देहरादून: पूर्व मुख्यमंत्री और कांग्रेस के कैंपेन चीफ हरीश रावत ने इशारों-इशारों में भाजपा के राज्यसभा सांसद अनिल बलूनी पर तीखा हमला बोला है। हरीश रावत ने कहा है कि दिल्ली स्थित नौजवान जब कुछ अच्छी बातें करता था तो दलीय सीमा लाँघकर भी तारीफ करता था। लेकिन दलबदल के कुछ ट्विट और चित्र देखकर धक्का लगा है। हरदा ने कहा कि लगता है बलूनी भाजपा रूपी माँ के गर्भ से ही दलबदल की ख़ुराफ़ात सीखकर आए हैं। रावत ने कहा कि गुस्सा कांग्रेस पर निकालते दलीय बहुलता के प्रतीक यूकेडी का विधानसभा में वंश क्यों मिटा दिया।
यहाँ पढ़िए हरदा ने हुबहू जो लिखा:
प्रत्येक चढ़ती हुई उम्र का व्यक्ति एक इच्छा रखता है कि उसके #राज्य में कुछ ऐसे नौजवान उभरें जो राज्य को एक स्वच्छ और स्वस्थ #लोकतांत्रिक स्वरूप दे सकें। ऐसे ही एक दिल्ली स्थित नौजवान जब कुछ अच्छी बातें कहते थे तो मैं दलीय सीमा लांग करके भी उनकी प्रशंसा में जुट जाता था। मगर हाल में मैंने कुछ दल-बदल के चित्र और दल-बदल को लेकर ट्वीट देखे, जिनमें उस #नौजवान का चेहरा देखकर मुझे बहुत धक्का लगा। लगता है यह नौजवान #भाजपा रूपी माँ के गर्भ से ही दल-बदल जैसी खुरापातें सीख करके आया है। खैर कोई बात नहीं, मगर इतना तो याद रखिए गुस्सा #कांग्रेस पर निकालते, #यूकेडी पर गुस्सा काहे के लिए निकाल रहे हो! हम तुम्हारी प्रमुख प्रतिद्वंदी पार्टी हैं, मगर यू.के.डी. उत्तराखंड में दलीय बहुलता का प्रतीक है, राज्य आंदोलन की पार्टी है, तुमने उनका #विधानसभा में वंश ही मिटा दिया। अपनी पार्टी में मचे घमासान के बाद भी अभी तक यह नहीं समझ पाए हो, तुम्हारा तृणमूल कार्यकर्ता क्या चाहता है? जमीन का #भाजपाई क्या चाहता है? लोकतंत्र एक-दूसरे की भावनाओं का आदर और सम्मान का नाम है। खैर मैं जानता हूंँ कि मेरे इस ट्वीट से कुछ लोग बहुत तिल मिलाएंगे, मगर रोकना चाहते, चाहते-चाहते, चाहते भी मैंने यह सोचा कि #हरीश_रावत कुछ भी क्यों न भुगतना पड़े, समय के साथ न्याय करो और इस समय का यह कालखंड तुमसे अपेक्षा कर रहा है कि निर्भीकता के साथ गलत को गलत कहो और इसलिये मैं इस ट्वीट को राज्य की जनता की सेवा में समर्पित कर रहा हूंँ। “जय उत्तराखंड”।।
पूर्व मुख्यमंत्री और कांग्रेस के कैंपेन चीफ हरीश रावत