देहरादू्न: प्रदेश में विधानसभा चुनाव सिर पर हैं लेकिन बावजूद इसके शासन में बैठे चुनिंदा पॉवरफुल ब्यूरोक्रेट अपना एजेंडा चलाने के चक्कर में कार्मिकों को सरकार से ख़फ़ा करने में कोर कसर नहीं छोड़ रहे। इसी का नतीजा है कि कार्मिक हितों की लड़ाई लड़ रहे उत्तराखंड अधिकारी कार्मिक शिक्षक महासंघ को कार्मिक संगठनों की लम्बित मांगों के निस्तारण में हावी नौकरशाही के शीर्ष अधिकारियों के उदासीन व उपेक्षापूर्ण रवैये के विरूद्ध 24 दिसंबर को राजधानी मुख्यालय देहरादून में परेड ग्राउण्ड से सचिवालय तक ‘‘हुँकार रैली‘‘ निकालने का ऐलान करना पड़ा था। लेकिन प्रदेश के मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी के कार्मिक वर्ग के प्रति सकारात्मक दृष्टिकोण तथा उनके द्वारा किसी भी कार्मिक संगठन के पदाधिकारी या सदस्य का उत्पीड़न न होने की वचनबद्धता को देखते हुए महासंघ ने हुंकार रैली स्थगित कर दी है।
महासंघ के कार्यकारी अध्यक्ष दीपक जोशी ने कहा है कि सीएम के सकारात्मक रुख और वर्तमान समय में आगामी विधानसभा निर्वाचन की आदर्श आचार सहिता के प्रभावी होने में कम समय रह जाने के दृष्टिगत शासकीय कार्य के त्वरित निष्पादन तथा राज्य की आम जनता के हित व सर्वांगीण विकास को देखते हुए हुंकार रैली स्थगित करने का निर्णय लिया गया है।
जोशी मे कहा कि प्रदेश हित और मुख्यमंत्री से लंबित माँगों पर मिले ठोस आश्वासन व शासन में बैठे कतिपय पॉवरफुल नौकरशाहों द्वारा किसी भी प्रकार के उत्पीड़न न होने देने के वादे पर उत्तराखण्ड अधिकारी-कार्मिक-शिक्षक महासंघ द्वारा 24 दिसंबर को प्रदेश में हावी नौकरशाही के विरूद्ध प्रस्तावित ‘‘हुँकार रैली‘‘ स्थगित करने का निर्णय लिया गया है।
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