क्या बद्रीनाथ, मंगलौर उपचुनाव लड़ने की तैयारी में टीम बॉबी पंवार?

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  • टिहरी लोकसभा चुनाव के बाद बद्रीनाथ, मंगलौर उपचुनाव लड़ेगी टीम बॉबी पंवार!
  • उत्तराखंड की 70 विधानसभाओं पर बॉबी की नजर
  • बॉबी ने शुरू किया युवा शक्ति, नारी शक्ति एवं अभिभावकों को जोड़ने का अभियान
  • सोशल मीडिया पर चर्चा शुरू टीम बॉबी पंवार लड़ेगी बद्रीनाथ उपचुनाव
  • उत्तराखंड बेरोजगार संघ के महासचिव सजेन्द्र कठैत बॉबी पंवार की तर्ज पर बद्रीनाथ से निर्दलीय लड़ने की तैयारी में!

Dehradun: उत्तराखंड के बेरोजगार युवाओं की सबसे मुखर आवाज बनकर उभरे बॉबी पंवार ने लोकसभा चुनाव लड़ते हुए प्रदेश के सियासी माहौल को गरमा दिया है। निर्दलीय प्रत्याशी के रूप में जिस अंदाज में बॉबी पंवार ने उत्तराखंड के ज्वलंत स्थानीय मुद्दों को धार दी, वैसी मारक क्षमता से शायद ही मुख्य विपक्षी कांग्रेस आक्रामक होकर सड़को दिखी हो! गढ़वाल में कांग्रेस प्रत्याशी गणेश गोदियाल जरूर इसके अपवाद हो सकते हैं, अन्यथा कांग्रेस सरेंडर मोड में ही ज्यादा दिखती रही। बॉबी पंवार के समर्थन में खड़े युवा तो यहां तक दावा कर रहे कि टिहरी लोकसभा सीट पर निर्दलीय प्रत्याशी के तौर पर बेरोजगार संघ के अध्यक्ष बॉबी ने सत्ताधारी दल ही नहीं बल्कि विपक्षी दलों की कई बूथों पर जमानत जब्त जैसी स्थिति पैदा कर दी है। हालांकि असल तस्वीर तो चार जून के नतीजे ही दिखाएंगे लेकिन इतना तय है कि 26 साल के बेरोजगार युवा बॉबी पंवार ने बेरोजगारी, अग्निवीर और अंकिता भंडारी जैसे मुद्दों के जरिए बीजेपी को घेरने में कोर कसर नहीं छोड़ी।


आलम यह था कि चुनाव प्रचार के दौरान जब राज्य की पुष्कर सिंह धामी सरकार में कैबिनेट मंत्री गणेश जोशी और बीजेपी प्रत्याशी व मौजूदा टिहरी सांसद माला राज्य लक्ष्मी शाह जब गढ़ी कैंट पहुंचे तो पूर्व सैनिकों ने न सिर्फ उन्हें वहां से उल्टा दौड़ा दिया बल्कि बॉबी पँवार जिंदाबाद के नई लगने लगे। इसके बाद तो मानो टिहरी लोकसभा में बॉबी की लहर सी चल गई।


टीम बॉबी के अनुसार टिहरी लोकसभा सीट पर प्रचार के दौरान भाजपा के कार्यक्रमों में भीड़ जुटाना मुश्किल होता जा रहा था और टिहरी की एक जनसभा में मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी भी लोगों को जबरन बिठाने को कहते नजर आए ,पर जब मीडिया वालों ने कैमरा घूमाना शुरू किया तो उन्होंने कहा कि जिनको जाना है उन्हें जाने दिया जाए।
टीम बॉबी की मानें तो इसके बाद टिहरी लोकसभा क्षेत्र बॉबी मय व पीले रंग में रंगा नजर आने लगा था। हालांकि परिणाम चार जून को ईवीएम खुलने के बाद आएगा लेकिन टीम बॉबी का कहना है कि जनता की लाखों में भीड़ ने बॉबी को एक मजबूत प्रत्याशी के तौर पर टिहरी में स्थापित किया।
जहां एक ओर निर्दलीय प्रत्याशी को सत्ता में बैठी भाजपा के नेता ही टक्कर में नहीं मान रहे थे वहीं बतौर सांसद प्रत्याशी बॉबी पँवार राष्ट्रीय दलों के मुकाबले सीधी टक्कर देते नजर आए।

बॉबी ने टिहरी लोकसभा चुनाव के दौरान ही स्पष्ट कर दिया था कि टिहरी अंत नहीं बल्कि शुरुआत है। पिछले दिनों चुनाव प्रचार के दौरान एक राष्ट्रीय चैनल की एंकर द्वारा जब बॉबी पंवार से एक सीट जीतने के बाद क्या बदलाव लाने का सवाल पूछा तो बॉबी ने स्पष्ट किया था कि वह एक सीट नहीं बल्कि 14 विधानसभाओं के विधायक जीत रहे हैं ,इसके बाद सरकार में नीतियां उनके हिसाब से बनेगी।

इस बयान ने उस समय तो सियासी रंग कम पड़ा मगर अब इस बयान के मायने साफ होते नजर आ रहे हैं जब बद्रीनाथ व मंगलौर में उपचुनाव के साथ निकाय चुनाव नजदीक आ रहे हैं। राजनीतिक जानकारों की माने तो बॉबी पंवार मंगलौर, बद्रीनाथ के साथ-साथ निकाय चुनाव में भी संघर्षशील प्रत्याशियों को निर्दलीय के तौर पर उतार सकते हैं और अपने बयान से इतर केवल 14 विधानसभाओं में नहीं बल्कि अपने बयान को और व्यापक रूप देते हुए 2027 में उत्तराखंड में आगामी चुनाव के दृष्टिगत बॉबी पंवार ने अपनी कोर टीम से कमर कसने के आदेश दे दिए हैं। साथ ही उन्होंने पूरे प्रदेश में व्यापक सदस्यता अभियान शुरू कर दिया है ।
बताते चले कि टीम बॉबी पंवार से बद्रीनाथ उपचुनाव के लिए सोशल मीडिया पर सबसे चर्चित नाम बेरोजगार संघ के सजेन्द्र कठैत का चल रहा है। सजेन्द्र कठैत बेरोजगार संघ के महासचिव रहते हुए संघ की सारी कानूनी व कई गतिविधियां देखते हैं। कठैत ने बेरोजगार संघ के कोर टीम सदस्य पीयूष जोशी के साथ मिलकर प्रदेश में आरटीआई को ऑनलाइन करवाया, साथ ही राज्य की सबसे बड़ी परीक्षा पीसीएस सिलेबस बदलाव में सजेन्द्र कठैत व पीयूष ने साथ मिलकर सरकार को ड्राफ्ट भेजा था जिसके आधार पर पीसीएस में प्रदेश के स्थानीय विषयों को सम्मिलित किया जा सका। इसके अलावा बेरोजगार संघ के तमाम घोटालों को उजागर करने में कागजी दस्तावेजी कार्य सजेन्द्र कठैत ही संभालते हैं।

परंतु बद्रीनाथ उपचुनाव की जैसे ही चर्चाएं निर्वाचन आयोग द्वारा शुरू की गई तो तत्काल बेरोजगार संघ की सोशल मीडिया टीम द्वारा सजेन्द्र कठैत का नाम पूरे प्रदेश में चर्चाओं मे उछाल दिया गया। फिलहाल बेरोजगार संघ या बॉबी पंवार की तरफ से कोई आधिकारिक पुष्टि नहीं हुई है पर इन पोस्टों के बाद सजेन्द्र कठैत की दावेदारी को मजबूती, कल बॉबी द्वारा सोशल मीडिया पर किए गए पोस्ट ने कर दी, जिसमें उन्होंने स्पष्ट तौर पर बद्रीनाथ के साथ साथ पूरे प्रदेश से युवाओं को टीम बॉबी पंवार से जुड़ने का आह्वान किया।
इसके लिए बॉबी ने बाकायदा एक लिंक भी जारी किया जो गूगल फॉर्म का है जो इस प्रकार है: https://docs.google.com/forms/d/e/1FAIpQLSdiagvv8y9cOwaxvSuKr8EgBVvZN4fLuViRkYOlJ66J0GAzFg/viewform?pli=1

इधर बेरोजगार संघ के सक्रिय होते ही राजनीतिक विश्लेषकों का मानना है कि जिस प्रकार टिहरी की सीट असमंजस में फंसे गई, कहीं बद्रीनाथ के साथ मंगलौर उपचुनाव भी भाजपा ,कांग्रेस के हाथों से ना निकल जाए और बेरोजगारों के हाथों में न आ जाए।
पूर्व विधायक राजेंद्र भंडारी जहां एक और भाजपा से प्रत्याशी हो सकते हैं तो कांग्रेस की ओर से अभी कोई आधिकारिक पुष्टि नहीं हुई है , वहीं तीसरे विकल्प के तौर पर सजेन्द्र कठैत क्या युवाओं की ओर से दावेदारी करेंगे, यह देखना दिलचस्प होगा।
इस बात में तो कोई दो राय ही नहीं है कि अब प्रदेश में क्षेत्रीय राजनीतिक दलों की आकांक्षाएं केवल और केवल बॉबी पंवार के कंधों पर टिकी नजर आ रही है। छह क्षेत्रीय दलों के गठबंधन उत्तराखंड रीजनल पार्टी एलियांज उत्तराखंड क्रांति दल सहित उत्तराखंड के तमाम राजनीतिक संगठन एक नया संगठन भी तैयार कर सकते हैं ऐसे कयास राजनीतिक विश्लेषक लगा रहे हैं।

कुल मिलाकर उत्तराखंड में लोकसभा चुनाव के बाद बतौर तीसरा विकल्प बॉबी पंवार का उभरना तय माना जा रहा है उसके साथ-साथ क्षेत्रीय मुद्दों व क्षेत्र वाद के साथ-साथ उत्तराखंड की स्थानीय समस्याओं के आधार पर चुनाव लड़ने वाले लोगों को बॉबी के रूप में एक आशा की किरण उभरती नजर आ रही है।


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