सरकार, सभी पक्षकारों ने एक साथ रोक हटाने की मांग की।
कोर्ट ने कहा स्वास्थ्य व्यवस्था दुरुस्त करिए
- Sanitization के लिए उत्तराखण्ड एन्टी spitting एंड एन्टी लिटरिंग एक्ट 2016 के तहत सभी यात्रा रुट में आने वाले ज़िले, नगर निकाय और पंचायतें कार्यवाही करे।
- फूल वालों से लेकर टूर ऑपरेटर तक सब व्यथित है- हाई कोर्ट
- कोर्ट ने कहा कि केदारनाथ धाम में 800 यात्री, बदरीनाथ धाम में 1000 यात्री, गंगोत्री में 600 और यमुनोत्री में 400 यात्रियों को प्रतिदिन जाने की अनुमति होगी। यात्री किसी भी कुंड में स्नान नहीं कर सकेंगे।
नैनीताल: चारधाम यात्रा पर लगी रोक के चलते चौतरफा घिरती जा रही धामी सरकार को आखिरकार गुरुवार को नैनीताल हाईकोर्ट से बड़ी राहत मिल गई। चीफ जस्टिस आरएस चौहान और जस्टिस आलोक कुमार वर्मा की बेंच ने सरकार के शपथपत्र पर सुनवाई करते बड़ी राहत दे दी।
ज्ञात हो कि हाईकोर्ट ने 28 जून को कोरोना संक्रमण के खतरे और राज्य सरकारी की आधी-अधूरी तैयारियों के चलते चारधाम यात्रा पर रोक लगा दी थी जिसके बाद जुलाई में धामी सरकार चार हफ्ते की हाईकोर्ट स्टे के खिलाफ एसएलपी लेकर सुप्रीम कोर्ट पहुंच गई थी। लेकिन जुलाई-अगस्त दो माह बीत जाने के बाद भी सरकारी वकील मामले की लिस्टिंग तक नहीं करा पाए।
इधर स्थानीय कारोबारियों, तीर्थ-पुरोहितों और विपक्ष की घेराबंदी से धामी सरकार बैकफुट पर आ चुकी थी। लिहाजा सरकार ने सुप्रीम कोर्ट से एसएलपी वापिस लेकर दोबारा 10 सितंबर को हाईकोर्ट का दरवाजा खटखटाया जहां उसे राहत मिल गई।