Jannah Theme License is not validated, Go to the theme options page to validate the license, You need a single license for each domain name.
न्यूज़ 360

हरदा vs रेखा: पूर्व मुख्यमंत्री हरीश रावत के उज्याडू बकरी के जवाब में मरखूली बल्द बता मंत्री रेखा आर्य ने किया पलटवार

Share now

देहरादून: पूर्व मुख्यमंत्री व कांग्रेस नेता हरीश रावत और कैबिनेट मंत्री रेखा आर्य के बीच छिड़ा जुबानी वार पलटवार और तेज होता जा रहा है। सोशल मीडिया में हरदा ने धामी सरकार में कैबिनेट मंत्री रेखा आर्य को उज्याडू बकरी और बाकी कांग्रेसी गौत्र के मंत्रियों को उज्याडू बल्द कहा था जिसके जवाब में रेखा आर्य ने हरदा पर हमला बोला है। रेखा ने हरदा को मरखूली बल्द यानी मारने वाला बैल करार देते कहा है कि मरखूली बल्द अपने साथ साथ गरीब और निर्धन को भी सताता है। रेखा ने कहा कि मरखूली बल्द ऐसा होता है कि उसके बराबर जो भी आने की कोशिश करता है, वह उसे मारने को दौड़ता है। रेखा ने कहा है कि वह समझ सकती हैं कि एक ओर बुढ़ापा और दूसरी ओर मुख्यमंत्री की कुर्सी को देखकर हरीश रावत की क्या हालत हो रही है।

मंत्री रेखा आर्य ने सोशल मीडिया में पूर्व मुख्यमंत्री हरीश रावत को निशाने पर लेते हुए लिखा है, ‘मरखूली बल्द पीछे से वार करने की प्रवृति नहीं छोड़ता। दाज्यू यदि तुम पहाड़ की बेटी को छेड़ोगे, तो वह जवाब देने पर मजबूर होगी। एक स्त्री, जो तुम्हारी बेटी के समान है, उसे उज्याडू बकरी (खेत उजाड़ने वाली बकरी) जैसे शब्द से सुशोभित किया तो इसका जवाब जरूर मिलेगा।’ विधानसभा में शक्ति परीक्षण की बात पर उन्होंने जवाब दिया कि उन्होंने शक्ति परीक्षण में अपनी अंतरात्मा की आवाज सुनी।

आगे उन्होंने लिखा, ‘जहां तक हरे-हरे कागजों की बात है तो इस बात को आप ज्यादा समझते हो। आप ने किस-किस को लालच दिया। अगर आप कहोगे तो सभी का नाम खोलने को तैयार हैं।’ 

दरअसल हरीश रावत लगातार कांग्रेस गोत्र वाले धामी सरकार के मंत्रियों को निशाने पर ले रहे हैं। इसी कड़ी में हरदा ने मंत्री सतपाल महाराज , हरक सिंह रावत, यशपाल आर्य, सुबोध उनियाल को उज्याडू बल्द और रेखा आर्य को उज्याडू बकरी करार दिया था। इसके जवाब में मंत्री हरक सिंह ने हरीश रावत को बबूल का पेड़ करार दिया था जो किसी और पौधे को उभरने भी नहीं देता है। अब हरदा के ही अंदाज में रेखा आर्य ने तीखा पलटवार किया है। 

Show More

The News Adda

The News अड्डा एक प्रयास है बिना किसी पूर्वाग्रह के बेबाक़ी से ख़बर को ख़बर की तरह कहने का आख़िर खबर जब किसी के लिये अचार और किसी के सामने लाचार बनती दिखे तब कोई तो अड्डा हो जहां से ख़बर का सही रास्ता भी दिखे और विमर्श का मज़बूत मंच भी मिले. आख़िर ख़बर ही जीवन है.

Related Articles

Back to top button
error: Content is protected !!