नहीं बल्कि नाम बदलने वाली सरकार चला रही है क्योंकि भाजपा के लिए ये नया नहीं है। उन्होंने कहा कि केंद्र में यूपीए सरकार के समय की विभिन्न जनकल्याणकारी योजनाएं जिसमें प्रधानमंत्री जन धन योजना यूपीए की मूल बचत बैंक जमा खाता थी। बेटी बचाओ, बेटी पढ़ाओ योजना राष्ट्रीय बालिका दिवस कार्यक्रम थी। दीन दयाल उपाध्याय ग्राम ज्योति योजना राजीव ग्रामीण विद्युतीकरण योजना थी। कायाकल्प और शहरी परिवर्तन के लिए अटल मिशन जवाहरलाल नेहरू राष्ट्रीय शहरी नवीनीकरण मिशन थी। उन्होंने कहा कि यहां तक कि पीएम मोदी का प्रमुख कार्यक्रम “मेक इन इंडिया” भी नए नाम के तहत राष्ट्रीय विनिर्माण नीति (एनएमपी) था ।
नेता प्रतिपक्ष ने कहा कि डिजिटल इंडिया पहले की राष्ट्रीय ई-गवर्नेंस योजना थी ,स्किल इंडिया राष्ट्रीय कौशल विकास कार्यक्रम थी । मिशन इंद्रधनुष सार्वभौमिक टीकाकरण कार्यक्रम था और पहले एलपीजी के लिए प्रत्यक्ष लाभ हस्तांतरण (DBT) था। भाजपा के पास विभिन्न मुद्दों पर जनता को गुमराह करने के सिवा उन्हें देने के लिए कुछ नहीं है।
यशपाल आर्य ने कहा कि सवाल ये है कि नाम बदलने से क्या बेरोजगारों को रोजगार मिलेगा? महंगाई कम हो जाएगी? सड़क, बिजली, शिक्षा, पेयजल ,सिंचाई और स्वास्थ्य सुविधाएं बेहतर हो जाएंगी।
हालांकि इस मुद्दे पर बवाल मचने और कांग्रेस के तीखे विरोध के बाद खेल विभाग ने स्टेडियमों के नाम बदलने की ख़बरों का खंडन किया है। खेल विभाग ने तर्क दिया है कि केवल सम्पूर्ण खेल परिसरों को नाम दिया गया है और परिसर के अंदर खेल स्टेडियमों के नाम यथावत हैं।