जोशीमठ: भगवान बदरी विशाल के कपाट 18 मई को ग्रीष्म काल के लिए खुल गए थे लेकिन कोरोना महामारी के कारण एक बार फिर से कपाट खुलने के बावजूद किसी को भी मंदिर में प्रवेश करने की अनुमति नहीं दी गई है। कोरोना महामारी के बीच देवस्थानम बोर्ड ने मंदिर खुलने का समय निर्धारित किया था। बोर्ड की नई SOP के बाद भगवान बदरी विशाल के मंदिर के साथ-साथ अन्य मंदिरों को खोलने का समय सुबह 7 बजे से शाम 7:00 बजे तय किया गया है।
अब इस पर ब्रह्म कपाल तीर्थ पुरोहित संघ ने सवाल खड़े किए हैं । ब्रह्म कपाल तीर्थ पुरोहित संघ के अध्यक्ष उमाकांत सती का कहना है कि जब तीर्थ यात्रियों को मंदिर में आने की अनुमति ही नहीं है तो फिर मंदिर के ब्रह्म मुहूर्त में खुलने के समय को क्यों बदला गया? उन्होंने कहा है कि हम सरकार के फैसले का स्वागत करते हैं लेकिन देवस्थानम बोर्ड द्वारा मंदिर खोलने का समय परिवर्तित करना धार्मिक मान्यताओं के साथ छेड़छाड़ है।
तीर्थ पुरोहित संघ का आरोप है कि देवस्थानम बोर्ड चारों धामों में परंपराओं के साथ निरंतर छेड़खानी कर रहा है, जो सनातन धर्म के लिए ठीक नहीं है। आदि गुरु शंकराचार्य द्वारा बनाई गई परंपराओं के साथ छेड़खानी करना दुर्भाग्यपूर्ण है और ब्रह्म कपाल तीर्थ पुरोहित संघ इसका विरोध करता है। तीर्थ पुरोहित संघ ने मुख्यमंत्री तीरथ सिंह रावत और पर्यटन व संस्कृति मंत्री सतपाल महाराज से परम्परा के अनुसार ब्रह्म मुहूर्त में ही चारधाम मंदिरों को खोले जाने की व्यवस्था बहाल करने मांग की है।
रिपोर्ट: नितिन सेमवाल, स्थानीय पत्रकार, जोशीमठ