देहरादून: धामी राज में ऊर्जा विभाग मिलते ही कैबिनेट मंत्री डॉ हरक सिंह रावत ने पहली ही विभागीय बैठक के बाद जोर-शोर से ऐलान किया था कि उत्तराखंड की जनता को 100 यूनिट फ्री बिजली और 200 यूनिट तक 50 फीसदी छूट की छूट दी जाएगी। लेकिन ऐसा लगता है कि मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने ऊर्जा मंत्री हरक सिंह रावत के उत्साह की ऊर्जा के फ्यूज उड़ा दिए हैं! यही वजह है कि मंत्री हरक सिंह रावत के निर्देश पर शासन को ऊर्जा निगम द्वारा भेजे प्रस्ताव को अरसा गुजर चुका लेकिन कैबिनेट में जनता को सौ यूनिट फ्री बिजली देने का प्रस्ताव पहुंच नहीं पाया है।
अब दो माह गुज़रने के बाद विपक्ष मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी और सूबे के ऊर्जा मंत्री हरक सिंह रावत से पूछ भी रहा और याद भी दिला रहा, ‘क्या हुआ तेरा वादा?’
वैसे जोश-जोश में केजरीवाल की काट में हरक सिंह रावत बोल गए और कहा कि इससे 300 करोड़ का एडिशनल बोझ पड़ेगा जिसे ऊर्जा विभाग वहन कर लेगा। बाक़ायदा ऊर्जा मंत्री ने कहा कि तर्क किया कि हम निगमों को घाटे से उबारेंगे और वित्तीय संसाधनों का बेहतर प्रबंधन कर महंगाई की मार से अधमरी जनता को राहत पहुँचाएँगे। अब जनता तो महंगाई की मार को अपना नसीब मानकर चुनाव में ही अपना संदेश देगी लेकिन विपक्ष मुख्यमंत्री और ऊर्जा मंत्री से लगातार जवाब मांग रहा।
वैसे ऊर्जा मंत्री हरक से जब भी पूछा जाता है वे अपना चिर-परिचित बहाना सुनाने लगते हैं कि सचिव ऊर्जा ट्रेनिंग पर हैं इसलिए विलम्ब हो रहा। अब कोई कहे कि साहब! जनहित के मुद्दे को एक नौकरशाह के भरोसे टालते जा रहे फिर वोट माँगने आएँगें तो जनता भी ऐसे बहाने बनाना बखूबी जानती है।