उज्जैन: कहते हैं मध्यप्रदेश में सरकार भले शिवराज की हो लेकिन हनक कैलाश विजयवर्गीय की ही देखने को मिलती है। ताजा मामला उज्जैन के महाकाल मंदिर का है। मप्र से आ रही मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक़ बीजेपी के क़द्दावर नेता कैलाश विजयवर्गीय, उनके विधायक पुत्र आकाश विजयवर्गीय और विधायक रमेश मेंदोला शुक्रवार सुबह महाकाल मंदिर दर्शन को पहुँचे।
खास बात यह है कि कोरोना महामारी के चलते पिछले एक साल से महाकाल मंदिर में वीआईपी और आम श्रद्धालुओं के प्रवेश पर पाबंदी लगा रखी है। लेकिन बीजेपी नेता विजयवर्गीय, उनके विधायक बेटे और विधायक मेंदोला शुक्रवार सुबह महाकाल दर्शन करने पहुंच जाते हैं। तीनों वीआईपी नेताओं के पहुँचते ही मंदिर प्रशासन सारे दरवाजे बंद कर देता है। बताया जा रहा कि सीसीटीवी कैमरे भी बंद कर दिए जाते हैं।
सुबह 4 बजे भस्म आरती करने जब मुख्य पुजारी और अन्य पुजारी गेट संख्या चार पर पहुँचते हैं तो उनको मंदिर में प्रवेश से रोक दिया जाता है। इसके चलते भस्म आरती भी आधे घंटे की देरी से शुरू हो पाई। वीआईपी दर्शन कराते मंदिर प्रशासन के खिलाफ पुजारियों ने हंगामा किया और मुख्यमंत्री से शिकायत की बात कही है। पुजारियों का आरोप है कि कोरोना के चलते फिलहाल किसी को मंदिर के गर्भगृह में जाने की इजाज़त नहीं फिर किसने बीजेपी नेता कैलाश विजयवर्गीय सहित तीन वीआईपी को अंदर आने दिया?
मीडिया ने कैलाश विजयवर्गीय और बाकी दोनों विधायकों से भस्म आरती में देरी और प्रतिबंध के बावजूद दर्शन की एंट्री पर सवाल पूछा तो उन्होंने कोई जवाब देना गंवारा नहीं किया।