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दिल्ली दौरे पर सीएम धामी: गृहमंत्री शाह के साथ नए आपराधिक कानूनों पर बैठक फिर वन टू वन मीटिंग और अंबेडकर को लेकर कांग्रेस-नेहरू पर प्रहार

मंगलवार को केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने तीन नए आपराधिक कानूनों के उत्तराखंड में क्रियान्वयन की समीक्षा की जिसमें सीएम धामी से लेकर मुख्य सचिव, डीजीपी सहित कई आलाधिकारी उपस्थित रहे।

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Delhi: मंगलवार को मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह से मुलाकात की और प्रदेश से जुड़े कई अहम मुद्दों पर चर्चा की। बताया गया कि केदारनाथ उपचुनाव में जीत से लेकर प्रदेश में हो रहे नगर निकाय चुनावों को लेकर भी मुख्यमंत्री ने विपक्ष को शिकस्त देने के लिए अपनी व्यूह रचना गृह मंत्री के सामने रखी है।
शाह से मुलाकात के बाद मुख्यमंत्री ने दिल्ली में एक प्रेस कॉन्फ़्रेंस बुलाकर बाबा साहेब भीमराव अंबेडकर को लेकर गृह मंत्री शाह के संसद में दिए वक्तव्य पर विपक्षी हल्लाबोल को लेकर कांग्रेस को आड़े हाथों लिया। मुख्यमंत्री ने ना केवल कांग्रेस और गांधी परिवार पर निशाना साधा बल्कि पंडित जवाहर लाल नेहरु को भी कटघरे में खड़ा किया।
इससे पहले आज केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने तीन नए आपराधिक कानूनों – भारतीय न्याय संहिता-2023, भारतीय नागरिक सुरक्षा संहिता-2023, और भारतीय साक्ष्य अधिनियम-2023 के उत्तराखंड राज्य में क्रियान्वयन के लिए समीक्षा बैठक की थी जिसमें सीएम और डीजीपी से लेकर  कई वरिष्ठ अधिकारी मौजूद रहे। नए आपराधिक कानूनों को लेकर उत्तराखंड में की गई प्रगति पर संतोष व्यक्त किया और  विशेष रूप से राज्य सरकार द्वारा किए गए कार्यों और त्वरित क्रियान्वयन की प्रशंसा की।

केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह द्वारा बुलाई इस समीक्षा बैठक में मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने बताया कि उत्तराखंड में तकनीकी एकीकरण जैसे कि ई-साक्ष्य, ई-कोर्ट और ई-समन का सफल एकीकरण किया गया है। इन प्रौद्योगिकियों के प्रभावी उपयोग ने न्याय प्रणाली को तेज, पारदर्शी, और प्रभावी बनाया है। मेडलीप्र (MedLEaPR) के माध्यम से चिकित्सा और कानूनी प्रक्रियाओं के बीच तालमेल बनाया गया है।
मुकदमों के निस्तारण में प्रगति की जानकारी देते हुए सीएम ने बताया गया कि अदालतों द्वारा मामलों के शीघ्र निस्तारण में उत्कृष्ट प्रदर्शन किया गया है। 41% मामलों का निपटान और दोषसिद्धि दर प्रभावी न्याय प्रणाली का प्रमाण है। कानूनों के सफल क्रियान्वयन के लिए प्रशिक्षण और जनशक्ति विकास के अंतर्गत 23,000 से अधिक पुलिस कर्मियों और अभियोजकों का सफल प्रशिक्षण किया गया है।
गृह मंत्री की अध्यक्षता में हुई इस बैठक में मुख्यमंत्री धामी ने बताया कि उत्तराखंड हिंदी भाषा में एआई (Artificial Intelligence) आधारित कोर्स तैयार करने वाला पहला राज्य है। नए तीन कानूनों के संबंध में जन जागरूकता अभियान संचालित किए गए है। सामाजिक सहभागिता को बढ़ावा देने के लिए नुक्कड़ नाटक, चौपाल, और सेमिनार जैसे कार्यक्रम आयोजित किए गए।
 केंद्रीय गृह मंत्री ने राज्य सरकार को ऑनलाइन तंत्र के क्रियान्वयन से हुई लागत में बचत का मूल्यांकन करने का निर्देश दिया। उन्होंने राज्य में वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग (VC) सुविधाओं की संख्या बढ़ाने का भी सुझाव दिया, ताकि दूरस्थ क्षेत्रों में न्याय प्रक्रिया को और सुलभ बनाया जा सके।
 बैठक के दौरान, उत्तराखंड के मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने तीन नए कानूनों के क्रियान्वयन के लिए आवश्यक बुनियादी ढांचे के विकास में भारत सरकार से समर्थन का अनुरोध किया। गृह मंत्री ने इस अनुरोध को स्वीकार करते हुए राज्य को हरसंभव सहायता का आश्वासन दिया।
समीक्षा बैठक में भारत सरकार के गृह सचिव के साथ ही उत्तराखंड सरकार के मुख्य सचिव, प्रमुख सचिव (कानून), सचिव (गृह), पुलिस महानिदेशक, उपमहानिरीक्षक उपस्थित थे। बैठक में महानिदेशक बीपीआरएनडी (Bureau of Police Research and Development), गृह मंत्रालय और राष्ट्रीय सूचना विज्ञान केंद्र (NIC) के अधिकारी भी मौजूद थे।
  • शाह से वन टू वन मुलाकात, सीएम धामी ने कांग्रेस पर साधा निशाना 

मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने गृह मंत्री अमित शाह से मुलाकात के बाद नई दिल्ली में मीडिया से वार्ता करते हुए कहा कि पिछले दिनों देश में विभाजनकारी राजनीति करने वाले लोग सुर्खियां बटोरने के लिए गृहमंत्री के संसद में दिये गये बयान के एक छोटे हिस्से को तोड़ मरोड़ कर प्रस्तुत करने कर रहे हैं। सीएम ने आरोप लगाया कि लगातार यह घृणित कार्य कांग्रेस कर रही है। उन्होंने कहा कि कांग्रेस यह कार्य उन बाबा साहब अम्बेडकर जी के नाम पर कर रही है, जिसने हमेशा अम्बेडकर जी का अपमान करने का कार्य किया है।
मुख्यमंत्री ने कहा कि देश को संविधान देने वाले बाबा साहब का जीवन समानता तथा भारत के निर्माण के लिये समर्पित रहा है। मुख्यमंत्री ने कहा कि कांग्रेस पार्टी, जिसने बाबा साहब भीमराव अंबेडकर का हमेशा अपमान किया, उनका मजाक उड़ाया और उन्हें लज्जित किया, आज वही पार्टी उनके नाम पर हक मांगने का ढोंग कर रही है। कांग्रेस की सोच हमेशा अंबेडकर विरोधी रही है।
उन्होंने कहा कि कांग्रेस को अपने नेताओं और पंडित नेहरू द्वारा बाबा साहब अंबेडकर के प्रति किए गए अपमान के लिए पूरे देश से बिना शर्त माफी मांगना चाहिए। उन्होंने कहा कि जब भी कोई व्यक्ति मंत्रिपरिषद से इस्तीफा देता है, तो सदन में उसे बोलने का मौका दिया जाता है लेकिन बाबासाहब भीमराव अंबेडकर के इस्तीफे के बाद सदन में उन्हें बोलने तक नहीं दिया गया।
मुख्यमंत्री ने कहा कि अपने त्याग पत्र में बाबा साहब अंबेडकर ने पंडित नेहरू के खिलाफ बहुत कुछ लिखा है। बाबा साहब ने अपने इस्तीफे में लिखा था कि केवल मुसलमानों की चिंता की गई, लेकिन एससी और एसटी को उचित संरक्षण प्रदान नहीं किया गया।
सीएम ने आरोप लगाया कि कांग्रेस पार्टी देश भर में भाजपा के खिलाफ प्रेस कांफ्रेंस का नाटक कर रही है। जिस कांग्रेस ने देश के महान सपूत डॉ भीम राव अंबेडकर का हमेशा से ही अपमान किया और उन्हें संविधान सभा का सदस्य तक नहीं बनने दिया, आज वह बाबा साहब के प्रति प्रेम का दिखावा कर रही है।
 मुख्यमंत्री ने कहा कि जिस कांग्रेस ने बाबा साहब अंबेडकर को 1952 के लोकसभा चुनाव और 1954 के उपचुनाव में हरवाया, जिस कांग्रेस ने बाबा साहब को देश के कानून मंत्री के पद से इस्तीफा देने के लिए मजबूर किया, जिस महान सपूत को कांग्रेस पार्टी ने भारत रत्न तक नहीं दिया, जिस कांग्रेस पार्टी ने बाबा साहब का एक भी स्मारक नहीं बनने दिया, वो कांग्रेस पार्टी आज बाबा साहब अंबेडकर के नाम पर प्रेस वार्ता कर रही है। कांग्रेस को इस पाखंड को बंद कर देना चाहिए।
 मुख्यमंत्री ने कहा कि जब भी कोई बड़ा नेता जाता है, तो उनकी विरासतों को संजोया जाता है और उनकी स्मृतियाँ बनाई जाती हैं, लेकिन कांग्रेस पार्टी ने बाबा साहब की एक भी स्मृति बनाने की अनुमति नहीं दी। बाबा साहब के जन्मस्थान मध्यप्रदेश में उनकी एक स्मृति निर्माण का काम भाजपा के मुख्यमंत्री सुंदरलाल पटवा के कार्यकाल के दौरान हुआ था, और स्वर्गीय अटल बिहारी वाजपेयी ने उसका उद्घाटन किया था। दिल्ली स्थित अंबेडकर सेंटर कांग्रेस पार्टी ने बनने नहीं दिया। जब केंद्र में प्रधानमंत्री नरेद्र मोदी की सरकार आई, तो अंबेडकर सेंटर बनकर तैयार हुआ।
 उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री मोदी की सरकार ने लंदन में जहां बाबा साहब रहे थे, वहां उनकी एक स्मृति बनाई, दिल्ली में उनके निवास स्थान पर स्मृति स्थापित की, नागपुर की दीक्षा भूमि और मुंबई की चौत्य भूमि में भी स्मृतियाँ बनाई। कांग्रेस पार्टी ने बाबा साहब की स्मृतियाँ बनाने के लिए कोई कदम नहीं उठाए, केवल अड़चनें डालीं जवकि देशभर में नेहरू, इंदिरा गांधी, संजय गांधी और राजीव गांधी के नाम पर सैकड़ों स्मारक, अस्पताल और सड़कों के नाम रख दिए गए। जिस तरह से पंडित नेहरू और कांग्रेस के नेताओं ने बाबा साहब अंबेडकर के साथ बदसलूकी की और उनका अपमान किया, जिसके साक्ष्य भी मौजूद हैं, उसके लिए कांग्रेस को बिना शर्त माफी मांगी मांगनी चाहिए।
मुख्यमंत्री ने कहा कि कांग्रेस पार्टी ने बाबा साहब को तो भारत रत्न, पद्म भूषण या पद्मश्री नहीं दिया, लेकिन बाबा साहब अंबेडकर को चुनाव में हराने वाले नारायण सदोबा काजरोलकर को 1970 में पद्म भूषण देकर सम्मानित किया। काजरोलकर के पक्ष में पंडित नेहरू ने भी प्रचार किया था। ये है कांग्रेस की असली हकीकत ।
 मुख्यमंत्री ने कहा कि सरदार वल्लभभाई पटेल के बाद अमित शाह के रूप में देश को मजबूत गृहमंत्री मिले हैं और नरेन्द्र मोदी जैसा  मजबूत और सशक्त प्रधानमंत्री मिला है जिनके नेतृत्व में कश्मीर से धारा 370 हटाने का कार्य हुआ है। देश के हित में अनेक निर्णय लिये गए हैं। इसे भी कांग्रेस बर्दाश्त नहीं कर पा रही है।
सीएम धामी ने कहा कि हरियाणा व महाराष्ट्र के चुनावों में प्रधानमंत्री मोदी को अपार जन समर्थन मिला है। इससे भी कांग्रेस हताश व निराश है।

मुख्यमंत्री ने कहा कि कांग्रेस पार्टी केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह के भाषण के एक बहुत ही छोटे से अंश को बिना किसी संदर्भ के प्रस्तुत कर, खुद के लिए राजनीति करने का एक मुद्दा बनाने का प्रयास कर रही हैं। देश की जनता बहुत परिपक्व है और सब समझती है। ऐसा करके कांग्रेस की दाल नहीं गलने वाली है। कांग्रेस को पहले भी जनता ने सबक सिखाया है और आगे भी जनता इन्हें सबक सिखाएगी।
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