Congress Presidential Election, Kharge wins over Tharoor: भारत जोड़ो यात्रा पर निकले राहुल गांधी ने कह दिया है कि अगर उनके रोल के बारे ने पता लगाना है तो खड़गे जी से पूछिए क्योंकि अब मुझे भी क्या करना है वह वही तय करेंगे। सवाल है कि क्या वाकई कांग्रेस अध्यक्ष पद को लेकर हुए चुनाव में शशि थरूर को एकतरफा मुकाबले में 6825 वोटों से हराने वाले नए पार्टी अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे के पास वो सब पॉवर्स होंगी कि वे न केवल गांधी सरनेम वाले बल्कि तमाम दिग्गज नेताओं की भूमिका नए सिरे से तय कर पाएंगे?
क्या 24 साल बाद कांग्रेस को मिला गैर गांधी अध्यक्ष पार्टी में आंतरिक लोकतंत्र की बहाली की कठिन परीक्षा में पास हो पाएगा क्योंकि उनके लिए भी यह असल चुनौती होगी कि वे रिमोट से हैंडल होने वाले मुखौटा अध्यक्ष न बने रह जाएं। आंतरिक मोर्चे पर अपने पद की इस अहमियत के साथ साथ खड़गे को बाह्य चुनौतियों के तौर पर चौबीस की चुनौती को लेकर दम लगाना होगा क्योंकि ब्रांड मोदी में महामुकाबले का वक्त अब अधिक दूर नहीं रहा है और अपने तरीके से राहुल गांधी भारत जोड़ो यात्रा के जरिए इसकी पटकथा लिखना चाह रहे। लेकिन अब ड्राइविंग सीट पर खड़गे होंगे और बैक सीट पर गांधी परिवार। पर क्या वाकई गांधी परिवार बैक सीट से ही पार्टी स्टीयरिंग पर हाथ साफ तो नहीं करेंगे? जाहिर है जल्द इसका उद्घाटन हो जाएगा।
बहरहाल, मल्लिकार्जुन खड़गे कांग्रेस के नए अध्यक्ष चुन लिए गए हैं और उन्होंने 7897 वोट हासिल कर 1072 वोट ही बंटोर पाए शशि थरूर को 6825 वोटों से शिकस्त दी है। इसी के साथ ग्रैंड ओल्ड पार्टी कांग्रेस को 24 साल बाद गांधी परिवार से बाहर जाकर अध्यक्ष मिल गया है।
ज्ञात हो कि कांग्रेस के 137 साल के इतिहास में छठी बार ऐसा मौका आया है जब पार्टी को अपने अध्यक्ष पद के लिए चुनाव कराना पड़ा है। इससे पहले 1939, 1950, 1977, 1997 और 2000 में चुनाव हुए हैं। खड़गे से पहले सोनिया गांधी सन 2000 में चुनाव जीतकर अध्यक्ष पद पर काबिज हुई थी।
दरअसल, 17 अक्टूबर को कांग्रेस अध्यक्ष पद के लिए मल्लिकार्जुन खड़गे और शशि थरूर के बीच चुनाव हुआ था। सोमवार को हुई वोटिंग में कांग्रेस की अंतरिम अध्यक्ष सोनिया गांधी से लेकर पूर्व प्रधानमंत्री डॉ मनमोहन सिंह, कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष राहुल गांधी सहित करीब 9500 डेलिगेट्स यानी निर्वाचक मंडल सदस्यों ने हिस्सा लिया था।