देहरादून: उत्तराखंड में पटवारी और लेखपाल के 513 पदों के लिए फॉर्म भरने शुरू हो गए हैं, लेकिन पर्वतीय क्षेत्र के हजारों बेरोजगार इस बार फॉर्म भरने से वंचित रह जाएंगे। दरअसल 17 जून को चयन आयोग ने 513 पदों पर पटवारी और लेखपाल की विज्ञप्ति जारी की थी, इसमें 147 पद लेखपाल के लिए हैं। उत्तराखंड के इतिहास में पहली बार लेखपाल के पदों के लिए ऊंचाई मांगी गयी है 168 सेंटीमीटर। दौड़ 35 मिनट में 9 किलोमीटर मांगी गई है लेकिन लेखपाल की नियमावली में ऊंचाई का कोई जिक्र नहीं है।
देवभूमि बेरोजगार मंच ने मुख्यमंत्री तीरथ सिंह रावत से जल्द से जल्द लेखपाल में ऊंचाई के मानक हटाने की मांग की है। देवभूमि बेरोजगार मंच के अध्यक्ष राम कंडवाल ने पूछा कि सरकार चाहती क्या है? आर्मी में भी ऊंचाई 165cm मांगी जाती है जबकि लेखपाल में ऊंचाई किस आधार पर 168 सेंटीमीटर कर दी गई। जबकि लेखपाल का काम पटवारी की तरह भाग-दौड़ का नहीं है उसे कार्यालय में ही बैठकर अधिकतर कार्य करना पड़ता है। क्या सरकार लेखपाल की जगह बाहुबली की भर्ती करना चाहती है? अगर ऐसा है तो लेखपाल नाम हटाकर बाहुबली पोस्ट कर दीजिए, और ये भर्ती हरियाणा और पंजाब के लोगों के लिए कर दीजिए। एक तरफ पीएम मोदी कहते हैं कि उत्तराखंड की जवानी और पानी बचाना है।। तो फिर जवानी कैसे बचेगी जब यहाँ के युवाओं को मौके ही नहीं मिलेंगे।
इसके साथ देवभूमि बेरोजगार मंच ने पटवारी भर्ती में अधिकतम आयु सीमा 30 वर्ष और अंतिम सेमेस्टर के बेरोजगारों को भी भर्ती में शामिल करने की मांग की है। राम कंडवाल ने कहा कि अगर एक हफ्ते में सरकार हमारी मांगें पूरी नहीं करती तो सचिवालय का घेराव किया जाएगा।