दिल्ली: कोरोना जंग में फेल होने की तोहमत झेल रहे प्रधानमंत्री मोदी पर अब विपक्षी दलों ने लेटर बम फोड़ा है। विपक्ष के 12 दलों ने नौ सुझाव देते हुए प्रधानमंत्री और केन्द्र सरकार पर राजनीतिक विरोधियों को इग्नोर करने का आरोप लगाया है. विपक्ष की तरफ से लेटर लिखने वालों में कांग्रेस की अंतरिम अध्यक्ष सोनिया गांधी, जेडीएस से पूर्व पीएम एचडी देवेगौड़ा, एनसीसी नेता शरद पंवार, तृणमूल कांग्रेस से ममता बनर्जी, शिवसेना से उद्धव ठाकरे, डीएमके से एमके स्टालिन, झामुमो से हेमंत सोरेन, एनसी से फारुख अब्दुल्ला, सपा से अखिलेश यादव, आरजेडी से तेजस्वी यादव, सीपीआई से डी राजा और सीरीएम से सीताराम येचुरी शामिल हैं।
विपक्ष ने अपनी चिट्ठी में प्रधानमंत्री को नौ सुझाव दिए हैं। विपक्ष ने कहा है कि कोरोना के चलते देश अप्रत्याशित मानव त्रासदी से जूझ रहा है, लेकिन अब तक विपक्ष को नजरअंदाज करते आई केन्द्र सरकार के नीचे दिए सुझावों पर युद्धस्तर पर कदम उठाने चाहिए:-
- वैक्सीन केन्द्र ख़रीदे। चाहे फिर देश या दुनिया जहां से मिले।
- देशभर में सबको मुफ्त टीका लगाने का अभियान चले।
- वैक्सीन प्रोडक्शन बढ़ाने को लाइसेंसिंग के जरूरी कदम उठाए जाएं!
- बजट में घोषित 53 हजार करोड़ रु वैक्सीन पर खर्च हों।
- सेंट्रल विस्टा निर्माण रुके और ये रक़म ऑक्सीजन व टीके खरीदने पर खर्च हो।
- PMCares फंड टीके, ऑक्सीजन और मेडिकल उपकरण पर खर्च करें।
- बेरोज़गारों को 6 हजार माहवार दिया जाए।
- केन्द्र सरकार के गोदामों में अंक करोड़ टन से अधिक अनाज सड़ रहा उसे ज़रूरतमंदों में मुफ्त बांटे सरकार।
- कृषि क़ानूनों को रद्द किया जाए ताकि किसान देश की भूख मिटाने को अनाज पैदा कर सकें।
विपक्ष की चिट्ठी में पीएम पर तंज कसते हुए कहा गया कि आपके ऑफिस या सरकार में ऐसे सुझावों पर अमल का चलन तो नहीं दिखा पहले लेकिन देश हित और जनता के हित में सुझावों पर आपसे अमल की उम्मीद में चिट्ठी लिख रहे हैं।