देहरादून: राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद ने गुरुवार शाम कई राज्यों में नए राजपालों की नियुक्ति की है। बेबी रानी मौर्य से अचानक लिए गए इस्तीफे के बाद लेफ़्टिनेंट जनरल(रिटायर्ड) गुरमीत सिंह को उत्तराखंड का राज्यपाल बनाया गया है। उत्तराखंड के मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने रक्षा विशेषज्ञ गुरमीत सिंह को उत्तराखंड का राज्यपाल बनाए जाने पर बधाई दी है। ले.ज (रि.) गुरमीत सिंह उत्तराखंड के आठवें राज्यपाल है और प्रदेश के पहले सुरजीत सिंह बरनाला के बाद दूसरे सिख राज्यपाल हैं।
दरअसल गुरमीत सिंह को राजभवन भेजने के जहां सियासी निहितार्थ हैं वहीं रक्षा विशेषज्ञ को चीन सीमा से लगते राज्य भेजकर मोदी सरकार ने मैसेज देने की कोशिश की है। अगर राजनीतिक संदेश देने की बात करें तो ऐसे समय जब उत्तराखंड में चार माह बाद विधानसभा चुनाव हैं तब सैन्य बहुल राज्य में पूर्व सैन्य अधिकारी को राजभवन में बिठाकर मोदी सरकार ने भाजपा की राजनीतिक संभावनाओं के नज़रिए से बड़ा संदेश देने की कोशिश की है। वह भी तब जब आम आदमी पार्टी कर्नल अजय कोठियाल के बहाने फौजी मतों में सेंधमारी कर भाजपा को झटका देना चाह रही तब लेफ्टि.जनरल गुरमीत सिंह के ज़रिए उस दांव का बड़ा काउंटर दांव खेल दिया गया है। भाजपा बखूबी जानती है कि हर चुनाव में सैन्य वोटर्स ने उसका बड़ा साथ दिया है और पूर्व सैन्य अधिकारी को राजभवन भेजकर करीब ढाई तीन लाख सैन्य परिवारों के सैन्य सेंटीमेंट टच करने का मैसेज दिया है।
इतना ही नहीं गुरमीत सिंह के बहाने किसान आंदोलन के कारण तराई-भाबर क्षेत्र खासकर ऊधमसिंहनगर में सिख-पंजाबी मतों के हाथ से खिसकने की चिन्ता का जवाब भी तलाशने की कोशिश की गई है। ऊधमसिंहनगर और हरिद्वार की कुल 20 सीटों पर किसान आंदोलन का असर कम से कम किया जाए इस दिशा में यह पहला बड़ा कदम उठाया गया है। इससे पहले दो चुनाव सह प्रभारियों में भी एक सिख समुदाय से तैनात कर भाजपा शीर्ष नेतृत्व ने अपनी रणनीति का इशारा कर दिया था।
गुरमीत सिंह के रूप में एक रक्षा एक्सपर्ट खासकर चीन संबंधी सामरिक मामलों के एक्सपर्ट को सैन्य बहुल और सीमांत राज्य में तैनात कर मोदी सरकार ने अपनी खास रणनीति का संकेत भी दिया है। सेना के 2016 मे रिटायर हुए लेफ़्टिनेंट जनरल गुरमीत सिंह ने चार राष्ट्रपति पुरस्कार और दो चीफ ऑफ आर्मी स्टाफ कमंडेशन अवार्ड प्राप्त किए हैं। सेना में डिप्टी चीफ ऑफ आर्मी स्टाफ रहे गुरमीत सिंह चीन और भारत के सामरिक संबंधों को लेकर दो विश्वविद्यालयों दो बार एमफिल कर चुके हैं और चीन के अनेक सामरिक मीटिंग्स का हिस्सा रहे हैं।
राज्य बनने के बाद अब तक बने राज्यपाल
- सुरजीत सिंह बरनाला- 9 नवंबर 2000- 7 जनवरी 2003
- सुदर्शन अग्रवाल- 8 जनवरी 2003- 28 अक्तूबर 2007
- बनवारी लाल जोशी- 29 अक्तूबर 2007- 5 अगस्त 2009
- मार्गरेट अल्वा- 6 अगस्त 2009 – 14 मई 2012
- अज़ीज़ कुरैशी- 15 मई 2012 – 8 जनवरी 2015
- कृष्ण कांत पॉल- 8 जनवरी 2015- 25 अगस्त 2018
- बेबी रानी मौर्य- 26 अगस्त 2018- 8 सितंबर 2021
- लेफ़्टिनेंट जनरल( रिटायर्ड) गुरमीत सिंह 9 सितंबर 2021 से अब तक