मौन उपवास vs सांकेतिक उपवास: कोरोना में त्राहिमाम-त्राहिमाम करती जनता का उपहास तो नहीं ये उपवास सियासत!

मौन उपवास
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  • पार्टी मुख्यालय में बीजेपी अध्यक्ष मदन कौशिक ने किया मौन उपवास
  • बीजेपी अध्यक्ष मदन कौशिक ने मौन उपवास कर किया कांग्रेस का सांकेतिक विरोध
  • कोविड महामारी में नकारात्मक बयानबाजी ना करते हुए सेवा कार्यों में जुटने की सदबुद्धि के लिए मदन कौशिक ने किया सांकेतिक विरोध
  • कैबिनेट मंत्री और पूर्व प्रदेश अध्यक्ष बंशीधर भगत भी रहे मौजूद
  • प्रदेश उपाध्यक्ष और विधायक खजान दास सहित पार्टी के अन्य पदाधिकारी भी रहे मौजूद
  • बीजेपी के बाद कांग्रेस ने भी किया सांकेतिक उपवास
  • कांग्रेस के प्रदेश अध्यक्ष प्रीतम सिंह, पूर्व मुख्यमंत्री हरीश रावत और अन्य पदाधिकारियों ने पार्टी मुख्यालय में किया उपवास
  • ब्लैक फंगस के लिए सरकार की कोई तैयारी ना होने और बदहाल स्वास्थ्य सेवाओं को लेकर किया सांकेतिक उपवास
सांकेतिक उपवास

देहरादून: 2012 का विधानसभा चुनाव सामने देखकर अब उत्तराखंड के राजनीतिक दल भी pandemic politics खेलने लगे! आज बीजेपी प्रदेश अध्यक्ष मदन कौशिक न पार्टी दफ्तर में मौन उपवास रखा ताकि बकौल उनके अनुसार कांग्रेस महामारी में नकारात्मक राजनीतिक कर रही है लिहाजा उसकी बुद्धि-शुद्धि के लिए ये सांकेतिक मौन उपवास जरूरी है। अब बीजेपी जो करे उसी सुर में कांग्रेस जवाब न दे भला ऐसे कैसे हो सकता था! कांग्रेस ने भी बीजेपी की टक्कर में एक घंटे का सांकेतिक उपवास रख लिया राजीव भवन कांग्रेस दफ्तर में। हरदा-प्रीतम संग कई कांग्रेसी भी बैठ गए क्योंकि बकौल कांग्रेस के ब्लैक फ़ंगस पर फेल, स्वास्थ्य व्यवस्थाओं पर फेल सरकार को जगाने के लिए जरूरी था।
सवाल है कि कोरोना में सारे नियम-परम्पराएँ टूट गई, रीति रिवाजों के अनुसार न कोविड मरीजों के मरने के बाद अंतिम संस्कार हो पा रहे और मदद के तमाम हाथ कम पड़ रहे तब ये वहीं पुराने ढर्रे की आरोप-प्रत्यारोप राजनीतिक कब तक? क्यों सत्तापक्ष-विपक्ष में प्रतिस्पर्धा हो जा रही कि मरीजों तक मदद पहुँचाने में हम देखते है कौन आगे रहता है! कहां गई वो काडर-कार्यकर्ताओं की फ़ौज जिसके नंबर बढ़ चढ़कर बताते न थकते थे दल! या सिर्फ 2022 का चुनाव ही नजर आ रहा!


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