देहरादून: केन्द्र सरकार द्वारा कोविड रिकवरी रेट को लेकर जारी राज्यों की रैंकिंग में उत्तराखंड निचले पायदान पर खड़ा है। कोविड रिकवरी रेट को लेकर उत्तराखंड 36 राज्यों और केन्द्रशासित प्रदेशों में 33वें पायदान पर पहुंच गया है। पिछले दिनों में उत्तराखंड में जिस तरह से संक्रमण के मामले बढ़े उसका असर रिकवरी रेट पर दिखाई दे रहा है। एक अप्रैल को जहां राज्य का रिकवरी रेट 94 फीसदी प्लस था वो अब घटकर 75.84 फीसदी रह गया है। राज्य का मौजूदा रिकवरी रेट उत्तरप्रदेश, दिल्ली और महाराष्ट्र जैसे राज्यों का रिकवरी रेट उत्तराखंड से बेहतर है। जबकि उत्तराखंड में मृत्युदर केरल से छह गुणा ज्यादा है। मृत्यु दर सरकार के लिए चिंता का सबब होना चाहिए लेकिन इसके उलट मौत के आंकड़े साझा करते समय हॉस्पिटल आँकड़े छिपाते नजर आ रहे हैं। वो ऐसे कि हॉस्पिटल समय पर पूरी मौतों के आंकड़े शेयर नहीं कर रहे हैं।
एसडीसी फ़ाउंडेशन ने पिछले पांच दिनों के मृत्यु के आँकड़ों का अध्ययन कर एक डाटा साझा किया है। एसडीसी फ़ाउन्डेशन के संस्थापक अध्यक्ष अनूप नौटियाल ने बताया है कि 17 मई से 21 मई के बीच कोविड से कुल 789 मौतें हुई जिनमें 314 मौतें यानी 40 फ़ीसदी को बैकलॉग डेट के तौर पर शामिल किया गया। पिछले पाँच दिनों में 46+79+83+19+87 मौतें हुई लेकिन इन्हें दैनिक कुल मौत के आँकड़ों में न दर्शाकर बैकलॉग डेथ में रखा गया। उदाहरण के लिए 21 मई को 70 मौतें दिखाई गई और 46 बैकलॉग डेथ थी। यानी मौत का आँकड़ा 116 रहा लेकिन सिर्फ 70 मौतें ही दैनिक आँकड़ों में शामिल की गई। महज पिछले पांच दिनों में 340 मौतें बैकलॉग डेथ के तौर पर दर्ज की गई हैं। नौटियाल मांग करते हैं कि राज्य सरकार सख्ती के साथ अस्पतालों को कोविड संबंधी सभी तरह के डाटा/जानकारी समयबद्ध तरीके से साझा करने के निर्दश दें और जो अस्पताल सहयोग न करता दिखे उस पर कड़ा एक्शन भी लेना चाहिए।
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