न्यूज़ 360

VIDEO उत्तरकाशी: पहली बरसात में धामी सरकार की आपदा को लेकर तैयारियां धड़ाम, गाँवों में प्रभावितों के ज़ख़्मों पर मरहम लगाने कोई नहीं पहुँचा- सजवाण

Share now
  • आपदा प्रभावित गाँवों तक पहुँचे पूर्व विधायक विजयपाल सजवाण का आरोप
  • आपदा प्रबंधन और प्राथमिक सहायता के मामले में सरकार, प्रशासन पूरी तरह फेल?
  • कंकराड़ी गांव में एक लापता, सुमन गुसाईं पुत्र गोकुल गुसाईं कल रात्रि से गायब, मलबे में दबे होने की आशंका।
  • जिले के जिम्मेदार अधिकारी अभी तक परिजनों के बीच नही पहुंचे।
  • आपदा प्रबंधन के मामले में संवेदनशील नही है सरकार।
  • बादल फटने की घटना के बाद पूर्व विधायक विजयपाल सजवाण पहुंचे प्रभावित गांवों में
  • धामी सरकार से की प्रभावितों को जल्द मुआवज़े देने की मांग की
YouTube player
पूर्व विधायक विजयपाल सजवाण

उत्तरकाशी: पूर्व कांग्रेस विधायक ने सीजन की पहली बारिश में आपदा को लेकर सरकारी तंत्र को पूरी तरह फेल करार दिया है।विजयपाल सजवाण ने कहा कि वे गाँवों में पीड़ितों तक पहुँचे तो बताया गया कि न शासन-सरकार और जिला प्रशासन का वरिष्ठ अधिकारी मिलने पहुँचा है।

जनपद मुख्यालय उत्तरकाशी में लगातार हो रही भारी बारिश के बीच आज पूर्व विधायक विजयपाल सजवाण आपदा प्रभावित माँडों गांव पहुंचे। जहां कल रात्रि को भारी बारिश से बादल फटने की घटना हुई जिसमें 3 लोगों की जनहानि भी हुई है। माधुरी भट्ट पत्नी देवानंद भट्ट, ऋतु भट्ट पत्नी दीपक भट्ट और पुत्री गौरी की मौत हो गई है।


पूर्व विधायक सजवाण ने घटना पर गहरा दुःख व्यक्त कर शोकाकुल परिजनों को ढांढस बंधाया। इधर पूरे माँडों गांव के अनेक घरों में भारी मलवा घुसा हुआ है, जनजीवन पूरी तरह अस्त-व्यस्त है लोगों ने रात्रि से ही अन्यत्र शरण ले रखी है। स्थिति का स्थलीय निरीक्षण कर पूर्व विधायक विजयपाल सजवाण ने सरकार से मांग की है कि आपदा रेस्क्यू में तेजी लाने सहित गांव में पेयजल, विद्युत व्यवस्था दुरुस्त करने के साथ प्रभावितों को उचित मुआवजे की घोषणा की जाए। उन्होंने कहा कि वे अभी आपदाग्रस्त कंकराड़ी, मुस्टिकसौड़ एवं अन्य जगहों पर जा रहे है, इस मुश्किल वक्त में हम पूरी तरह से प्रभावितों के साथ है जनजीवन के रक्षार्थ हमारी हर संभव कोशिश रहेगी की हर नागरिक की सहायता की जा सके।

Show More

The News Adda

The News अड्डा एक प्रयास है बिना किसी पूर्वाग्रह के बेबाक़ी से ख़बर को ख़बर की तरह कहने का आख़िर खबर जब किसी के लिये अचार और किसी के सामने लाचार बनती दिखे तब कोई तो अड्डा हो जहां से ख़बर का सही रास्ता भी दिखे और विमर्श का मज़बूत मंच भी मिले. आख़िर ख़बर ही जीवन है.

Related Articles

Back to top button
error: Content is protected !!