Accident in Uttarakhand News: उत्तराखंड में लगातार दूसरे दिन भीषण सड़क हादसे में पांच लोगों की मौत हो गई, जबकि एक घायल है। शुक्रवार को चमोली जिले में हुए सड़क हादसे में ओवरलोडेड वाहन में सवार 17 लोगों में से 12 की मौत हो गई थी। शनिवार को उत्तरकाशी जिले से एक कार के यमुनोत्री हाईवे पर खाई में गिरने की दुखद खबर आई जिसमें पांच लोगों की मौत हो गई। हादसे की सूचना मिलने के बाद पुलिस प्रशासन और एसडीआरएफ की टीमों ने घटनास्थल पचुंचकर रेस्क्यू ऑपरेशन चलाया और एक घायल यात्री को अस्पताल भर्ती कराया गया।
शनिवार को कार के खाई में गिरने का हादसा धरासू यमुनोत्री राजमार्ग पर ब्रह्मखाल के निकट हुआ। हादसे का शिकार हुई कार में छह लोग सवार थे जिनमें से पांच की मौत हो गई और एक यात्री गंभीर रूप से घायल हो गया। बताया गया कि शनिवार दोपहर 12 बजे के करीब UK 10A 0571 नंबर वाली कार उत्तरकाशी जाते हुए अचानक अनियंत्रित होकर 100 मीटर गहरी खाई में जा गिरी।
मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने जनपद उत्तरकाशी के यमुनोत्री हाइवे पर ब्रह्मखाल के समीप हुई वाहन दुर्घटना पर शोक व्यक्त किया है।
मुख्यमंत्री धामी ने दुर्घटना की मजिस्ट्रीयल जांच और मृतकों के परिजनों को 2-2 लाख रूपये की सहायता राशि देने के निर्देश दिये। उन्होंने दुर्घटना में घायल के निशुल्क उपचार की व्यवस्था सुनिश्चित करने के भी निर्देश दिए।
इससे एक दिन पहले शुक्रवार को चमोली जिले में ओवरलोडेड वाहन के गहरी खाई में गिरने से दो महिलाओं सहित 12 लोगों की मौत हो गई थी।
चिंताजनक यह है कि उत्तराखंड में एक्सीडेंट की घटना कल और आज की नहीं है बल्कि इसे परिवहन विभाग की लापरवाही कहिए या फिर कुछ और राज्य में सड़क हादसों में बड़ी संख्या में लोग जान गंवा रहे हैं।
SDC Foundation के संस्थापक अध्यक्ष अनूप नौटियाल कहते हैं कि पिछले छह महीनों में अकेले तीन बड़े सड़क हादसों में 72 लोगों की मौत हो गई। नौटियाल कहते हैं कि रोड सेफ्टी को लेकर कई स्तर पर सरकारी विभागों में apsi तालमेल की सख्त दरकार है लेकिन दुखद है कि हादसों के वक्त मुआवजे और जांच कर एलान से अधिक राज्य में रोड सेफ्टी को न कोई प्लानिंग दिखती है और न ही ऐसा कोई प्रोग्राम होता दिखा जिससे लोगों में सड़क हादसों को लेकर जागरूकता संबंधी कुछ कदम उड़ाए जाते दिखे हों। SDC Foundation के अध्यक्ष कहते हैं कि बीते पांच सालों में उत्तराखंड में पांच हजार लोगों ने विभिन्न सड़क हादसों में जान गंवा दी। वे कहते हैं कि तेज रफ्तार ड्राइविंग तो जिम्मेदार है ही, उसी के साथ खस्ताहाल सड़कें भी जान पर संकट बन रही। उन्होंने कहा कि राज्य सरकार इन दर्दनाक हादसों को रोकने के लिए पर्याप्त कदम उठाती नहीं नजर आती है।