ADDA IN-DEPTH क्या 22 बैटल से पहले फिर होगी बड़ी बगावत! बलूनी का दावा हरदा छोड़ हरेक कांग्रेसी बीजेपी के दरवाजे, पर हमने लगाया हाउसफ़ुल का बोर्ड, गोदियाल का पलटवार बस 15 दिन का वक्त दीजिए

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देहरादून: जैसे-जैसे बाइस बैटल करीब आ रही बगावत को लेकर सियासी गलियारे में हल्ला तेज हो रहा। एक निर्दलीय और कांग्रेसी एमएलए अपने पाले में कर बीजेपी ने बढ़त जरूर बना ली है। तो कांग्रेस ने भी कुछ जगहों पर छोटे-मोटे भाजपाई कार्यकर्ता-नेता अपने साथ जोड़े हैं। लेकिन अभी 2017 के चुनाव से पहले कांग्रेस में हुई टूट जैसी तस्वीर सामने नहीं आई है लेकिन बीजेपी और कांग्रेस, दोनों तरफ परदे के पीछे से सेंधमारी का खेल ज़ोरों पर है। हम यह थ्योरी हवा में नहीं बना रहे बल्कि इसके सॉलिड इनपुट मिल रहे हैं। पहाड़ के राजनीतिक गलियारे में कांग्रेस से लेकर बीजेपी तक चर्चा तेज है कि कांग्रेस के एक दिग्गज नेता ने दावा किया है, ‘ये लोग फुलझड़ी फोड़ रहे दीवाली के करीब एटमी धमाका हम करेंगे।’


अंदरूनी तौर पर चल रही इस सरगर्मी को पिछले दो दिनों में कांग्रेस प्रदेश अध्यक्ष गणेश गोदियाल के आए बयानों से जमीन भी मिल गई है। गोदियाल ने गुरुवार के कहा था कि आने वाले 15 दिनों में बड़ा फैसला हो सकता है क्योंकि कई बीजेपी नेता कांग्रेस के संपर्क में हैं।

शुक्रवार को बीजेपी के मीडिया वर्कशॉप में विधानसभा चुनाव को लेकर ट्रेनिंग देने पहुँचे राज्यसभा सांसद अनिल बलूनी ने चुनावी तैयारी पर पूछे सवाल पर कहा कि पूर्व मुख्यमंत्री हरीश रावत और उनके एकाध लोगों को छोड़कर सारे कांग्रेसी बीजेपी के दरवाजे खड़े हैं लेकिन हमने में हाउसफुल है का बोर्ड लगा दिया है।


अब बलूनी के इस बड़े बयान पर पलटवार करते हुए गणेश गोदियाल ने कहा कि 15 दिन का वक्त जाने दीजिए फिर पता चलेगा किनके यहां हाउसफुल है और उनके यहाँ कितना हाउस खाली हो रहा है। गोदियाल ने चुटकी लेते कहा कि हमने तो सुना है कि जिन नेताओं को हाल में शामिल किया उनकी दहलीज़ पर पिछले दो साल से नाक रगड़-रगड़कर घायल करा बैठे।
जाहिर है बलूनी के बयान को एक मनोवैज्ञानिक बढ़त के दांव से अधिक तवज्जो नहीं दी जा सकती। वह इसलिए कि इस वक्त सबसे बड़ी चर्चा दो बातों की है कि एक तो बीजेपी रणनीतिकार कई जिताऊ कांग्रेसी नेताओं पर डोरे डाल रह दूसरा यह भी कि भले कैबिनेट मंत्री डॉ हरक सिंह रावत अपना दर्द ए इंजहार गृहमंत्री अमित शाह से मिलकर कर आए हों लेकिन उनके क़रीबियों को अहसास है कि टीएसआर के हमले और बाइस बाद की बीजेपी में ‘शेर ए गढ़वाल’ कहां खड़े नजर आ रहे हैं! जाहिर है बलूनी भी इस सरगर्मी से बखूबी वाक़िफ़ हैं और इंतजार दीवाली के आसपास का कईयों को इधर भी उधर भी!


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