
देहरादून: स्पीकर रहते विधानसभा में बैकडोर से भर्ती भ्रष्टाचार कराकर कटघरे में खड़े धामी सरकार के कद्दावर मंत्री प्रेमचंद अग्रवाल फिर विवादों में घिर गए हैं। कांग्रेस ने आरोप लगाया है कि एक तरफ प्रदेश के वित्त मंत्री प्रेमचंद अग्रवाल जीएसटी आदि कर भरने के नाम पर विज्ञापनों पर करोड़ों खर्च कर “बिल लाओ इनाम पाओ” जैसे कॉन्टेस्ट खेल रहे हैं, लेकिन उनके बेटे सरकार को राजस्व चूना लगा रहे हैं।
दरअसल यह आरोप हम नहीं बल्कि 2022 के विधानसभा चुनाव में कांग्रेस के टिकट पर ऋषिकेश से चुनाव लड़े पार्टी नेता जयेंद्र रमोला ने लगाया है। बुधवार को कांग्रेस नेता जयेंद्र रमोला ने प्रदेश कांग्रेस कार्यालय देहरादून में प्रेस वार्ता कर आरोप लगाया कि जहां एक ओर राज्य सरकार में बैठे वित्त मंत्री प्रेमचंद अग्रवाल सरकार के खर्चे पर करोड़ों रुपए के होर्डिंग लगाकर राज्य के आमजनों व व्यापारियों को कर जमा करने तथा जीएसटी के बिल लाने पर इनाम व कर चोरी, राजस्व चोरी करने पर सख्त से सख्त कार्रवाई करने का संदेश देने का काम कर रहे हैं,तो वहीं दूसरी ओर स्वयं वित्त मंत्री के पुत्र पीयूष अग्रवाल राजस्व चोरी कर सरकार को चूना लगाने का काम कर रहे हैं ।
कांग्रेस नेता रमोला ने कहा कि मंत्री प्रेमचंद अग्रवाल के पुत्र पीयूष अग्रवाल द्वारा दिनांक 15/10/2022 को अपने साथी नितिन तनेजा के साथ मिलकर भूमिधरी भूमि साविक खाता खतौनी सं 66 फसली वर्ष 1400 से 1405 के अनुसार भूमि खसरा नं 152 / 292 के मध्य विकृति रकबा 200 वर्ग गज यानि 167.28 वर्ग मीटर स्तिथ मौजा तपोवन परगना तहशील नरेंद्रनगर जिला टिहरी गढ़वाल में भूमि खरीदी जिसकी रजिस्ट्री में यह दर्शाया गया की विकृति भूमि खाली भूमि हैं। इसमें कोई पेड़ बाग निर्माण आदि नहीं हैं।

जबकि उक्त भूमि पर विक्रेता का घर बना है, जो कि आज भी मौके पर मौजूद है क्योंकि खाली भूमि का सर्कल रेट 15,221 रुपये प्रति वर्ग मीटर है जिसका मूल्यांकन सर्कल दर के अनुसार 2547000 रुपये बनता है जिसकी अदायगी क्रेता पक्ष द्वारा 103000 रुपये सरकार को अदा किए। परन्तु उस पर बने मकान को रजिस्ट्री में नहीं दर्शाया गया जिसकी कीमत सर्कल रेट के हिसाब से लगभग 25 से 27 लाख रुपये बनती है व जिसका स्टांप शुल्क लगभग एक से डेढ लाख रुपए होना चाहिए। लेकिन मंत्री पुत्र ने सरकार से इस मकान को छुपाने का काम किया है।
रमोला ने कहा कि यह मंत्री पुत्र की राजस्व चोरी है जिसके लिए सरकार को उक्त लोगों पर कार्रवाई करनी चाहिए। साथ ही रजिस्ट्री विक्रय पत्र में पीयूष अग्रवाल के आधार कार्ड नंबर के अनुसार जो पता लिखा गया है, वह ऋषिकेश का लिखा गया है। जबकि पीयूष अग्रवाल का आधार कार्ड डोईवाला के पते पर बना है। यह भी अपने आप में अपराध के श्रेणी में आता हैं।
रमोला ने कहा कि इन कुछ वर्षो में वित्त मंत्री व उनके परिवार द्वारा करोड़ों की अकूत संपत्ति की ख़रीद फ़रोख़्त की गई है जिसकी जांच केंद्र सरकार को प्रवर्तन निर्देशालय (ED) के माध्यम से कराई जानी चाहिए ताकि पता चल सके की यह संपत्तियाँ कैसे और किस माध्यम से अर्जित की गईं हैं।
कांग्रेस नेता रमोला ने कहा कि हम मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी से मांग करते हैं कि उपरोक्त प्रकरण पर कार्रवाई सुनिश्चित करें ताकि भविष्य में कोई भी सरकार को राजस्व का नुकसान न पहुंचाया जा सके।