देहरादून: नेता प्रतिपक्ष यशपाल आर्य ने चारधाम अव्यवस्थाओं को लेकर धामी सरकार पर हमला बोला है। यशपाल आर्य ने आरोप लगाया है कि उत्तराखंड में चारधाम यात्रा की जगजाहिर हो चुकी अव्यवस्थाएं अब प्राणघातक होकर सारी दुनिया का ध्यान आकर्षित कर रही हैं लेकिन सरकार और उसके मंत्री विदेशों में सैर-सपाटे या कोरी बयानबाजी कर व्यवस्थाओं के सुधार की आशा कर रहे हैं।
आर्य ने कहा कि भाजपा के प्रवक्ता सनातन धर्म की इस प्रसिद्ध यात्रा में हो रही मौतों को “श्रद्धालुओं द्वारा मोक्ष प्राप्ति” का प्रयास बता कर बिना इलाज के हो रही मार्मिक और दर्दनाक मौतों पर उपहास कर रहे हैं।
नेता प्रतिपक्ष ने कहा कि चारधाम यात्रा का उत्तराखंड की अर्थव्यवस्था में लगभग 1200 करोड़ रुपये का योगदान है और अगर समय रहते धामी सरकार नही चेती तो सनातन धर्मावलंबियों के बीच जा रही चारधाम यात्रा की अव्यवस्थाओं की खबरों से न केवल उत्तराखंड की छवि खराब होगी बल्कि आने वाले सालों में यात्रा पर भी नकारात्मक असर पड़ेगा। इसका असर सीधा राज्य की अर्थव्यवस्था पर और चारधाम यात्रा रूट वाले जिलों के निवासियों की आर्थिक स्थिति पर पड़ेगा।
यशपाल आर्य ने कहा कि अव्यवस्थाओं के साथ 3 मई से शुरू हुई चारधाम यात्रा के महज़ दो हफ्तों में की अल्पावधि में ही 41 तीर्थयात्रियों की मौत हो चुकी है। आर्य ने कहा कि अगर इन आकंड़ों की तुलना वैष्णो देवी यात्रा सहित दुनिया के ऊंचाई वाले इलाकों में होने वाली धार्मिक यात्राओं से करें तो इस साल चारधाम यात्रा में अभी तक हुई मौतों की संख्या अन्य यात्राओं से कई गुना अधिक है। हर दिन चारधाम यात्रा में बढ़ते मौत के आंकड़े दुनियाभर में सनातन धर्म के लिए शर्मिंदगी का कारण बन रहे हैं।
आर्य ने कहा कि भाजपा सरकार की लचर व्यवस्थाओं से चारधाम यात्रा पर पूरी तरह पानी फिर गया है। सरकारी कुप्रबंधन ने हिंदुओं की आस्था पर गहरी चोट पहुंचाई है। यात्रियों को बिना दर्शन किए ही लौटने को मजबूर होना पड़ रहा है और अनियंत्रित भीड़, विभिन्न मार्गों पर लगने वाले घंटों के जाम को चलते समय पर निर्धारित स्थानों पर नहीं पहुंचने के कारण एक ओर यात्रियों द्वारा बुक कराए होटल खाली हैं, तो दूसरी ओर हजारों श्रद्धालु बारिश में बाहर भीगने को मजबूर हैं।
नेता प्रतिपक्ष ने आरोप लगाया कि धामी सरकार के लचर रवैये के चलते स्थानीय लोगों के साथ ही होटल-ढाबे चलाने वालों से लेकर लॉज, खच्चर मालिकऔर फूल व प्रसाद बेचने वालों तक में जबर्दस्त गुस्सा है । दो साल बाद शुरू हुई चारधाम यात्रा में सरकारी कु-प्रबंधन ने यात्रा से जुड़े इन लाखों स्थानीय लोगों की आशाओं पर पानी फेर दिया है।
यशपाल आर्य ने कहा कि ऋषिकेश से आगे बदरीनाथ मार्ग पर 10 किलोमीटर की दूरी तय करने में 6 घंटे का समय लग रहा है। बदरीनाथ राष्ट्रीय राजमार्ग अणिमठ से जोशीमठ और उसके बाद मारवाड़ी तक की 15 किलोमीटर की दूरी में रोजाना सड़क जाम होने से यात्रियों का फंसे रहना आम हो चुका है। नेता प्रतिपक्ष ने कहा कि केदारनाथ में अंतिम सड़क पर स्थित गौरीकुंड के पास पहुंचने के लिए फाटा-रामपुर से सोनप्रयाग की 12 किलोमीटर की दूरी तय करने में भी 6 घंटे लग रहे हैं। सामान्य दिनों में स्थानीय लोग 6 घंटे में ऋषिकेश से गौरीकुंड पहुंच जाते हैं।।
यशपाल आर्य ने कहा कि कांग्रेस पार्टी ने पहले भी कहा था कि यात्रा व्यवस्था को लेकर सरकार के मंत्रियों में आपस में और अधिकारियों में अर्तविरोध है। यात्रियों के विभिन्न धामों के लिए किए जाने वाले रजिस्ट्रेशन पर मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी, पर्यटन व धर्मस्व मंत्री सतपाल महाराज और वरिष्ठ अधिकारियों के बयान अलग-अलग थे। आर्य ने कहा कि जो सरकार यात्रियों की बढ़ती संख्या के आंकड़ों को बताने में गर्व महसूस कर रही थी, वह आज स्थितियों के बिगड़ने पर शुतुरमुर्ग की तरह मुंह छिपा रही है।
कांग्रेस नेता ने कहा कि आज तक धामी सरकार यह बताने की स्थिति में नही है कि वास्तव में प्रत्येक धाम में एक रात्रि में कितने यात्रियों के रहने की समुचित व्यवस्था है। स्वास्थ्य सुविधाएं लचर हैं और सरकार कुछ खास नही कर पा रही है। सरकार ने चारधाम श्रद्धालुओं के स्वास्थ्य का हाल अपनी क़रीबियों से जुड़ी स्वयं सेवी संस्थाओं के भरोसे छोड़ दिया है। ये संस्थाएँ सरकार से जमीन आदि लेने के लालच में चारधाम में नाम की स्वास्थ्य सुविधाएं दे रही हैं लेकिन इतनी महत्वपूर्ण यात्रा में वे कहीं भी जबाबदेह नही हैं।
आर्य ने कहा कि जब एक तरफ चारधाम यात्रा और दूसरी तरफ अव्यवस्थाएं चरम पर पहुंची तो राज्य के पर्यटन , धर्मस्व और लोक निर्माण विभाग के मंत्री सतपाल महाराज व्यवस्थाओं को ठीक करने के बजाय दुबई विदेश यात्रा में फ़ोटो खींचा कर पोस्ट करने में व्यस्त थे। आर्य ने आरोप लगाया कि अब दुबई से वापस आने के बाद पर्यटन मंत्री सतपाल महाराज स्थानीय व्यापारियों को जेल भेजने की धमकी दे रहे हैं। उन्होंने कहा कि मंत्रीजी और उनके अधिकारियों ने आज तक एक भी बैठक स्थानीय व्यापारियों के साथ नहीं ली। राज्य का कोई भी मंत्री या वरिष्ठ अधिकारी अभी तक सड़क मार्ग से चारधाम यात्रा और पैदल केदारनाथ नही गया है। आर्य ने पूछा कि क्य स्थानीय अधिकारियों ने दुर्गम हिमालयी यात्रा के विभिन्न स्थानों पर भौगोलिक परिस्थितियों और दुर्गमता को देखते हुए रोजमर्रा और खान-पान के सामान के रेट कितने होंगे, यह तय किया है?
आर्य ने कहा कि अगर नहीं तो फिर पर्यटन मंत्री सतपाल महाराज किस मुंह से स्थानीय व्यापारियों को जेल भेजने की धमकी दे रहे हैं? उन्होंने कहा कि कांग्रेस पार्टी किसी भी स्थानीय व्यापारी का उत्पीड़न होने नही देगी। मंत्री महाराज के पास लोक निर्माण विभाग भी है लेकिन इस साल अभी तक केदारनाथ पैदल मार्ग के किनारे लगी रेलिंग नही बनी हैं जिससे हर दिन कई दुर्घटनाएं हो रही हैं। पहले ये रैलिंग यात्रा शुरू होने से 1 महीने पूर्व ठीक कर दी जाती थी।
आर्य ने कहा कि धामी सरकार की व्यवस्था और तैयारियों की पोल इस बात से खुल जाती है कि यात्रा अव्यवस्थाओं पर खुद प्रधानमंत्री कार्यालय ने ही रिपोर्ट मांग ली है। केंद्र सरकार के राष्ट्रीय आपदा प्रबंधन समिति के सदस्य राजेन्द्र सिंह ने अव्यवस्थाओं को लेकर ऋषिकेश में बैठक कर धामी सरकार को लताड़ा है। आर्य ने कहा कि राज्य में चारधाम यात्रा संचालन के लिए केंद्रीय बल आईटीबीपी (ITBP) और एनडीआरएफ (NDRF) को तैनात करने के बाद भी कोई सुधार नही हुआ है।
चारधाम यात्रा को लेकर नोडल विभाग पर्यटन के मंत्री सतपाल महाराज पर विरोधियों ने बदइंतज़ामी को लेकर चौतरफा हल्लाबोल शुरू कर दिया है। पहले कांग्रेस नेता प्रीतम सिंह ने सतपाल महाराज को अन्तर्राष्ट्रीय पर्यटन मंत्री का तमग़ा देकर उनका मखौल उड़ाया तो अब नेता प्रतिपक्ष यशपाल आर्य ने मंत्री महाराज और धामी सरकार को चारधाम यात्रा तैयारियों को लेकर कटघरे में खड़ा किया है।