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पत्रकार गजेंद्र रावत ने DGP को पत्र लिखकर अजेंद्र अजय पर लगाया संगीन आरोप, की ये मांग

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  • पत्रकार गजेंद्र रावत की पुलिस महानिदेशक से न्याय की मांग

Dehradun: क्या उत्तराखंड के सरोकार की बात करना अपराध है? क्या सत्ताधारी दल के नेताओं पर राजनीतिक व्यंग्य करना आपराधिक कृत्य कहलाएगा? क्या बद्री-केदार मंदिर समिति अध्यक्ष पर सवाल उठाना धार्मिक भावनाओं को आहत करने वाला अपराध है? इतना ही नहीं पत्रकार गजेंद्र रावत पर संगीन धाराओं में दर्ज किए गए मुकदमे के बाद सरकार और पुलिस की कार्यशैली पर अनेक सवाल उठ रहे हैं।

पूरा मामला यह है कि फेसबुक पर बीजेपी नेताओं, बीकेटीसी अध्यक्ष अजेंद्र अजय और केदारनाथ मंदिर गर्भ गृह में ‘सोना हुआ पीतल’ प्रकरण में दो पोस्ट करने के बाद एक मई को देहरादून के डालनवाला थाने में पत्रकार गजेंद्र रावत के विरुद्ध धार्मिक भावना आहत करने संबंधी एक केस दर्ज कराया जाता है। धार्मिक भावनाएं आहत करने के आरोप वाला यह केस बीकेटीसी के मीडिया प्रभारी हरीश गौड़ द्वारा दर्ज कराया गया था। अब इस मामले में गजेंद्र रावत ने डीजीपी अभिनव कुमार से निष्पक्ष और समयबद्ध जांच की मांग की है ।

बद्रीनाथ केदारनाथ मंदिर समिति के मीडिया प्रभारी डॉ हरीश गौड़ द्वारा दर्ज करवाए गए इस मामले को लेकर पत्रकार गजेंद्र रावत ने उत्तराखंड के पुलिस महानिदेशक को विस्तृत पत्र लिखकर बद्रीनाथ केदारनाथ मंदिर समिति के अध्यक्ष अजेंद्र अजय की भूमिका पर सवाल उठाए हैं । गजेन्द्र रावत ने अपने इस पत्र में हरीश गौड़ के साथ हुए वार्तालाप का विस्तृत ब्योरा देकर अपने परिजनों के साथ किसी अनहोनी की आशंका भी व्यक्त की है।

पत्रकार गजेंद्र रावत द्वारा लिखे गए पत्र को यहां पढ़िए हुबहू:

सेवा में ,
श्रीमान पुलिस महानिदेशक
उत्तराखंड
विषय : बद्रीनाथ – केदारनाथ मंदिर समिति के अध्यक्ष श्री अजेन्द्र अजय द्वारा की गई साजिश और षड्यंत्र के विषय में ।
महोदय ,
आपको अवगत कराना है कि 1 मई 2024 की रात को एक पत्रकार मित्र द्वारा मुझे फोन से सूचना दी गई कि देहरादून के डालनवाला थाने में मेरे विरुद्ध एक मुकदमा दर्ज हुआ है । 2 मई 2024 की सुबह समाचार पत्रों में खबर छपी हुई थी कि मुझ पर देहरादून के डालनवाला थाने में धार्मिक भावना को आहत करने का मुकदमा दर्ज हुआ है और मुकदमा करने वाले बद्रीनाथ – केदारनाथ मंदिर समिति के मीडिया प्रभारी डॉक्टर हरीश गौड़ है, जिन्हें मैं जीवन में कभी नहीं मिला, न कभी फोन पर बात हुई थी। प्रथम दृष्टया मेरी समझ में नहीं आया कि बद्रीनाथ – केदारनाथ मंदिर समिति के कर्मचारी जो कि कर्मचारी सेवा आचरण नियमावली के अधीन आते हैं, वह चुनाव आचार संहिता लागू रहने के दौरान मुझ पर ऐसा मुकदमा कैसे कर सकते हैं ?
जब मैंने अपने ऊपर लिखी एफआईआर पढ़ी तो मुझे आश्चर्य हुआ कि एक सरकारी कर्मचारी ने कैसे पौड़ी लोकसभा से भाजपा प्रत्याशी अनिल बलूनी, उत्तराखंड के स्वास्थ्य मंत्री धन सिंह रावत , बद्रीनाथ – केदारनाथ मंदिर समिति के अध्यक्ष अजेंद्र अजय का नाम लिखकर मुझ पर मुकदमा करवा दिया है ।
मुझ पर हुए इस मुकदमे से समाज में सोशल मीडिया से लेकर अखबारों में प्रतिक्रिया देखने को मिली । इस प्रदेश में मुझे मेरी पत्रकारिता और सामाजिक जुड़ाव के कारण जानने वाले लोगों की चिंता से मैं बेहद चिंतित हो गया ।
अगले दिन 3 मई 2024 को सुबह 8:26 पर मेरे मोबाइल पर एक संदेश आया जिस पर एक व्हाट्सएप नंबर 9411527992 हरीश गौड़ लिखा था । संदेश 7302257115 नंबर से आया था मैं समझ नहीं पाया कि व्हाट्सएप नंबर क्यों भेजा गया है । कुछ देर बाद मैने व्हाट्सएप चेक किया तो 9411527992 नंबर से हिंदी में हरीश गौड़ लिखा देखा मैंने रिप्लाई में लिखा “आप क्या करते हैं” कोई जवाब नही मिला, फिर मैंने अनुमान लगाया कि ये मुझ पर मुकदमा करने वाले सज्जन डाक्टर हरीश गौड़ हो सकते हैं ।
मैंने 8:35 पर उक्त नंबर पर कॉल की तब मेरी बीकेटीसी के मीडिया प्रभारी हरीश गौड़ से लंबी बातचीत हुई । हरीश गौड़ ने मुझे बताया कि उनके द्वारा जो मुकदमा मुझ पर करवाया गया है, वह बद्रीनाथ – केदारनाथ मंदिर समिति के अध्यक्ष अजेंद्र अजय के कहने पर करवाया गया है। उन्होंने बताया कि अध्यक्ष अजेंद्र अजय ने दबाव डालकर उनसे यह काम करवाया और मुकदमा न करने पर नौकरी जाने की धमकी दी । हरीश गौड़ ने यह भी बताया कि इससे पहले अजेंद्र अजय उन्हें कई महीने बाहर बैठा चुके हैं । हरीश गौड़ की बात सुनकर मेरी समझ में आया कि किस प्रकार मेरे विरुद्ध एक कुचक्र रचकर साजिश की गई है मेरी छवि मेरी मान प्रतिष्ठा धूमिल की गई है समाज में मुझे नीचा दिखाने के लिए यह प्रपंच किया गया है । हरीश गौड़ को मोहरा बनाया गया है।हरीश गौड़ ने बताया कि अजेंद्र अजय ने उन्हें विभागीय मुकदमा बताकर दबाव डाला था, अजेंद्र अजय ने बोला था कि या तो नौकरी करो या कहना मानो, यह मुकदमा हर हाल में तुम्हारी तरफ से होगा ।
हरीश गौड़ द्वारा यह भी बताया गया कि उन्होंने अजेंद्र अजय से कहा कि यह मुकदमा भाजपा वाला देगा या सीईओ बीकेटीसी देगा लेकिन अजेंद्र अजय ने दबाव डालकर कहा कि यह तुम्हें करना होगा । मुझे डेढ़ दो बजे बुलाया गया कागज पकड़ाया गया। सोमवार को पीए का फोन आया कि अध्यक्ष जी कह रहे हैं कि हर हाल में यहां आओ, मैंने जाते ही दस्तखत किए पढ़ा भी नहीं क्या लिखा है ? हरीश गौड़ ने मुझे बताया कि पेटीएम वाले मामले में भी मंदिर समिति के नाम से मुकदमा किया गया बाद में पेटीएम मंदिर समिति का ही निकला, मुकदमा किसी और पर हो गया। उस वक्त अनिल ध्यानी के नाम से मुकदमा करवाया गया था । जो हरीश गौड़ मुकदमे में भाजपा प्रत्याशी अनिल बलूनी का नाम कॉट कर रहे थे, वही फोन पर बता रहे थे कि वह अनिल बलूनी को जानते तक नहीं, ना कभी बलूनी को देखा है । हरीश गौड़ ने एक और गंभीर बात बताई कि स्वास्थ्य मंत्री धन सिंह रावत उनके विरोध में रहते हैं । अब जो व्यक्ति मेरे विरुद्ध मुकदमे में स्वास्थ्य मंत्री धन सिंह रावत का नाम लिखते हो और फोन पर उनके बारे में इस प्रकार की बातें बता रहे हो, समझा जा सकता है कि हरीश गौड़ पर किस प्रकार दबाव डाला गया होगा ? हरीश गौड़ ने बताया कि अजेंद्र अजय ने 5 महीने पहले उन्हें काम से हटाया हुआ था जबकि यह सरकारी पोस्ट है । समिति के एक और कार्मिक राकेश सेमवाल को भी सस्पेंड किया था । उन्होंने बताया कि अगर मैं मुकदमा नहीं करता तो वह दूसरी किस्म का आदमी है । गौड़ ने बताया कि मुकदमा सरकार के दबाव में हुआ है। मुकदमा मेरे नाम से मंदिर समिति ने दबाव डालकर करवाया। हरीश गौड़ ने बताया कि उनकी इस संदर्भ में एसपी से भी बात हुई थी और एसपी साहब ने उन्हें बताया था कि यह मामला नहीं बनता। इसी प्रकार की तमाम बातें हरीश गौड़ द्वारा बताई गई जिससे स्पष्ट हुआ कि किस प्रकार बद्रीनाथ-केदारनाथ मंदिर समिति के अध्यक्ष अजेंद्र अजय ने साजिशन मुझे डराने, मेरी प्रतिष्ठा को ठेस पहुंचाने, लोकतंत्र के चौथे स्तंभ पत्रकारिता पर अंकुश लगाने ,मेरी अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता को छीनने के लिए यह झूठा मुकदमा मुझ पर करवाया है।
महोदय मैं वर्ष 2001 से लगातार पत्रकारिता कर रहा हूं, पत्रकार व प्रदेश का जिम्मेदार नागरिक होने के नाते मेरे द्वारा हमेशा जनहित के सवाल सड़क से लेकर टीवी चैनलों, यू ट्यूब चैनलों, सोशल मीडिया के माध्यम से उठाए जाते रहे हैं। ऐसा करना पत्रकारिता धर्म है। लेकिन जिस प्रकार बीकेटीसी के अध्यक्ष अजेंद्र अजय द्वारा यह कृत्य किया गया यह वास्तव में बहुत बड़ा षड्यंत्र प्रतीत होता है। विगत वर्ष 18 मई 2023 को बदरीनाथ – केदारनाथ मंदिर समिति के सदस्यों ने मुख्यमंत्री से मिलकर जो आरोप अध्यक्ष अजेंद्र अजय पर लगाए उससे करोड़ों केदार भक्तों की भावना को ठेस पहुंची कि अध्यक्ष बाबा केदार के धाम में ऐसे काम करवा रहे हैं। तीर्थ पुरोहितों द्वारा जिस प्रकार केदारनाथ के गर्भ गृह में लगे सोने के पीतल होने के वीडियो जारी किए गए, वो देश – दुनिया में प्रसारित हुए। उससे करोड़ों भक्तों के साथ मेरी भी धार्मिक आस्था आहत हुई है।
अतः अजेंद्र अजय पर मुझे प्रताड़ित करने व केदारनाथ के करोड़ों भक्तों की धार्मिक भावना को आहत करने का मुकदमा दर्ज किया जाना चाहिए । मेरी प्रतिष्ठा को ठेस पहुंची है। अतः आपसे अनुरोध है कि मंदिर समिति के अध्यक्ष अजेंद्र अजय जिन पर केदारनाथ के तीर्थ पुरोहितों, मंदिर समिति के सदस्यों ने बोर्ड की बैठकों के विपरीत काम करने का आरोप लगाया है। जिन पर मंदिर समिति के 10 करोड़ रुपए सरकार को देने के आरोप लगे हैं। अपने सगे भाई को नियम विरुद्ध बद्रीनाथ – केदारनाथ मंदिर समिति में फायदा पहुंचाने का आरोप लगा है। जिन पर हेली सर्विस से मंदिर समिति को करोड़ों का नुकसान पहुंचाने का आरोप है, के विरुद्ध सुसंगत धाराओं में मुकदमा दर्ज किया जाय।

मुझे आशंका है कि जिस प्रकार का सुपारी किलर जैसा कृत्य अजेंद्र अजय द्वारा किया गया है उनके साथ इस साजिश में और लोग भी शामिल हो सकते हैं। मैं इनकी गंभीर जांच की मांग करता हूं। इनके फोन कॉल डिटेल्स से लेकर इनकी तमाम लोकेशन की जांच आवश्यक है । केदारनाथ में पंडा पुरोहितों के सोने से पीतल वाले आरोप, अजेंद्र अजय के कार्यकाल में अभी तक हुए सभी कामों की निष्पक्ष जांच बेहद जरूरी है।

अजय के बारे में जो बातें हरीश गौड़ ने बतायी है उसे देखते हुए मुझे आशंका है कि वो भविष्य में मुझे व मेरे परिवार, बच्चों को हानि पहुंचा सकते हैं। यदि मेरे किसी परिजन के साथ कोई घटना होती है तो उसकी जिम्मेदारी बद्रीनाथ – केदारनाथ मंदिर समिति के अध्यक्ष अजेंद्र अजय की होगी।
प्रकरण पर आवश्यक और समयबद्ध जांच की उम्मीद करता हूं।
सधन्यवाद
गजेन्द्र सिंह रावत
स्वतंत्र पत्रकार
लॉर्ड कृष्णा रेसीडेंसी, तेग बहादुर रोड, डालनवाला, देहरादून
9412983514
9149192454

दिनांक : 8 मई 2024

प्रतिलिपि :
1 राज्य पुलिस प्राधिकरण 2रजिस्ट्रार उच्च न्यायालय नैनीताल
3_अध्यक्ष, राज्य मानवाधिकार आयोग

पत्रकार गजेन्द्र रावत द्वारा लिखित पत्र
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