देहरादून: कहने हो हरदा से लेकर गोदियाल तक चुनावी हार की ज़िम्मेदारी ले रहे। लेकिन नेता प्रतिपक्ष प्रीतम सिंह ने कांग्रेस की चुनावी हार के पीछे की एक-एक असल वजह गिना दी है। यह तय है कि अगर पूर्व सीएम हरीश रावत प्रीतम की गिनाई इन शिकायतों पर गौर फ़रमाएँगे तो हार की हकीकत समझ जाएंगे। प्रीतम सिंह ने कहा है कि हरीश रावत कांग्रेस के सबसे वरिष्ठ नेता हैं और चुनावी जंग में हार-जीत लगी रहती है।
प्रीतम सिंह ने कहा कि न तो रणजीत रावत को आखिरी समय रामनगर से सल्ट भेजा जाना चाहिए था, न ही लालकुआं से संध्या डालाकोटी का टिकट काटा जाना चाहिए था। आखिरी दौर में टिकट बदलने से अच्छा मैसेज नहीं गया।
प्रीतम सिंह ने यह भी कहा कि सहसपुर के मुस्लिम यूनिवर्सिटी विवाद को पार्टी नेतृत्व सही से हेंडल नहीं कर पाया। जबकि प्रधानमंत्री मोदी और यूपी सीएम योगी ने इसे जमकर तूल दे दिया। यहाँ तक कि प्रधानमंत्री मोदी ने अपने चुनावी रैलियों में दिए भाषणों में मुस्लिम यूनिवर्सिटी विवाद का जमकर ज़िक्र करते रहे लेकिन पार्टी ने इसे मजबूत के साथ जनता में पेश नहीं किया जिसके चलते कांग्रेस को भारी नुकसान उठाना पड़ा। प्रीतम ने कहा कि जिस नेता ने ऐसा बयान दिया उस पर कोई एक्शन की बजाय पदाधिकारी बनाकर खुश कर दिया गया।
जाहिर है हार के बाद अब कांग्रेस में समीक्षा के संवाद होते सुनाई देंगे लेकिन क्या 2022 बैटल में जो सबक मिला उसे 2027 के संग्राम तक याद भी रखा जाएगा?