कभी धामी के फैन कभी फायर, हरदा क्यों हुए हमलावर! मुस्लिम यूनिवर्सिटी के झूठ के गर्भ से पैदा हुई धामी सरकार, हिम्मत है तो मुझ पर केस करके दिखाओ

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Uttarakhand News: हिमाचल प्रदेश विधानसभा चुनाव में जिस तरह से कांग्रेस ने कड़े मुकाबले में बीजेपी को हराकर सत्ता हासिल कर ली है, उसके बाद सियासी गलियारे में चर्चा होने लगी है कि आखिर उत्तराखंड में कैसे पहली बार “रिवाज बदल गया पर राज नहीं बदला”? कई कांग्रेस के नेताओं को भी लगता है कि उत्तराखंड चुनाव में प्रदेश स्तर पर मुस्लिम यूनिवर्सिटी प्रकरण से लेकर कुछ गलतियों ने पार्टी के हाथ से सत्ता दूर कर दी।

अब कांग्रेस के दिग्गज नेता और पूर्व मुख्यमंत्री हरीश रावत ने भी पार्टी की हार और बीजेपी की जीत के पीछे मुस्लिम यूनिवर्सिटी प्रकरण के बहाने उठे विवाद को जिम्मेदार माना हैं। हरदा का दर्द छलका है कि प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी से लेकर गृह मंत्री,रक्षा मंत्री सहित छह राज्यों के मुख्यमंत्रियों ने लगातार तीन दिन तक यही झूठ प्रचारित किया कि अगर कांग्रेस सत्ता में आई तो मुस्लिम यूनिवर्सिटी बनाएगी। रावत ने आरोप लगाया कि चुनाव के दौरान तत्कालीन मुख्यमंत्री भी इस झूठ को फैलाने में शामिल रहे।

अब हरीश रावत ने बीजेपी नेताओं को चुनौती दी है कि अगर उनका कोई एक बयान भी अगर वे लाकर दिखा दे जिसमें उन्होंने मुस्लिम यूनिवर्सिटी बनाने का वादा किया है तो वे उनको पांच लाख रुपए इनाम देंगे। रावत ने उत्तराखंड पुलिस को भी निशाने पर लेते हुए कहा है कि उन्होंने पुलिस से भी मदद मांगी लेकिन जहां प्रधानमंत्री और मुख्यमंत्री जैसे नाम जुड़े हों तब पुलिस अंधी हो जाती है। हरदा ने कहा कि उनके पास सिर्फ अदालत जाने का रास्ता ही बचता है।

पूर्व सीएम हरीश रावत ने आरोप लगाया कि बीजेपी झूठे लोगों की पार्टी है और वर्तमान धामी सरकार मुस्लिम यूनिवर्सिटी के झूठ के गर्भ से पैदा हुई सरकार है। रावत ने चुनौती दी है कि हिम्मत है तो उनपर मुकदमा कर के दिखाएं।

यहां पढ़िए हरदा ने आखिर क्या क्या कहा है:

हिमाचल में कांग्रेस के लिए नई आशा पैदा हो गई है। मगर #उत्तराखंड में आज भी कई लोगों के मन यह सवाल है कि हम जीतते-जीतते क्यों हार गये? हार का एक प्रमुखतम कारण, #प्रधानमंत्री जी, गृहमंत्री, रक्षा मंत्री, देश के सभी मूर्धन्य मंत्रीगणों, 6 राज्यों के मुख्यमंत्रियों द्वारा 3 दिन तक लगातार सघन प्रचार के जरिए एक झूठ को फैलाना भी रहा है। जिसमें राज्य के तत्कालीन मुख्यमंत्री भी सम्मिलित हैं कि “कांग्रेस सत्ता में आएगी #मुस्लिम_यूनिवर्सिटी बनाएगी” और एक जाली व झूठा समाचार पत्र सोशल मीडिया में प्रचारित-प्रसारित किया गया, जिसमें मुझको लेकर यह बयान का शीर्षक बनाया गया और उसको आधार बनाकर सारे राज्य के गांव-गांव और बूथ-बूथ तक इस झूठ को पूरी शक्ति लगाकर पहुंचाया गया। मैं आज भी भाजपा से कह रहा हूं कि एक बयान तो छोड़ दो, हरीश रावत ने किसी के कान पर भी कहा हो या हरीश रावत के कान पर भी किसी ने कहा हो कि मुस्लिम यूनिवर्सिटी बनाइए तो मैं राज्य के लोगों से माफी मागूंगा और राजनीति भी हमेशा के लिए छोड़ दूंगा। मगर #भाजपा न कोई ऐसा अखबार दिखा पाई है, न ऐसा कोई ऐसा व्यक्ति प्रस्तुत कर पाई है जो कहे कि हां हरीश रावत जी आपने मुझसे कहा था कि मैं मुस्लिम यूनिवर्सिटी बनाऊंगा। मैंने पहले ऐसे व्यक्ति को, ऐसे अखबार को सामने लाने के लिए ₹50,000, फिर ₹1,00,000 और फिर ₹3,00,000 का पुरस्कार रखा था, अब मैं यह पुरस्कार राशि को बढ़ाकर ₹500000 कर रहा हूं और अब भी यदि कोई व्यक्ति, ऐसा कोई प्रकाशित अखबार ले आए जिसमें मेरा यह बयान हो कि मैं मुस्लिम यूनिवर्सिटी बनाऊंगा, तो मैं राज्य के लोगों से माफी मांग कर राजनीति छोड़ दूंगा अन्यथा फिर मेरे पास एक ही विकल्प है कि मैं न्यायिक शरण में जाऊं। मैं पुलिस की शरण में भी गया था। मगर पुलिस जब, प्रधानमंत्री और मुख्यमंत्री का नाम हो तो फिर अंधी हो जाती है, उनको कुछ दिखाई नहीं देता है और उनसे अपेक्षा भी नहीं करनी चाहिए कि उनको कुछ दिखाई पड़ेगा, वो केस दर्ज करेंगे! तो मैं न्यायिक शरण में जाने के लिए बाध्य होऊंगा।

मैं अपने आरोप को फिर दोहरा रहा हूं कि भाजपा झूठे लोगों की पार्टी है। मुस्लिम यूनिवर्सिटी के झूठ के गर्भ से वर्तमान धामी सरकार पैदा हुई।

हिम्मत है तो मुझ पर मुकदमा करके देखो।

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