WATCH PROTEST मौसम या केदारनाथ धाम में चल रहा तीर्थ-पुरोहितों का प्रचंड आंदोलन रोक रहा रास्ता,इसी हफ्ते से आमरण अनशन की चेतावनी? सीएम धामी ने देहरादून में बैठकर ही ड्रोन से पुनर्निर्माण कार्य परख लिए

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तीर्थ-पुरोहितों का प्रचंड आंदोलन

देहरादून: मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी दो बार केदारनाथ पुनर्निर्माण कार्यों का ज़ायजा लेने के लिए हेलिकॉप्टर से बाबा के धाम रवाना होने का कार्यक्रम बना चुके लेकिन बताया गया कि मौसम खराब हो जाने के चलते दौरे रद्द करने पड़े। बुधवार को सीएम धामी ने नया तरीक़ा निकाला और प्रधानमंत्री मोदी के ड्रीम प्रोजेक्ट कहे जाने वाले केदारनाथ धाम पुनर्निर्माण कार्यों का निरीक्षण ड्रोन से कर लिया। इसमें मौसम की बाधा आड़े नहीं आई और देहरादून बैठे-बैठे ही निर्माण कार्यों का ब्योरा मिल गया और लगे हाथ अधिकारियों को कार्यों में तेजी लाने के निर्देश भी दे दिए। जाहिर है अब मुख्यमंत्री के निर्देश पाकर अधिकारी और तेजी से काम करेंगे और प्रधानमंत्री मोदी के ड्रीम प्रोजेक्ट और तेजी से साकार होता जाएगा।


अब यह तो रहा तस्वीर का एक पहलू जो सरकार ने दिखाया और हमने देख लिया। लेकिन तस्वीर का दूसरा पहलू ये है कि केदारनाथ धाम में चारधाम देवस्थानम प्रबंधन बोर्ड के खिलाफ आंदोलन प्रचंड होता जा रहा है। कड़ाके की ठंड के बीच तीर्थ-पुरोहितों का केदारनाथ धाम के प्रांगण में प्रदर्शन साफ बता रहा कि उत्तरकाशी में 21 जुलाई को सीएम पुष्कर सिंह धामी द्वारा हाई पॉवर्ड कमेटी बनाकर संशोधन के वादे पर तीर्थ-पुरोहितों को कतई एतबार नहीं है। तीर्थ-पुरोहितों ने अब देवस्थानम बोर्ड भंग नहीं करने पर इसी हफ्ते से आमरण अनशन की चेतावनी दे डाली है। तीर्थ पुरोहितों ने मंगलवार को केदार धाम में बोर्ड को खिलाफ रैली निकालकर प्रदर्शन किया। तीर्थ पुरोहित और हक-हकूकधारी सरकार पर दो साल से बोर्ड के विरोध में चल रहे आंदोलन के बावजूद निर्णय न लेने का आरोप लगा रहे। जाहिर है ये भी कहा जा रहा कि मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी अगर केदारनाथ धाम के दर्शन और पुनर्निर्माण कार्यों का जायज़ा लेने पहुँचते तो धरना-प्रदर्शन कर रहे तीर्थ-पुरोहित और हक-हकूकधारी भी अपनी पीड़ा उनके सामने रखने की कोशिश करते।
खैर, मौसम पर तो किसी का जोर अब चल नहीं सकता! मौसम का इशारा मिलेगा तो जल्द सीएम पुष्कर सिंह धामी केदारनाथ धाम पहुँचेंगे। वैसे ड्रोन से प्रदेश के किसी भी हिस्से के विकास कार्यों की अब सचिवालय से बैठकर समीक्षा और निरीक्षण हो सकेगा इस सुखद संकेत माना जा सकता है।


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