बॉर्डर एरिया में चीन के ‘नापाक’ मंसूबे उत्तराखंड में नहीं होंगे कामयाब, सैनिक पुत्र सीएम धामी बना रहे ये ‘अभेद कवच’

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  • केंद्र से वित्तीय सहमति मिलने के बाद धामी सरकार योजना को लागू कर देगी

Uttarakhand News: उत्तराखंड की सीमाएं नेपाल के साथ चीन से भी लगती हैं। नेपाल तो खैर भारत का न केवल मित्र राष्ट्र है बल्कि दोनों देश आपस में रोटी-बेटी और सांस्कृतिक सांझेपन का रिश्ता रखते हैं। लेकिन दूसरा पड़ोसी चीन 1962 की लड़ाई के बाद उस तरह से भरोसेमंद नहीं कि हम आंख बंद कर बैठ जाएं। यही वजह है कि बॉर्डर एरिया में कैसे पलायन रुके और सुरक्षा के मद्देनजर भी निगरानी बढ़े इस लेकर राज्य सरकार बेहद महत्वपूर्ण योजना पर काम कर रही है। दरअसल, उत्तराखंड की पुष्कर सिंह धामी सरकार सीमाओं की मजबूत निगेहबानी के लिए 10 हजार हिम प्रहरी तैनात करने जा रही है।

प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के सीमाओं की चौकसी के मिशन में भागीदार बनते हुए उत्तराखंड सीएम पुष्कर सिंह धामी ने हिम प्रहरियों की तैनाती करने के लिए हिम प्रहरी योजना लागू करने की पूरी कार्ययोजना बना ली है। लद्दाख से लेकर बाड़ाहोती तक
चीन के नापाक इरादे किसी से छिपे नहीं है और अब देश और प्रदेश की अंतरराष्ट्रीय सीमा क्षेत्र में सुरक्षा बढ़ाने का निर्णय बेहद महत्वपूर्ण है और बॉर्डर एरिया में बसे युवाओं को हिम प्रहरी योजना से जोड़ा जाएगा जिसका फायदा सीमांत क्षेत्रों में जारी पलायन से लड़ने में भी राज्य को मिलेगा।

धामी सरकार की रणनीति है कि सीमांत क्षेत्रों में अभेद सुरक्षा के खातिर सेवानिवृत सैन्य कर्मियों की भी सहायता ली जाएगी। हिम प्रहरी योजना में भर्ती किए जाने वाले 10 हजार मातृभूमि के प्रहरियों में रिटायर्ड जवानों से लेकर अर्ध सैनिक बलों के रिटायर्ड जवान और युवाओं को जोड़ा जाएगा। योजना के तहत बाकायदा युवाओं को ट्रेनिंग भी दी जाएगी। जरूरत पड़ने पर जंग में भी हिम प्रहरी पीछे नहीं रहेंगे बल्कि दुश्मन के दांत खट्टे करने में हमारे सेना के जवानों के साथ डटेंगे।

सीएम धामी की इस अहम योजना को लेकर राज्य गृह विभाग चमोली, उत्तरकाशी, चंपावत, पिथौरागढ़ और उधमसिंहनगर के सीमांत से सटे ब्लॉकों में हिम प्रहरी योजना लागू करने को लेकर खाका बना लिया गया है। अपर सचिव रिद्धिम अग्रवाल के मुताबिक हिम प्रहरी योजना पर हर महीने करीब पांच करोड़ रुपए खर्च होने का अनुमान है जिसके लिए केंद्र से वित्तीय स्वीकृति मिलने का इंतजार है।

सीएम धामी ने मदद मांगी है और केंद्र से आर्थिक सहायता मिलने के बाद इस योजना को चीन के साथ ही नेपाल सीमा से सटे इलाकों में लागू कर दिया जाएगा।


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