- टोल फ्री नंबर 18001208862 जारी
- उत्तराखण्ड में अब तक कुल 20,505 पशुओं में लंपी रोग की पुष्टि
- 8028 पशु पूर्ण रूप से स्वस्थ हो चुके
- अब तक 341 पशुओं की लंपी रोग से मौत
Dehradun News: राजस्थान, हरियाणा और यूपी के बाद अब पशुओं में फैल रहे स्किन रोग लंपी का कहर उत्तराखंड में भी दिख रहा है। गनीमत है कि राज्य का पशुपालन विभाग दूसरे राज्यों में लंपी के कहर को देखकर सचेत हो गया और पशुपालन मंत्री सौरभ बहुगुणा ने केंद्र सरकार से पर्याप्त संख्या में टीके मांग लिए जिससे समय रहते करीब छह लाख टीके जिलों तक पहुंच गए। नतीजा यह रहा कि इस बीमारी से लड़ने में मदद मिल रही है। लेकिन अब दरकार है कि पशुपालक सरकार द्वारा दिए गए टोल फ्री नंबर के जरिए जागरूक बनकर फैल रही लंपी बीमारी से लड़ने में मददगार बने।
गुरुवार को प्रदेश के पशुपालन मंत्री सौरभ बहुगुणा ने पशुओं में फैल रहे लंपी रोग को लेकर पशुपालन विभाग के अधिकारियों के साथ समीक्षा बैठक की। समीक्षा बैठक के बाद प्रेस कॉन्फ्रेंस में कैबिनेट मंत्री बहुगुणा ने लंपी रोग के विषय में जानकारी देते हुए कहा कि उत्तराखण्ड में अब तक कुल 20,505 पशुओं में लंपी रोग की पुष्टि हुई है। इनमें से 8028 पशु पूर्ण रूप से स्वस्थ हो चुके हैं, जबकि अब तक 341 पशुओं की लंपी रोग से मृत्यु हो गई है। उन्होंने कहा कि लंपी रोग से स्वस्थ होने की दर 40% तथा मृत्यु दर 1.6% है।
मंत्री सौरभ बहुगुणा ने पशुओं के वैक्सीनेशन को लेकर बताया कि प्रदेश में लंपी रोग की मॉनिटरिंग के लिए राज्य सरकार द्वारा नोडल अधिकारी नियुक्त किये गये हैं। उन्होंने कहा कि हमारे पास 6 लाख टीके उपलब्ध हैं जिनमें से 5 लाख 80 हजार टीके प्रदेश के विभिन्न जिलों में वितरित भी किये जा चुके हैं। सौरभ बहुगुणा ने कहा कि राज्य सरकार ने लंपी रोग की रोकथाम के लिए 4 लाख टीकों का ऑर्डर और दिया है।
पशुपालन मंत्री ने राज्य के पशुपालकों से अपील की है कि प्रत्येक पशुपालक अपने पशुओं का बीमा जरूर कराए ताकि किसी भी प्रकार की हानि होने पर पशुपालकों को उचित मुआवजा प्राप्त हो सके। उन्होंने टोल फ्री नंबर 18001208862 जारी करते हुए कहा कि यहां से लंपी रोग के संबंध में जानकारी प्राप्त की जा सकती है।
मंत्री बहुगुणा ने SOP जारी करते हुए कहा कि सभी को लंपी रोग के बारे में जागरूक रहना होगा। उन्होंने कहा कि अन्य लंपी रोगग्रस्त क्षेत्रों से पशुओं के व्यापार पर पूर्णतः प्रतिबंध लगाया गया है।
मंत्री ने कहा कि हरिद्वार तथा देहरादून लंपी रोग से सर्वाधिक प्रभावित जिले हैं जिनमें से हरिद्वार में 11350 तथा देहरादून में 6383 लंपी रोग के केस पंजीकृत किये गये हैं।
मंत्री ने कहा कि केन्द्र सरकार ने लंपी रोग से बचाव हेतु वैक्सीनेशन व फण्डिंग से संबंधित सहायता समय पर उपलब्ध कराई है जिसके लिए हम केन्द्र सरकार का धन्यवाद करते हैं।
बैठक में सचिव पशुपालन, डॉ0 बी0वी0आर0सी0 पुरूषोत्तम, महानिदेशक सूचना विभाग बंशीधर तिवारी, अपर निदेशक पशुपालन विभाग डॉ लोकेश कुमार, संयुक्त निदेशक सूचना विभाग आशिष कुमार त्रिपाठी तथा अन्य विभागीय अधिकारी उपस्थित रहे।