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इस साज़िश से किसको फायदा ..तो क्या RSS प्रांत प्रचारक युद्धवीर बहाना असल में मुख्यमंत्री धामी ही निशाना?

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Fake List of recruitments of RSS leader Yudhweer’s relatives in Uttarakhand went viral in Social Media,conspiracy, FIR registered: …तो क्या शनिवार को तेजी से सोशल मीडिया में वायरल हुई RSS नेता युद्धवीर के परिजनों-रिश्तेदारों की उत्तराखंड में नौकरी लगने संबंधी लिस्ट न केवल फर्जी है बल्कि उसके पीछे सियासी फायदा उठाने की साज़िश की भी रही? आरएसएस के उत्तराखंड प्रांत प्रचारक के 50 से ज्यादा संगे संबंधियों को नौकरी दिलाने का दावा करने वाली इस लिस्ट के वायरल होते ही संघ नेता सक्रिय हो गए और मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी और डीजीपी से मुलाकात कर इसे समाज में घृणा फैलाने को गढ़ी गई फेक सूची करार देते हुए उच्च स्तरीय जांच की मांग की। इसके बाद सीसीपीएस देहरादून पर धारा 501/505 आईपीसी व 66C आईटी एक्ट में एफआईआर दर्ज कर ली गई है।

अब अगर पुलिस इसकी तह तक गई तो सामने आ जाएगा कि इसके पीछे किसका हाथ था। सवाल है कि क्या विपक्षी दलों की तरफ से सरकार और संघ को बदनाम करने और समाज में घृणा व वैमनस्य का माहौल बनाने को यह लिस्ट वायरल की गई। या क्या किसी असामाजिक तत्त्व ने जानबूझकर यह शरारत की ताकि लोगों में भ्रम फैले और जो बेरोजगार युवा भर्तियों में भ्रष्टाचार के खिलाफ आवाज उठा रहे उनके आंदोलन को कमजोर किया जाए? या फिर यह एक सोची समझी बड़ी साज़िश है जिसके जरिए कोई है जो एक तीर से दो कई निशाने साध लेना चाह रहा है?

जाहिर है विपक्ष सरकार के खिलाफ इस तरह से फेक लिस्ट वायर टल कराकर राजनीतिक हमला करेगा यह शायद ही आसानी से किसे के गले उतरे! तो क्या फिर बेरोजगार युवाओं की भर्ती भ्रष्टाचार के खिलाफ बुलंद आवाज को कोई तत्त्व कमजोर करना चाह रहे? आखिर अब तक उत्तराखंड बेरोजगार संघ के अध्यक्ष बॉबी पंवार की अगुआई में जब भी बेरोजगार युवा भर्तियों में भ्रष्टाचार का मुद्दा लेकर आए तो पुख़्ता सबूतों के साथ बात रखी और उसे सरकार ने भी गंभीरता से लेकर जांच बिठाई। ऐसे में भाजपा या संघ नेताओं से जोड़कर ऐसी फेक लिस्ट वायरल करने से होगा यह कि लोगों का इससे विश्वास उठेगा और कल को कोई सटीक और सच्ची सूची भी सामने आई तो उस पर यकीन करना आसान नहीं रहेगा।

अब अगर उपर्युक्त दो थ्योरी गले नहीं उतर रही तो क्या यह एक सुनियोजित साज़िश का हिस्सा है जिसके जरिए संघ प्रांत प्रचारक युद्धवीर को निशाने पर लिया गया लेकिन लक्ष्य मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ही थे? ऐसा इसलिए कि भाजपा कॉरिडोर्स में तमाम जानकार मानते हैं कि चुनावी दंगल में खटीमा से शिकस्त खाने के बावजूद मुख्यमंत्री के तौर पर दोबारा धामी की ताजपोशी में संघ नेताओं की हामी भी रही थी।बताते हैं कि प्रांत प्रचारक के नाते यह युद्धवीर ही थे जिनकी युवा नेतृत्व के तौर पर बाकी चेहरों के मुकाबले मोदी-शाह और बीएल संतोष की तरह पहली पसंद पुष्कर सिंह धामी ही रहे थे।

तो क्या अब रणनीति यह बनाई गई है कि पहले संघ की उत्तराखंड से संबंधित टीम को तितर-बितर कराया जाए? ऐसा इसलिए जरूरी है कि अगर युद्धवीर सहित कुछ चेहरे बदल दिए जाएं तो क्या पता संघ की नई टीम से नए सिरे से पटरी बिठाकर खुद को पुष्कर सिंह धामी से ज्यादा युवा और ‘जननायक’ दिखाकर मुख्यमंत्री की कुर्सी से चार बार चूक जाने के बाद पाँचवीं बार बाजी हाथ लग जाए!

हालाँकि यह पक्के तौर पर कहना अभी उतना सही नहीं कि तीसरी थ्योरी सौ फीसदी सटीक है लेकिन इतना जरूर कहा जा सकता है कि पहले दो-तीन दिनों से मीडिया के एक तबके में यह खबरें प्लांट कराना कि बस जल्द प्रांत प्रचारक युद्धवीर की छुट्टी होने वाली है और शनिवार को फेक लिस्ट वायरल कराकर बड़ा अटैक कर देना! यह साफ इशारा करता है कि कुछ ऐसा जरूर चल रहा है भाजपाई कॉरिडोर्स के किसी कोने में कि येन केन प्रकारेण सीएम धामी के खिलाफ ऐसा माहौल बनाया जाए कि दिल्ली को अगस्त होने लगे कि उत्तराखंड में ‘ऑल इज नॉट वेल’!

जाहिर है ऐसा माहौल उन्हीं को ज्यादा रास आयेगा जो किसी भी सत्ता समीकरण में बदलाव होते ही बिल्ली के भागो छींका टूटने वाली स्थिति में चीफ मिनिस्टर कुर्सी पर कूदकर बैठ जाने को आतुर हैं! अब दिल्ली से देहरादून तक भाजपाई किले में यह सत्ता समीकरण का बदलाव किसे रास आ सकता है, इसका सहज अंदाज आप लगा सकते हैं, कम से कम मैं तो नहीं!

सीसीपीएस देहरादून पर धारा 501/505 आईपीसी व 66C आईटी एक्ट में मुकदमा

शनिवार को सीएम आवास मे राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के पदाधिकारियों और कार्यकर्ताओं के प्रतिनिधिमंडल ने मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी से भेंट की। उन्होंने मुख्यमंत्री को एक ज्ञापन सौंपते हुए कहा कि संघ के पदाधिकारियों को बदनाम करने के लिए एक फेक लिस्ट सोशल मीडिया पर प्रसारित की जा रही हैं। उन्होंने मुख्यमंत्री से इसकी उच्च स्तरीय जांच करवाए जाने का अनुरोध किया।


मुख्यमंत्री ने पुलिस महानिदेशक को मामले की पूरी जांच कर समुचित कार्रवाई करने के निर्देश दिये हैं।

पुलिस द्वारा की गई जानकारी के अनुसार आज दिनाक 17/9/22 को वादी दिनेश सेमवाल प्रांत कार्यवाह आरएसएस उत्तराखंड प्रांत द्वारा एक एफआईआर साइबर क्राइम पुलिस स्टेशन पर दी गई जिसमे उत्तराखंड प्रांत प्रचारक युद्धवीर यादव द्वारा वर्ष 2017 से 2022 के मध्य पद का दुरुपयोग कर सरकारी नौकरी लगाने का फर्जी, कूटरचित दस्तावेज कुछ लोगो द्वारा भ्रामक सूची बनाकर फेक आईडी द्वारा सोशल मीडिया में प्रसारित किया जा रहा है
उपरोक एफआईआर में कहा गया है की उपरोक्त फर्जी कूट रचित लिस्ट में उल्लेखनीय लोग न तो उक्त स्थान पर नियुक्त है न तो कार्यरत है।उपरोक्त भ्रमित खबर को फैला कर समाज में घृणा और वैमनस्य फैलाया जा रहा है
उपरोक्त सूचना पर सीसीपीएस देहरादून पर धारा 501/505 आईपीसी व 66C आईटी एक्ट में मुकदमा पंजीकृत किया गया है

पुलिस की अपील

सोशल मीडिया पर कुछ लोगों द्वारा फेक न्यूज और फर्जी आईडी द्वारा भ्रामक खबरें प्रसारित की जा रही है ऐसे लोगों को चिन्हित कर आवश्यक कानूनी कार्यवाही अमल में लाई जाएगी। किसी भी ऐसे अपराधियों को बक्शा नही जायेगा जो लोक शांति और कानून का उल्लघंन करेंगे।

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