‘मांगने से नहीं..बिन मांगें सब मिल जाता..मेरी बातों में मिठास फैसले कठोर..पांच-पांच गाड़ी रखेंगे तो बड़े अफसर हो जाएंगे!’ CM धामी ने इशारों-इशारों में किसे दे दिया सख्त संदेश 

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देहरादून: उत्तराखंड के मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी की शैली है कि वे आत्मीयता और मिठास भरे अंदाज में अपनी बात रखते हैं। फिर चाहे अधिकारियों के साथ बैठक हो या जनता से रूबरू होना हो। लेकिन पुष्कर सिंह धामी के इस मीठे अंदाज के पीछे उनके फैसलों में दृढ़ता रहती है। इसका खुलासा  उन्होंने खुद ही रविवार को ऊर्जा विभाग के एक कार्यक्रम में किया। CM धामी ने कहा कि उन्होंने बचपन से सीखा है कि बात करने में मिठास, आत्मीयता और सबके सम्मान की भावना रहनी चाहिए लेकिन जब फैसले लेने का वक्त हो तब बिना किसी तरह की ढिलाई के कठोरता दिखाई देनी चाहिए। 

ऊर्जा विभाग के अधिकारियों-कर्मचारियों को कामकाज में बदलाव लाकर विभाग की लोगों में छवि बदलने का संदेश देते हुए मुख्यमंत्री धामी ने शासन के वरिष्ठ आईएएस अधिकारियों को पिछले दिनों दिए अपने एक मैसेज का जिक्र किया। CM धामी ने कहा कि वे कभी आदेश देकर काम कराने की नीति पर नहीं चलते बल्कि संवाद, समन्वय और साथ लेकर चलने में विश्वास रखते हैं। 

सूबे के तमाम अधिकारियों को इशारों-इशारों में मुख्यमंत्री धामी ने मैसेज देने के अंदाज में कहा कि कई आईएएस अधिकारी अलग अलग विभागों को संभालते हैं तो अपने यहां पांच-पांच गाड़ी रख लेते हैं। मुख्यमंत्री ने सुशासन बैठक का जिक्र करते हुए कहा कि हाल में सरकार के अहम अंग समझे जाने वाले IAS अफसरों जिनमें प्रमुख सचिवगण शामिल थे, उससे उन्होंने कहा कि हमारे यहां एक सचिव अगर है तो उसके पास पांच विभाग हैं और दो निगम हैं। इसके चलते वह अधिकारी अपने यहां पांच-पांच गाड़ियां रख लेते हैं। धामी ने कहा, ‘मैंने कोई ऑर्डर नहीं किया कि ऐसे सभी अधिकारियों की गाड़ी हटा दी जाए। मैंने कहा कि ये कोई आप लोगों के सिंबल का विषय नहीं है। यह कोई सिंबल नहीं कि आप पांच गाड़ी रखेंगे तो ही बड़े अधिकारी हो पाएंगे। CM धामी ने कहा कि उनकी आदत है कि वे सीधे-सीधे बात नहीं कहते हैं लेकिन संदेश पहुंचा देते हैं। 

ऊर्जा विभागकर्मियों की मांगों के विषय पर बोलते हुए मुख्यमंत्री धामी ने कहा कि पिछली सरकार में उनके आते ही कार्मिकों की मांगों पर हड़ताल पर जाने की चुनौती आन खड़ी हुई। लेकिन उनके प्रयास करने पर ऊर्जा कार्मिकों ने बिना शर्त हड़ताल का फैसला स्थगित कर दिया था और सरकार ने भी कई मांगों को मान लिया। सीएम ने कहा कि हम कई और मांगों पर भी विचार कर रहे हैं। 

कई बार बहुत कुछ मांगने से नहीं मिलता और बिना मांगें सब मिल जाता है: धामी

CM धामी ने कहा कि कई बार बहुत मांगने से नहीं मिलता लेकिन बिना मांगें सब मिल जाता है। मुख्यमंत्री ने कहा,’ मैं आज अपने बारे में ही बता दूं। पहले मैं बहुत बार सोचता था मुझे मंत्री बना दो, सांसद का टिकट दे दो, पार्टी का अध्यक्ष बना दो, थोड़ी पैरवी भी करता था, क्योंकि सभी करते हैं, मनुष्य का स्वभाव भी होता है। ऊपर सब जानते भी लेकिन नंबर नहीं आता था, इस बार मुख्यमंत्री बना तो मैंने किसी से कुछ कहा ही नहीं। मुझे पता ही नहीं चला कब बन गया।’  

अपने संबोधन के अंत मे मुख्यमंत्री धामी ने कहा कि हम सबको कुछ न कुछ आउटपुट देना ही चाहिए और ऊर्जा विभाग में भी कल से ही बदलाव दिखना चाहिए ताकि लोगों में  विभाग की पुरानी छवि बदल जाए। 

साफ है मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी इशारों इशारों में गहरी बात कहनी की अपनी शैली में पारंगत होते दिखाई दे रहे हैं। तभी तो दो किस्से सुनाकर, जहाँ, अफसरशाही और कर्मचारियों को बिना सरकारी संसाधनों का बेजा इस्तेमाल किए रिजल्ट देने का संदेश दे दिया, वहीं खुद को बिन मांगे सब मिलने का उदाहरण देकर सूबे की सियासत में आये दिन मुख्यमंत्री की कुर्सी पर काबिज होने को लेकर दिल्ली की परिक्रमा करने वालों को भी सियासत में सब्र और संतोष को संदेश दे दिया है। 


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