न्यूज़ 360

दावानल पर काबू पाने के लिए मुख्यमंत्री का मैसेज: शीतलाखेत मॉडल अपनाया जाए सभी प्रभावित जिलों में, जानिए वनाग्नि रोकने के लिए क्या है ये खास मॉडल

Share now
  • वनाग्नि की घटनाओं को रोकने के लिए जनपदों में वन विभाग के नोडल अधिकारी तैनात किये जाए- मुख्यमंत्री
  • शीतलाखेत (अल्मोड़ा) मॉडल को अपनाया जाए
  • अनुसंधान से जुड़े संस्थानों एवं विश्वविद्यालयों के सहयोग से वनाग्नि की घटनाओं को रोकने के लिए दीर्घकालिक योजना बनाई जाए
  • वन सम्पदाओं से लोगों की आर्थिकी को बढ़ाने की दिशा में प्रयास किये जाए

देहरादून: Forest Fire in Uttarakhand मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने सोमवार को सचिवालय में वनाग्नि की रोकथाम के संबंध में समीक्षा बैठक की। मुख्यमंत्री ने निर्देश दिये कि वनाग्नि को रोकने के लिए वनाग्नि से प्रभावित जिलों में शीघ्र वन विभाग के उच्चाधिकारियों को नोडल अधिकारी बनाया जाए। जनपदों में डीएफओ द्वारा लगातार क्षेत्रों का भ्रमण किया जाए। वन विभाग, राजस्व, पुलिस एवं अन्य संबंधित विभागों के साथ ही जन सहयोग लिया जाए। महिला मंगल दल, युवक मंगल दल, स्वयं सहायता समूहों एवं आपदा मित्रों से भी वनाग्नि को रोकने में सहयोग लिया जाए। वनाग्नि को रोकने के लिए आधुनिकतम तकनीक का प्रयोग किया जाए। रिस्पांस टाइम कम से कम किया जाए। चारधाम यात्रा के दौरान वनाग्नि की घटनाओं को रोकने के लिए अधिकारियों की जिम्मेदारी तय की जाए।

शीतलाखेत मॉडल

मुख्यमंत्री ने कहा कि

वनाग्नि को रोकने के लिए शीतलाखेत (अल्मोड़ा) मॉडल को अपनाया जाए। शीतलाखेत के लोगों ने जंगलों और वन संपदा को आग से बचाने के शपथ ली। उन्होंने संकल्प लिया कि वे पूरे फायर सीजन में वे अपने खेतों में कूड़ा और कृषि अवशेष नहीं जलायेंगे। इस क्षेत्र में ग्रामीणों महिला मंगल दल और युवक मंगल दल ने ओण दिवस के रूप में जंगल बचाओ, पर्यावरण बचाओ की शपथ ली।

वनाग्नि को रोकने के लिए दीर्घकालिक एवं अल्पकालिक दोनों योजनाएं बनाई जाए। दीर्घकालिक योजनाओं के लिए अनुसंधान से जुड़े संस्थानों एवं विश्वविद्यालयों से समन्वय स्थापित कर योजना बनाई जाए। इकोनॉमी और ईकॉलॉजी का समन्वय स्थापित करते हुए कार्य किये जाए।

मुख्यमंत्री ने कहा कि प्रदेश के विकास के लिए एक नई कार्य संस्कृति एवं कार्य व्यवहार से सभी को कार्य करना होगा। वन सम्पदाओं के संरक्षण के साथ ही वन सम्पदाओं से लोगों की आजीविका को कैसे बढ़ाया जा सकता है, इस ओर विशेष ध्यान देने की जरूरत है। पिरूल के एकत्रीकरण एवं उससे लोगों की आजीविका कैसे बढ़ाई जा सकती है, इसके लिए ठोस नीति बनाई जाए। राज्य में वन एवं पर्यावरण संरक्षण के लिए ऐसा मॉडल तैयार किया जाए कि इसका संदेश देश-दुनिया तक जाए। वन्य जीवों की सुरक्षा एवं जल स्रोतों के संरक्षण के लिए प्रभावी प्रयासों की जरूरत है। वनाग्नि को रोकने एवं पर्यावरण संरक्षण के लिए जागरूकता के लिए स्कूलों में करिकुलर एक्टिविटी करवाई जाए।

वन मंत्री सुबोध उनियाल ने कहा कि वनाग्नि की घटनाओं को रोकने के लिए अधिकारी जन सहभागिता पर विशेष ध्यान दें। वन सम्पदाओं से लोगों की आर्थिकी को जोड़ने के लिए सुनियोजित रणनीति बनाई जाए। वन पंचायतों में फॉरेस्ट फायर मैनेजमेंट कमेटी बनाई जाए।

बैठक में अपर मुख्य सचिव राधा रतूड़ी, प्रमुख सचिव आर. के सुधांशु, प्रमुख वन संरक्षक विनोद कुमार सिंघल, वन विभाग के वरिष्ठ अधिकारी, वर्चुअल माध्यम से गढ़वाल कमिश्नर सुशील कुमार एवं सभी ज़िलों से जिलाधिकारी, वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक एवं डीएफओ उपस्थित थे।

Show More

The News Adda

The News अड्डा एक प्रयास है बिना किसी पूर्वाग्रह के बेबाक़ी से ख़बर को ख़बर की तरह कहने का आख़िर खबर जब किसी के लिये अचार और किसी के सामने लाचार बनती दिखे तब कोई तो अड्डा हो जहां से ख़बर का सही रास्ता भी दिखे और विमर्श का मज़बूत मंच भी मिले. आख़िर ख़बर ही जीवन है.

Related Articles

Back to top button
error: Content is protected !!