गोदियाल पर धनदा कैंप की तरफ से डबल अटैक: डिमरी, दान सिंह ने कहा सांच को आंच नहीं फिर जांच के ऐलान भर से घबरा गए गणेश?

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देहरादून: पहाड़ पॉलिटिक्स में सत्ता का सिरमौर बनने को लेकर फरवरी में छिड़ी बाइस बैटल 10 मार्च को भाजपा के पक्ष में जीत के नतीजे के साथ खत्म हो चुकी है। लेकिन श्रीनगर गढ़वाल की राजनीतिक जमीन पर वर्चस्व को लेकर धामी सरकार में काबीना मंत्री डॉ धन सिंह रावत और पूर्व कांग्रेस प्रदेश अध्यक्ष गणेश गोदियाल के बीच अभी सियासी जंग थमी नहीं है। भले चुनावी नतीजे धनदा के समर्थन में आए हों और हार गणेश गोदियाल के हिस्से आई हो लेकिन दोनों दिग्गजों में तलवारें अभी म्यान में जाती नहीं दिख रहीं हैं। अलबत्ता बदरी केदार मंदिर समिति में गोदियाल के कार्यकाल और सहकारिता सहित दूसरे विभागों के मंत्री रहते डॉ धन सिंह रावत पर भ्रष्टाचार के आरोप प्रत्यारोप में दोनों दिग्गजों में मोर्चा खोल रखा है।

शुक्रवार को गणेश गोदियाल ने पूर्व मुख्यमंत्री हरीश रावत और प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष करन माहरा के साथ संयुक्त प्रेस कांफ्रेंस बुलाकर बदरी केदार मंदिर समिति के सदस्य आशुतोष डिमरी द्वारा लगाए गए भ्रष्टाचार के आरोपों पर जवाब देते हुए सहकारिता मंत्री धन सिंह रावत को ही कटघरे में खड़ा कर मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी से दोनों पर लगे आरोपों की जांच एक हफ्ते के भीतर हाई कोर्ट के सिटिंग जज से कराने की मांग की है। अब धनदा ने खुद तो नहीं लेकिन उनकी तरफ से आशुतोष डिमरी और दान सिंह रावत ने जवाबी हमला किया है।
आशुतोष डिमरी ने जवाबी हमला किया है कि बदरीनाथ केदारनाथ मंदिर समिति के पूर्व अध्यक्ष गणेश गोदियाल द्वारा आहूत की गई प्रेस वार्ता में उठाई गई बातें पूरी तरीके से निराधार और सत्य से परे हैं। डिमरी ने कहा कि ऐसा प्रतीत हो रहा है कि गणेश गोदियाल 4 महीने के बाद भी हार की बौखलाहट से बाहर नहीं निकल पा रहे हैं ।

उन्होंने कहा कि गोदियाल के साथ कांग्रेस के बड़े नेता भी चुनावी हार की बौखलाहट से बाहर नहीं निकल पा रहे हैं। आशुतोष डिमरी ने कहा कि पूरी प्रामाणिकता के साथ यह बात सिद्ध हो रही है कि बिनसर मंदिर में बिना टेंडर प्रक्रिया के कराए गए कार्य बदरीनथ एवं केदारनाथ मंदिर अधिनियम की धाराओं का उल्लंघन है। मंदिर अधिनियम के तहत मंदिर समिति को श्री बदरीनाथ एवं श्री केदारनाथ के 45 मंदिरों की पूजा व्यवस्था व प्रबंधन का जिम्मा सौंपा गया है। इससे बाहर जाकर गणेश गोदियाल के कार्यकाल में बिनसर मंदिर जीर्णोद्धार, पोखरी शिवालय व प्रतापनगर का सड़क निर्माण पूरी तरीके से मंदिर अधिनियम का उल्लंघन है। जिस व्यक्ति के पक्ष में इतने मुखर होकर गोदियाल आज बचाव की मुद्रा में थे उस व्यक्ति को नियमों के विरुद्ध जाकर मात्र 2 वर्ष में अधिशासी अभियंता बना दिया गया।
आशुतोष डिमरी ने कहा कि गोदियाल द्वारा यह कहना हास्यास्पद है कि मेरी जांच के लिए विभागीय मंत्री को शिकायत ना कर डॉ धन सिंह रावत को शिकायत की गई है। कैबिनेट मंत्री डॉ0 धन सिंह रावत सरकार की ओर से चमोली जिले के प्रभारी मंत्री हैं और श्री बदरीनाथ केदारनाथ मंदिर समिति का मुख्यालय चमोली स्थित जोशीमठ और बदरीनाथ धाम में है। इसी कारण मेरे द्वारा शिकायती पत्र आग्रह के साथ प्रभारी मंत्री डॉ0 धन सिंह रावत को दिया गया। उन्होंने कहा कि बड़ा सवाल यह है कि आखिर जांच से इतना क्यों घबराए हैं मंदिर समिति के पूर्व अध्यक्ष गणेश गोदियाल? गोदियाल ने कहा कि मैंने मंदिर समिति से मानदेय नहीं लिया लेकिन गोदियाल यह बात भूल गए कि वह इस दौरान संसदीय सचिव और विधायक के पद पर थे, एक व्यक्ति 2 पदों का लाभ कैसे ले सकता है? वह इस विषय से ध्यान भटका कर स्वास्थ्य और सहकारिता के विषयों में उलझाकर रखने की कोशिश कर रहे हैं। जबकि गणेश गोदियाल द्वारा बनाए गए अपने क्षेत्र महाविद्यालय में गांव वालों की दान दी गई भूमि पर ग्रामीणों को नौकरी पर ना रखकर अपने रिश्तेदारों और चहेतों को रखा गया है।

आशुतोष डिमरी ने कहा कि आखिर सिर्फ जांच के नाम से ही क्यों घबरा रहे हैं गणेश गोदियाल? अभी तक तो जांच शुरु भी नहीं हुई है जांच होने के बाद सच सबको पता लग जाएगा और दूध का दूध और पानी का पानी हो जाएगा।

आशुतोष डिमरी के साथ ही गणेश गोदियाल पर दूसरा अटैक उत्तराखंड राज्य सहकारी बैंक के अध्यक्ष दान सिंह रावत ने किया है। दान सिंह ने कहा कि गणेश गोदियाल अध्ययन करें फिर आरोप लगाएं। दान सिंह रावत ने कहा कि कांग्रेस के पूर्व प्रदेश अध्यक्ष गणेश गोदियाल, जो लगातार दूसरी बार चुनाव हार चुके है, उनके द्वारा सहकारिता मंत्री पर लगाये जा रहे आरोप निराधार एवं तथ्यहीन है और सत्यता से परे है।

दान सिंह रावत ने कहा कि अपनी चुनावी हार की निराशा और हताशा के कारण अपना जनाधार खो चुके लोग भारतीय जनता पार्टी के बढ़ते ग्राफ को बर्दाश्त नहीं कर पा रहे है। जबकि वास्तविकता यह है कि बैंक द्वारा किये गये विनियोजन के सम्बन्ध में स्पष्ट करना है कि उत्तराखण्ड राज्य सहकारी बैंक लि० द्वारा बैंक स्तर से शेयर मार्केट में किसी भी प्रकार का विनियोजन नही किया गया है। शेयर मार्केट में बैंक स्तर से धनराशि विनियोजित नही की जाती है। भारतीय रिजर्व बैंक द्वारा दिये गये दिशा निर्देशों के अनुसार ही बैंक का नॉन एस.एल.आर. विनियोजन किया जाता है। जिसके अन्तर्गत Higher rated commercial papers (CPs) Debentures and bonds में विनियोजन किया जाता है। उक्त के अन्तर्गत बैंक द्वारा भारतीय रिजर्व बैंक द्वारा जारी निर्देशों के अनुरूप मानक पूर्ण कर विनियोजन करते हुए AA+ Rated Trust Capital Services के बॉन्ड में 21.00 करोड़ का विनियोजन किया गया। जिस पर बैंक को 9.01 प्रतिशत ब्याज प्राप्त हुआ। परिपक्वता तिथि, दिनांक 26.03.2021 को इस विनियोजन की सम्पूर्ण धनराशि ब्याज सहित बैंक को प्राप्त हो चुकी है।

इसी मद में दिनांक 06.02.2019 को AA+ Rated, Reliance Capital ltd में बैंक ने 8.25 प्रतिशत की दर से 14.89 करोड़ का विनियोजन किया गया। जिसका भुगतान अभी बैंक को प्राप्त होना है। बैंक के साथ-साथ इस मद में अन्य बैंक / वित्तीय संस्थाओं द्वारा भी जैसे (LIC, EPFO, AXIS bank, deutsche bank, Yes Bank आदि) विनियोजन किया गया है। वर्तमान में सेबी (Sebi) द्वारा Reliance Capital ltd के भुगतानों पर रोक लगायी गयी है। जिसके सम्बन्ध में एन.सी.एल.टी. में भुगतान हेतु कार्यवाही गतिमान है। बैंक द्वारा पूर्व कथनानुसार रिजर्व बैंक के दिये गये मानकों के अन्तर्गत बैंक प्रबन्धन द्वारा उक्त विनियोजन किया किया गया है तथा बैंक के उक्त विनियोजन से धन सिंह रावत का कोई सम्बन्ध नही है। पूर्व प्रदेश अध्यक्ष गोदियाल को आरोप लगाने से पहले अध्ययन करना चाहिए आवेश में आकर इस तरह बिना तर्क के आरोप लगाना उचित नहीं है

प्रदेश के किसानों, नौजवानों और महिलाओं को रोजगार देकर आत्मनिर्भर बनाने की दिशा में सहकारिता विभाग उत्तराखण्ड द्वारा सहकारी बैंकों के माध्यम से अपनी विशेष ऋण योजना ( दीन दयाल कृषि व कृषितोत्तर ऋण योजना के द्वारा शून्य ब्याज दर पर ऋण देकर रोजगार व आत्मनिर्भर बनाया जा रहा है। इस प्रकार राज्य के सहकारी बैंक प्रदेश एवं विकास में अग्रिणी भूमिका निभा रहा है।

दान सिंह रावत ने कहा जब से प्रदेश में भारतीय जनता पार्टी की सरकार व सहकारिता मंत्री धन सिंह रावत के नेतृत्व में बैंक हर वर्ष नए आयाम छू रहा है। उन्होंने कहा कि बैंक ने इस वर्ष 50 करोड़ रुपए का लाभ अर्जित किया है। उन्होंने कहा कि इनकी सरकारों में बैंक सिर्फ इनके खाने कमाने के अड्डे थे और हमारी सरकार में बैंक प्रदेश के अंतिम व्यक्ति को लाभ दे रहे है।


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