
- पूर्व सीएम हरीश रावत देर रात अपनी बेटी और हरिद्वार ग्रामीण विधायक अनुपमा रावत के साथ थाने के बाहर धरने पर
- पुलिस प्रशासन की जिद, शासन की नहीं क्योंकि सीएम से मेरी बात हुई है
- अब मैं किसी भी सीमा तक जा सकता हूं
- जरूरत पड़ेगी तो यहां तक कि प्राण भी न्योछावर कर सकता हूं
- बकौल हरदा जब सीएम और शासन इन्वॉल्व नहीं तो कौन जो हांक रहा हरिद्वार पुलिस?
हरिद्वार: लोकसभा चुनाव करीब हैं और भले पंचायत चुनाव भाजपा जीत गई हो लेकिन अंदर से वह अच्छे से समझती है कि लोकसभा में हरिद्वार की लड़ाई उसे बहुत संभलकर लड़नी होगी क्योंकि इस जिले में उसे बाइस बैटल में उधमसिंहनगर जिले की तरह ही कांग्रेस से शिकस्त खानी पड़ी है। स्वामी यतीश्वरानंद से लेकर संजय गुप्ता जैसे सीएम धामी के करीबी भी हरिद्वार की पिच पर चुनावी अखाड़े में चित हो गए थे। अब कांग्रेस से हरिद्वार की नुमाइंदगी कर चुके हरदा लोकसभा चुनाव की संभावनाएं टटोल रहे और जिला प्रशासन खासकर पुलिस प्रशासन उनको इस पिच पर बैटिंग का मौका मुहैया कराता नजर आ रहा है।
अगर ऐसा नहीं होता तो बीते दिनों में कई मौकों पर पूर्व मुख्यमंत्री हरीश रावत वर्तमान मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी की तारीफ में कसीदे पढ़ते देखे गए लेकिन अब अचानक क्या हुआ कि हरदा को हरिद्वार में एक थाने के बाहर धरने पर बैठना पड़ रहा है! धरने को हरिद्वार की सियासी पिच पर खुद के लिए वॉर्म अप का अवसर मान कर हरदा ने कसरत शुरू कर दी है।
अब सवाल है कि क्या यह हरिद्वार पुलिस ही है जो बकौल हरदा कांग्रेस कार्यकर्ताओं पर झूठे मुकदमे लाद रही या फिर हरिद्वार में खुद को सीएम धामी का करीबी जताकर पूर्व मंत्री स्वामी यतीश्वरानंद विधानसभा चुनाव में अनुपमा रावत से हार की खीज निकाल रहे? वैसे भी अनुपमा रावत के क्षेत्र के कामों में रोड़े अटकाने को लेकर स्वामी की भूमिका हर जगह उनके विरोधी बताते हैं। बहरहाल हरदा लोकसभा चुनाव से पहले वॉर्म अप मुद्रा में आने की बेकरार हैं।
आप तस्वीरों में देख भी सकते हैं कि हरदा ने हरिद्वार की पिच पर लंबी बैटिंग के लिए वॉर्म अप भी शुरू कर दिया है। दरअसल हरदा जैसे मंझे सियासी खिलाड़ी के लिए ऐसे मौके पर सियासी चौके जड़ने का बहाना लेकर आते हैं और विधायक के नाते जब लड़ाई की अगुआ बेटी अनुपमा रावत कर रही हों तब पिता के नाते हरदा की हिम्मत बढ़ना लाजिमी है भी। तभी तो हरदा ने ऐलान कर दिया है कि अब चाहे प्राणों की आहुति ही क्यों न देनी पड़ जाए पंचायत चुनाव में कांग्रेसी कार्यकर्ताओं पर दर्ज किए झूठे मुकदमे वापस कराकर ही जायेंगे।
दरअसल, कांग्रेस कार्यकर्ताओं की गिरफ्तारी के विरोध में हरिद्वार ग्रामीण से पार्टी विधायक अनुपमा रावत गुरुवार से बहादराबाद थाने में धरने पर बैठी हैं और शुक्रवार को पूर्व सीएम हरीश रावत ने भी धरने को समर्थन देते हुए हादराबाद थाने में डेरा डाल दिया। शनिवार सुबह हरदा को लोगों ने धरना स्थल पर कसरत करते देखा। यानी पूर्व सीएम हरदा ने शुक्रवार रात थाना परिसर में लगे टेंट में ही गुजारी।
इस दौरान हरीश रावत ने आरोपलगाया कि पुलिस प्रशासन हरिद्वार में कांग्रेस कार्यकर्ताओं को टारगेट कर उन पर फर्जी मुकदमे कर रहा है। भाजपा पंचायत चुनाव में अपनी जीत और हार को पचा नहीं पा रही है। देश को आजादी दिलाने वाली कांग्रेस इसे डरने वाली नहीं है। वहीं विधायक अनुपमा रावत ने साफ तौर से चेतावनी दी कि जब तक कांग्रेसियों पर दर्ज मुकदमे वापस नहीं होंगे तब तक थाने में ये धरना जारी रहेगा। आपको बता दें कि धरने के दूसरे दिन बड़ी संख्या में कांग्रेस कार्यकर्ता बहादराबाद थाने में मौजूद रहे और गाय भैंसों को थाने के अंदर बांधकर अनुपमा रावत के साथ डटे रहे।
हरदा ने सत्यमेव जयते के नारे के साथ सोशल मीडिया में यह लिखा
मुझे बड़े भारी मन से पुलिस की हरिद्वार में हो रही निरंकुशता और सत्तारूढ़ दल के विरोध में खड़े सामाजिक/कांग्रेस कार्यकर्ताओं के उत्पीड़न के खिलाफ बहादराबाद थाने में धरने पर बैठना पड़ रहा है और मैं इस धरने से तभी उठूंगा जब मेरी शंकाओं का समाधान कानून सम्मत तरीके से होता है, बहुत सारे सवाल हैं! मैंने माननीय मंत्री जी के संज्ञान में ये डाले थे। मुझे भरोसा था कि मुख्यमंत्री जी का हस्तक्षेप कांग्रेस कार्यकर्ताओं व सामाजिक कार्यकर्ताओं को राहत प्रदान करेगा!………….।
हरीश रावत , पूर्व मुख्यमंत्री
Pushkar Singh Dhami