
Uttarakhand News: नेता प्रतिपक्ष यशपाल आर्य ने उत्तराखंड की भाजपा सरकार को त्रिस्तरीय पंचायत चुनाव ना कराने को लेकर आड़े हाथों लिया है। यशपाल आर्य ने कहा है कि ‘एक देश, एक चुनाव’ की बात करने वाली भाजपा, उत्तराखंड में जिला पंचायत और ग्राम पंचायत के चुनाव तक नहीं करा पा रही है। आर्य ने कहा कि ग्राम पंचायत छोटी नहीं बल्कि असली सरकार होती है लेकिन भाजपा सरकार संविधान का खुला उल्लंघन कर रही है। नेता प्रतिपक्ष ने कहा कि चुनाव न होने से जहाँ गाँवों का विकास ठप है वहीं आम लोगों को अपने छोटे-छोटे काम कराने के लिए विभागों के चक्कर काटने पड़ रहे हैं।
यशपाल आर्य ने कहा कि प्रदेश में गांवों की सुध लेने वाला कोई नहीं है। उन्होंने कहा कि प्रचारजीवी सरकार केवल कागजों तक ही सीमित है। नेता प्रतिपक्ष ने बताया कि पंचायतों के कार्यकाल को बढ़ाने का कोई प्रावधान एक्ट में नहीं है, जिससे त्रिस्तरीय पंचायतों का कार्यकाल एक दिन के लिए भी नहीं बढ़ाया जा सकता और सरकार अधिकतम छह महीने के लिए प्रशासक नियुक्त कर सकती है लेकिन स्थिति ये है कि सरकार द्वारा पंचायती राज अधिनियम का उल्लंघन करके लोकतांत्रिक व्यवस्था को कमजोर किया जा रहा है।
उन्होंने कहा कि सरकार इन संस्थाओं के अधिकारों को अर्थहीन कर रही है। सरकार पंचायती राज व्यवस्था की शक्तियां छीनने और ग्रामीण संस्थाओं को अस्थिर करने का काम कर रही है। नेता प्रतिपक्ष आर्य ने पूछा कि पंचायत चुनाव कब होंगे.. कोई पता नहीं? उन्होंने कहा कि लोकतंत्र में जन प्रतिनिधित्व की सबसे छोटी इकाई के चुनावों के लिए सरकार अक्षम दिख रही है।
नेता प्रतिपक्ष ने कहा कि भाजपा के शासन में जिस तरह पंचायती राज व्यवस्था में संविधान की अवहेलना एवं लोकतांत्रिक व्यवस्था का दमन किया जा रहा है, उससे गांव की सरकार कभी सशक्त और सुदृढ़ नहीं हो सकती है।
यशपाल आर्य ने कहा कि ग्राम सभायें हमारी संस्कृति व समृद्धि की नींव हैं और इनके सशक्तिकरण का काम पंचायतीराज व्यवस्था के माध्यम से होता आया है लेकिन आज सरकार पंचायती राज संस्थाओं को कमजोर करना चाहती है जिसका हम मुखरता से विरोध करेंगे।