
Justice for Ankita Bhandari: उत्तराखंड हाई कोर्ट ने अंकिता भंडारी हत्याकांड की एसबीआई जांच की याचिका खारिज कर दी है। कोर्ट ने पाया है कि धामी सरकार द्वारा गठित एसआईटी सही दिशा में जांच को आगे बढ़ा रही है और जांच पर संदेह करने की कोई गुंजाइश नजर नहीं आ रही है। जाहिर है हाई कोर्ट का फैसला अंकिता भंडारी के माता पिता और सीबीआई जांच की पैरवी कर रहे अन्य लोगों के लिए झटका है। राजनीतिक लिहाज से देखें तो जहां सीएम धामी अंकिता को न्याय दिलाने और दोषियों को कड़ी सजा दिलाने का भरोसा दे रहे थे वहीं विपक्ष दल कांग्रेस भी सीबीआई जांच की मांग कर रही थी, यह उसके लिए भी एक झटका है।
ज्ञात हो कि एक दिन पहले ही एसआईटी ने इस मामले में आरोपियों के खिलाफ चार्जशीट फाइल की है। हालांकि वीआईपी कौन था जिसको एक्सट्रा सर्विस देने के दबाव ने पहाड़ की बेटी अंकिता टिकी जान ले ली, इस सवाल का जवाब देने में अभी तक धामी सरकार और उत्तराखंड पुलिस के हाथ कुछ भी ठोस नहीं लगा है।
ऋषिकेश के पास स्थित पुलकित आर्य के वनंतरा रिसॉर्ट में रिसेप्शनिस्ट अंकिता भंडारी की हत्या कर दी गई थी। इस हत्याकांड ने पूरे उत्तराखंड की आत्मा को झकझोर दिया था और उसके बाद बीजेपी के वरिष्ठ नेता रहे विनोद आर्य के बेटे पुलकित आर्य के मुख्य हत्यारोपी मानते हुए जेल में डाला गया था।
मामले की जांच के लिए धामी सरकार ने एसआईटी बनाई थी लेकिन अंकिता के माता पिता और कई लोगों की मांग थी कि एसआईटी जांच में लापरवाही बरत रही है और वीआईपी के सवाल से लेकर कई अन्य तथ्य छिपा रही है लिहाजा सीबीआई को जांच सौंपी जाए। इसको लेकर एक याचिका हाईकोर्ट में दाखिल की गई थी जिसे बुधवार को सुनाए फैसले में हाई कोर्ट खारिज कर दिया गया।
ज्ञात हो कि नैनीताल हाईकोर्ट के वरिष्ठ न्यायाधीश न्यायमूर्ति संजय कुमार मिश्रा की बेंच ने इस मामले की सुनवाई पूरी कर निर्णय सुरक्षित रख लिया था, जिसे आज बुधवार को सुना दिया गया। हाई कोर्ट ने अपने फैसले में कहा है कि एसआईटी सही जांच कर रही है लिहाजा सीबीआई को जांच सौंपने जैसी आवश्यकता नहीं नजर आ रही है।
ज्ञात हो कि इससे पहले हाई कोर्ट ने अंकिता भंडारी के माता पिता को याचिका में पक्षकार बनाते हुए उनसे अपना विस्तृत जवाब पेश करने को कहा था। अंकिता के माता पिता से कोर्ट ने पूछा था कि एसआइटी की जांच पर वे संदेह क्यों जता रहे हैं। याचिकाकर्ताओं ने कहा था कि एसआईटी सही तरीके से जांच नहीं कर रही है और तथ्यों को छिपाया जा रहा है।
बुलडोजर एक्शन से लेकर आगजनी जैसे कई मामलों ने पीड़ित पक्ष को संदेह करने को मजबूर कर दिया था। साथ ही पुलकित आर्य जिस विनोद आर्य का बेटा है,वह इस कांड से पहले तक सत्ताधारी बीजेपी का रसूखदार नेता रहा है और उसका बड़ा भाई अंकित आर्य राज्य मंत्री का दर्जा पाए सरकार का हिस्सा था।
ऐसे में मजबूर माता पिता का सरकारी जांच एजेंसी पर संदेह जताना हैरत की बात नहीं समझी जाएगी। परंतु अब कोर्ट ने पीड़ित परिवार को एसआईटी जांच पर भरोसा करने का मैसेज दे दिया है।
वहीं हाईकोर्ट में एसआईटी ने कहा कि पुलकित के वनंतरा रिसॉर्ट के जिस कमरे को बुलडोजर से ध्वस्त किया गया था उसकी पहले हीफोटोग्राफी कर ली गई थी। मृतका अंकिता के कमरे से एक बैग के अलावा कुछ भी नहीं मिला था।
दरअसल अपनी 19 वर्षीय बेटी अंकिता को कामयाब कर जीवन की दुश्वारियों से पार पाने का सपना देख रही मां सोनी देवी और पिता बीरेंद्र सिंह भंडारी को इस जघन्य अपराध ने पूरी तरह तोड़ दिया। कहां तो बेटी के सहारे गरीबी से पार पाने की आस थी और अब कहां अपनी बेटी को न्याय दिलाने और हत्यारों को फांसी के फंदे तक पहुंचाने की हिम्मत जुटानी पड़ रही है।
पीड़ित माता पिता ने सीबीआई जांच की मांग को लेकर हाई कोर्ट में दायर याचिका में प्रार्थना पत्र दिया था और आरोप लगाया था कि एसआईटी इस मामले की जांच में लापरवाही कर रही है।