देहरादून: धामी सरकार में कैबिनेट मंत्री रहे यशपाल आर्य और उनके विधायक पुत्र संजीव आर्य ने भाजपा छोड़कर कांग्रेस में घर वापसी कर ली है। जाहिर है इस झटके से बौखलाई भाजपा जल्द हिसाब चुकता करने की तैयारी में लग गई है लेकिन उसके सामने चुनौती कांग्रेसी गोत्र के दूसरे नेताओं को रोके रखने की भी है। उधर कांग्रेस में आर्य पिका-पुत्र की एंट्री के बाद नाराजगी भी उबरने लगी है।
सबसे पहली नाराजगी दर्ज कराई है महिला कांग्रेस अध्यक्ष और नैनीताल से पूर्व विधायक सरिता आर्य ने! संजीव आर्य की एंट्री होते ही अब नैनीताल से विधानसभा टिकट के लिए सरिता का पत्ता कट गया है। अब संजीव आर्य कांग्रेस से नैनीताल सीट पर चुनावी दंगल लड़ेंगे लेकिन आर्य की एंट्री होते ही सरिता ने सोशल मीडिया में अपनी नाराजगी जाहिर कर अपने भविष्य के इरादों का इज़हार कर दिया है। सरिता आर्य ने कहा है कि उनके व्यक्तिगत तौर पर बहुत सारे विकल्प खुले हैं और जल्द अपने समर्थकों-शुभचिन्तकों कि साथ विचार विमर्श कर पर्दे के पीछे का खेल न खेलकर सार्वजनिक रूप से निर्णयों लेंगी।
पढ़िये क्या कहा है सरिता आर्य ने
इसी बीच पूर्व सीएम हरीश रावत ने भी गहरे निहितार्थ लिए एक गूढ़ अंदाज में ट्विट कर अपने दिल का गुबार उजागर किया है। हरदा के ट्विट के सियासी गलियारे में भिन्न-भिन्न मायने निकाले जा रहे हैं। यशपाल आर्य और संजीव आर्य की कांग्रेस में घर वापसी के बाद आए हरदा के इस ट्विट ने कांग्रेस कैंप में हलचल पैदा कर दी है। हरीश रावत ने सवाल करते कहा है कि अगर रेफ़री फाऊल खेलने लग जाए तो उसे क्या कहना चाहिए!
सवाल है कि आखिर हरदा किस रेफ़री के फाऊल खेलने की बात कर रहे? क्या आर्य पिता-पुत्र की घर वापसी से इसे नहीं जोड़कर देखा जाना चाहिए? या फिर राहुल गांधी के दफ्तर के रिसेप्शन तक पहुंच गए बीजेपी विधायक उमेश शर्मा काऊ को देखकर चौंके हरदा ने अब अपना गुबार निकाला है?
हरीश रावत बाग़ियों पर लिखते हैं कि राजनीति में पार्टी से जाने के लिए भी बहाना चाहिए और फिर वापस आने के लिए भी माध्यम चाहिए। रावत ने कहा,”जाने वाले जिसको बहाना बनाकर गए, आते वक्त वही व्यक्ति रास्ता बन जाए तो इससे बड़ा चमत्कार क्या हो सकता है। इसलिए कहा गया है चमत्कार को नमस्कार।
पढ़िए हरदा ने किस अंदाज में गुगली फेंककर अपने दिल के उद्गार जाहिर किए हैं
जाहिर है सरिता आर्य ही नाराजगी स्वाभाविक लगती है लेकिन पार्टी आर्य पिता-पुत्र की वापसी कराकर उनको संदेश दे चुकी है अब फैसला उनको लेना होगा। लेकिन हरदा का गूढ़ ट्विट कांग्रेसी कॉरिडोर्स में नई तरह की अटकलबाजी को जन्म देने वाला समझा जा रहा। क्या आर्य पिता-पुत्र की एंट्री से दर्द छलक आया है या फिर काऊ के कदम राहुल गांधी के घर पड़ते देखकर कुछ और बाग़ियों के आने की पदचाप अभी से सुनकर हरदा अपना मैसेज दे रहे!