ऐसे हारेगा ओमीक्रॉन? मध्यप्रदेश में लौटा लॉकडाउन रात्रि 11 से 5 कर्फ़्यू, उतराखंड में दिनभर नेताओं की रैलियों-रोड शो में भीड़ का रैला, रात्रि में ‘कर्फ़्यू‘ से कोरोना क़ाबू करने पर धामी सरकार कर रही अभी सिर्फ विचार

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देहरादून: देश में कोरोना महामारी का खतरा टला नहीं है। डेल्टा वैरिएंट ने कोरोना की दूसरी लहर के रूप में कहर बरपाया तो अब दक्षिण अफ्रीका में मिले नए वैरिएंट ओमीक्रॉन ने पूरी दुनिया को ख़ौफ़ज़दा कर दिया है। भारत में भी लगातार ओमीक्रॉन का खतरा बढ़ता जा रहा है। देश में अब तक ओमीक्रॉन के 355 केस सामने आ चुके हैं। महाराष्ट्र और दिल्ली में सबसे ज्यादा क्रमश: 88 और 57 मामले सामने आए हैं। उत्तराखंड में भी पहला ओमीक्रॉन मरीज मिल चुका है। हालात न बिगड़ें लिहाजा कर्नाटक से लेकर मध्यप्रदेश तक कई राज्य सरकारें नाइट कर्फ़्यू से लेकर क्रिसमस और न्यू ईयर आयोजनों पर पाबंदियां लगाने जैसे सख्त कदम उठा रही हैं। मध्यप्रदेश में बुधवार को कोरोना के 30 पॉजीटिव मिले जिसके बाद गुरुवार को ही राज्य में लॉकडाउन लौट आया और शिवराज सरकार ने रात्रि 11 बजे से सुबह 5 बजे तक नाइट कर्फ़्यू लगाने का ऐलान कर दिया है। इतना ही नहीं मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने कहा है कि जरूरत पड़ी तो और सख्त कदम उठाए जाएंगे। ज्ञात हो कि मध्यप्रदेश में बुधवार को 30 कोरोना पॉजीटिव मिले हैं और ग़नीमत है कि अभी तक ओमीक्रॉन वैरिएंट का एक भी मरीज नहीं मिला है लेकिन महाराष्ट्र और गुजरात में हाहाकार मचने के हालात बनते देख मध्यप्रदेश सरकार चौकन्ना हो गई है।

ओमीक्रॉन की दस्तक और अब बात उत्तराखंड की

एक तरफ जहां मध्यप्रदेश सरकार ने बुधवार को कोरोना के कई महीनों बाद 30 पॉजीटिव केस मिले और ओमीक्रॉन की दस्तक से पहले ही नाइट कर्फ़्यू लगातार सख्त पाबंदियों के लौटने का रास्ता खोल दिया। जबकि गुरुवार को मध्यप्रदेश के मुकाबले बेहद कम आबादी वाले उत्तराखंड में 39 कोरोना पॉजीटिव मामले सामने आए और इससे पहले राजधानी देहरादून में एक ओमीक्रॉन मरीज भी मिल चुका लेकिन सख्त कदम के नाम पर नाइट कर्फ़्यू आदि लगाने के बारे में सोचा जा सकता है, यह जानकारी भर दी गई है।

सवाल है कि चुनावी मोड में आई धामी सरकार को कब लगेगा कि जनता की जान पर फिर से न बन आए लिहाजा सख्त कदम उठा लेने चाहिए? क्या दूसरी लहर जैसे मंजर का इंतजार हो रहा है या फिर हाईकोर्ट से कोरोना जंग में लचर तैयारियों पर लगने वाली आए दिन की फटकार का इंतजार किया जा रहा है?

वैसे भी चुनावी राज्य में दिनभर तमाम दलों व नेताओं के कार्यक्रमों-रैलियों में भारी भीड़ जुट रही है और इसके बाद अगर रात्रि 10-11बजे से लेकर सुबह 5 बजे तक नाइट कर्फ़्यू लगा भी दिया जाएगा तो ऐसी सख्ती से भला कोरोना और ओमीक्रॉन कैसे हारेगा, यह भी एक पहेली है?
पिछले दिनों प्रधानमंत्री मोदी, कांग्रेस नेता राहुल गांधी से लेकर दिल्ली सीएम अरविंद केजरीवाल की रैलियों-रोड शो में हजारों की भीड़ जुटी और अब रोज सीएम पुष्कर सिंह धामी, पूर्व सीएम हरीश रावत और आप सीएम चेहरे कर्नल अजय कोठियाल के चुनावी कार्यक्रमों में कोविड नियमों को तार-तार करते हुए सैंकड़ों लोग जुट रहे हैं।

ताज्जुब यह कि कोरोना के डेल्टा वैरिएंट के मुकाबले तीन गुना तेजी से फैलते ओमीक्रॉन से लड़ाई के लिए केन्द्रीय स्वास्थ्य सचिव राजेश भूषण ने उत्तराखंड सहित तमाम राज्यों को पत्र लिखकर नए वैरिएंट का प्रसार रोकने को शादी-ब्याह और अंतिम संस्कार आदि में लोगों की तादाद सीमित करने की सलाह दी है।
सवाल है कि शादी-ब्याह और अंतिम संस्कार में लोगों की संख्या सीमित कर दी जाए लेकिन राजनीतिक रैलियों में भीड़ का रैला बुलाने को हर दांव आज़माया जाएगा?

प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने गुरुवार की कोरोना व ओमीक्रॉन के हालात पर हुई बैठक में चुनावी राज्यों यूपी, उत्तराखंड, पंजाब, गोवा और मणिपुर में वैक्सीनेशन की रफ्तार बढ़ाने के निर्देश दिए हैं।

उत्तराखंड में गुज़रे कुछ हफ़्तों से वैक्सीनेशन की रफ्तार थमती गई है और एसडीसी फ़ाउन्डेशन के संस्थापक अनूप नौटियाल की माने तो इस रफ्तार से 31 दिसंबर यानी साल खत्म होने तक लक्ष्य के मुक़ाबले करीब 12 लाख लोगों को वैक्सीन नहीं दी जा सकेगी।

कहने को केन्द्र के निर्देश और बढ़ते मामलों को देखते हुए गुरुवार को मुख्य सचिव की अध्यक्षता में सचिव, चिकित्सा स्वास्थ्य एवं चिकित्सा शिक्षा, उत्तराखण्ड शासन तथा सचिव, आपदा प्रबंधन एवं पुनर्वास विभाग, सचिव, मुख्यमंत्री, उत्तराखण्ड सरकार, पुलिस महानिदेशक तथा महानिदेशक, चिकित्सा स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण, उत्तराखण्ड की उपस्थिति में ओमीक्रॉन (Omicron) वैरिएंट के संक्रमण की रोकथाम एवं बचाव को लेकर बैठक की गई। बैठक में भारत सरकार द्वारा जारी दिशा-निर्देशों में उच्च स्तरीय विचार-विमर्श किया गया तथा समस्त जिलाधिकारियों एवं मुख्य चिकित्साधिकारियों को उक्त वायरस से बचाव हेतु ठोस कार्यवाही के निर्देश दिए जिसमें मुख्य रूप से अस्पतालों में बेड, ऑक्सीजन, दवाईयां इत्यादि की समुचित व्यवस्था हेतु निर्देश दिये गये एवं इसके अतिरिक्त ओमीक्रॉन (Omicron) वैरिएंट के संक्रमण को रोकने से सम्बन्धित सभी पहलुओं पर गहन विचार-विमर्श किया गया। साथ ही यह भी निर्णय लिया गया कि समस्त जनपदों को कोविड जाँच तथा टीकाकरण हेतु डोर-टू-डोर सर्वे को तीव्र गति से कराया जाये तथा दिन-प्रतिदिन ओमीक्रॉन (Omicron) वैरिएंट के संक्रमण से सम्बन्धित सभी पहलुओं पर विचार-विमर्श किया जायेगा और आवश्यकता पड़ने पर सख्त कदम उठाया जायेगा। यदि आवश्यकता होगी तो नाइट कर्फ्यू अथवा अन्य प्रतिबन्ध लगाये जाने पर भी विचार किया जायेगा।


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