- काऊ का क्रोध हरक का सख्त रुख दे रहा है क्या संकेत?
- क्या चुनावी सीजन में बदलते सियासी समीकरण संभालने में सीएम धामी और अध्यक्ष फेल साबित हो रहे?
देहरादून: बीजेपी में कांग्रेस गोत्र के नेताओं की बेचैनी अब खुलकर सामने आने लगी है। अब तक अंदर ही अंदर घुटन महसूस कर रहे रायपुर विधायक उमेश शर्मा काऊ पिछले कुछ दिनों से आक्रामक तरीके से बीजेपी के भीतर अपने विरोधियों को जवाब दे रहे हैं। शनिवार को अपने क्षेत्र में मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी के कार्यक्रम में अपने पोस्टर फाड़े जाने से गुस्साए काऊ ने जमकर खरी खोटी सुनाई और विरोध करने वाले कार्यकर्ताओं को बुलाने पर मंत्री धन सिंह रावत से भी नाराजगी जाहिर की। इसके बाद जब हालात मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी और अध्यक्ष मदन कौशिक से नहीं संभलते दिखे तो दिल्ली पहुंचकर पार्टी नेतृत्व के सामने अपनी पांच साल की पीड़ा व्यक्त कर आए।
काऊ ने मीडिया से बातचीत के आखिर में बड़ी गहरी चेतावनी दे डाली है।
काऊ से पहले मंत्री हरक सिंह रावत लगातार अपनी नाराजगी जताते आ रहे हैं ही। हरक सिंह खुलकर काऊ के समर्थन में उतर आए हैं। शायद काऊ बीजेपी के भीतर कांग्रेसी नेताओं के अपने इसी ग्रुप की बात कर रहे हों? ऐसा लगता है कि जब चुनाव चंद माह दूर हैं तब अनुशासन का पाठ पढ़ाने वाली बीजेपी में रोज नए सिरे से बवाल देखने को मिल रहा।
क्या हालात संभालने में सीएम धामी और अध्यक्ष मदन कौशिक के पसीने छूट रहे, जो नाराज विधायक सीधे दिल्ली दरबार शिकायत लगाने पहुंच रहे? वैसे काऊ ने तो अपने बयान में साफ कहा भी कि प्रदेश में हर फोरम पर बात रखी पर बेअसर रही।