Rajasthan Udaipur Murder News: मंगलवार को राजस्थान के उदयपुर में हुई कन्हैयालाल टेलर की बर्बर हत्या ने पूरे देश को हिला दिया है। देश गुस्से और उबाल में है कि आखिर कैसे सुनियोजित तरीके से शांत उदयपुर में दो बर्बर हत्यारे एक टेलर की दुकान में नाप देने के बहाने घुसते हैं और तलवारों के प्रहार से उसकी गर्दन धड़ से अलग कर देते हैं। अब इसके तार दावत ए इस्लामी संगठन से जुड़े होने की बात कही जा रही है और केंद्रीय गृह मंत्रालय ने इस आतंकी वारदात को लेकर NIA को जांच का जिम्मा अपने हाथ में लेने के निर्देश दिए हैं।
इस बर्बर हत्या का वीडियो जिसने भी देखा वह हत्यारों को जल्द से जल्द फांसी देने की मांग कर रहा। यहां तक कि अशोक गहलोत सरकार के मंत्री प्रताप सिंह खाचरियावास ने कहा है,’ मैं कल से गुस्से से उबल रहा हूं। इनको तुरन्त ठोक देना चाहिए। 4 दिन के अंदर इनको फांसी पर लटकाया जाए।’ अब मुख्यमंत्री अशोक गहलोत कह रहे हैं कि यह अंतरराष्ट्रीय साजिश का हिस्सा भी हो सकता है लेकिन गहलोत साहब से कोई पूछे कि क्या इस बर्बर हत्या के लिए उनकी सरकार और पुलिस की नाकामी कारण नहीं है?
क्या उदयपुर की पुलिस विषय की गंभीरता दिखाती तो जब नुपुर शर्मा के समर्थन में सोशल मीडिया पर पोस्ट डालने के बाद 11 जून को कन्हैया लाल को पड़ोसी नाजिम की शिकायत पर गिरफ्तार कर लिया गया था और उसे जमानत पर छूटने के बाद से जान से मारने की धमकियां मिल रही थीं तब पुलिस क्यों सोई रही?
मुख्यमंत्री के साथ सूबे के गृह मंत्रालय का ज़िम्मा संभाल रहे अशोक गहलोत की पुलिस तब भी सोई रही जब 15 जून को कन्हैयालाल टेलर ने लिखित शिकायत देकर अपनी हत्या की आशंका जताई थी और सुरक्षा की गुहार लगाई थी। अपनी शिकायत में कन्हैया लाल ने बाकायदा नाम लेकर कहा कि नाजिम और उसके 5 साथी उसकी दुकान की रेकी कर रहे हैं और दुकान खोलते ही हत्या कर सकते हैं। नाजिम ने मेरा फोटो सोशल मीडिया ग्रुप में भी वायरल कर दिया है और सबको कह दिया है कि यह व्यक्ति कहीं भी दिखे या दुकान पर आए तो जान से मार देना।
कन्हैया लाल ने यह भी कहा था कि ये लोग दबाव बना रहे थे कि अगर मैंने दुकान खोली तो यह लोग मुझे मार देंगे। इतना ही नहीं कन्हैया लाल ने नाजिम सहित अन्य लोगों के खिलाफ कार्रवाई की मांग करते हुए सुरक्षा भी मांगी थी। लेकिन गहलोत की पुलिस ने स्थिति की गंभीरता का अंदाजा लगाए बिना समझौता कराकर मामले की लीपापोती कर देनी चाही।
पुलिस ने नाजिम और कन्हैया लाल को बिठाकर समझौता कराकर छुट्टी पाई और नतीजा कन्हैया लाल की बर्बर हत्या के रूप में सामने आया। मंगलवार को कन्हैया लाल ने 6 दिन बाद दुकान खोली थी और दो युवक कपड़े सिलवाने के लिए नाप देने के बहाने अंदर घुसते हैं और तालिबानी खौफनाक तरीके से हत्या की वारदात को अंजाम दे देते हैं। अब पकड़े गए आरोपियों गौस मोहम्मद और रियाज से SIT इस साजिश के राज उगलवाने की कोशिश कर रही है। NIA भी जांच कर रही है।
सवाल पुलिस की कार्य प्रणाली पर ही उठ रहे हैं कि आखिर कन्हैया लाल के 8 साल के बेटे के नूपुर शर्मा के समर्थन में पोस्ट डालने के बाद तुरंत नाजिम की शिकायत पर कन्हैया लाल अरेस्ट कर लिए जाते हैं लेकिन जान के खतरे की आशंका जताते कन्हैया लाल को लेकर पुलिस असंवेदनशील रुख अपनाए रहती है। क्या इसका जवाब मुख्यमंत्री और सूबे के गृहमंत्री अशोक गहलोत के पास होगा?