चंपावत: सूखीढांग जीआईसी में दूसरी भोजनमाता की नियुक्ति के विवाद का आज पटाक्षेप हो गया है। स्कूल प्रबंधन समिति (SMC) ने शुक्रवार को दोबारा प्रक्रिया पूरी करते हुए भोजनमाता पद पर सुनीता देवी को ही नियुक्ति दे दी है। नियुक्ति को लेकर भोजनमाता सुनीता देवी ने THE NEWS ADDA को बताया कि उनको स्कूल प्रबंध समिति की तरफ़ा से फोन द्वारा सूचित किया गया है कि उनकी दोबारा नियुक्ति की गई है। सुनीता देवी ने कहा कि स्कूल की कल से छुट्टियाँ होने के कारण अब वह 15 दिन बाद स्कूल खुलने पर भोजनमाता का कामकाज संभालेंगी।
जानिए विवाद क्यों छिड़ा
सूखीढांग जीआईसी में दूसरी भोजनमाता की नियुक्ति को लेकर छिड़ा विवाद न केवल देशभर के मीडिया में उठा बल्कि बीबीसी से लेकर दुनियाभर के तमाम मीडिया संस्थानों ने इस विवाद को कवरेज दिया। इसके बाद राज्य सरकार पर भी दबाव था। यही वजह है कि मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी पर इस विवाद का पटाक्षेप करने का दबाव था। अनुसूचित जाति आयोग भी इसे घटना के बाद सक्रिय होकर प्रशासन पर एक्शन का दबाव बनाए हुए था।
दरअसल एसएमसी की नियुक्ति के लिए दो बार बैठक बुलाई गई थी। 15 नवंबर को हुई पहली बैठक में 11 आवेदन आए थे जिसमें पुष्पा भट्ट और सुनीता देवी के नाम शामिल थे। नियुक्ति के लिए चार दिसंबर को हुई दूसरी बैठक में चयन समिति ने सुनीता देवी का चयन किया जो कि नियमत: होना भी था। लेकिन इसके विरोध में दलित भोजनमाता सुनीता देवी के हाथों का बना भोजन खाने से सवर्ण जाति के छात्र-छात्राओं ने इंकार कर दिया।
ऐसा होने पर 24 दिसंबर को अनुसूचित जाति के छात्रों ने भी पहले से तैनात सवर्ण भोजनमाता का बनाया खाना खाने से इंकार कर दिया था।
शुक्रवार को भोजनमाता विवाद पहुंच गया थाने तक, सुनीता देवी ने दी तहरीर
भोजनमाता सुनीता देवी ने इस विवाद में हुई अभद्रता और जातीय भेदभाव का आरोप लगाते हुए चल्थी चौकी में तहरीर दे दी है। भोजनमाता सुनीता देवी की तहरीर पर क्षेत्र पंचायत सदस्य व स्कूल प्रबंध समिति सदस्य सहित छह लोगों के खिलाफ केस दर्ज कर लिया है।