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ओमीक्रॉन भारत में लेकर आएगा तीसरी लहर? 16 दिनों में 12 राज्यों में फैला, नीति आयोग कि चिन्ता डेली न आने लगें 13-14 लाख मामले! रैलियों में कोविड प्रोटोकॉल तोड़ते उत्तराखंड-उत्तरप्रदेश जैसे चुनावी राज्यों का क्या होगा हाल?

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  • चुनावी राज्यों में ओमीक्रॉन के स्प्रेड से कैसे बचा जाएगा?
  • चुनावी रैलियों की भीड़ में बार-बार टूट रहा कोविड प्रोटोकॉल

देहरादून: रविवार को कोरोना के नए वैरिएंट ओमीक्रॉन के 30 केस मिले और इसी के साथ देश में ओमीक्रॉन के मामलों की तादाद बढ़कर 145 हो गई। अभी महाराष्ट्र, तेलंगाना, कर्नाटक और केरल जैसे राज्य ओमीक्रॉन के खतरे का सामना कर रहे लेकिन महज 16 दिनों में जिस रफ्तार से ओमीक्रॉन 12 राज्यों में फैल गया है, इसने यूपी, उत्तराखंड, पंजाब जैसे चुनावी राज्यों को लेकर चिन्ता बढ़ा दी है।

चुनाव प्रचार में उतरे दलों की महारैलियों में उमड़ रही भीड़ दो गज दूरी तो भूल ही जाइये मास्क और दूसरे ऐतियात भी नहीं बरत रही है और न ही पॉलिटिकल पार्टिज़ को इसकी चिन्ता दिखती है। सवाल है कि जिस रफ्तार से ओमीक्रॉन दक्षिण अफ्रीका से दुनिया के 70 से अधिक देशों में फैल गया है उसके बाद क्या चुनाव आयोग और सरकारों को चुनावी राज्यों को लेकर सचेत होने की जरूरत नहीं है?


WHO चिन्ता जाहिर कर चुका है कि भूलकर भी ओमीक्रॉन को हल्के में ना लें वरना आने वाले दिनों में अस्पताल भर जाएंगे और मौतों का आंकड़ा भी बढ़ जाएगा। जबकि कोविड सुपरमॉडल पैनल ने दावा किया है कि ओमीक्रॉन के चलते भारत में तीसरी लहर आ सकती है। दरअसल भारत में अभी भी 40 फीसदी आबादी कोरोना टीकाकरण अभियान से दूर है और इसी वैक्सीनेशन से दूर आबादी को सबसे ज्यादा खतरा है।

IIT KANPUR ने चेताया है कि हालात न संभाले तो जनवरी 2022 में ओमीक्रॉन तीसरी लहर लेकर आ सकता है। IIT KANPUR की चेतावनी है कि अगर जनवरी में ओमीक्रॉन का कहर टूटा तो देश में फरवरी तक तीसरी लहर का पीक होगा और रोजाना डेढ़ लाख कोरोना केस आएंगे।

नीति आयोग ( NITI AYOG) वे चेतावनी जारी की है कि अगर भारत में ब्रिटेन और फ्रांस की तरह ओमीक्रॉन बम फूटा तो हर दिन 13-14 लाख कोविड केस आ सकते हैं। नीति आयोग सदस्य डॉ वीके पॉल ने चेताया है कि अगर हम ब्रिटेन में स्प्रेड के स्केल को भारत से जोड़कर हालात समझें तो आबादी के लिहाज से हर दिन 14 लाख कोरोना केस सामने आएंगे। जबकि फ्रांस जैसा आउटब्रेक होता है तो रोजाना 13 लाख कोरोना केस आएंगे।

दरअसल भारत में कोरोना वैक्सीन की सिंगल डोज 60 फीसदी आबादी यानी 84 करोड़ लोगों को दी जा चुकी है। जबकि 40 फीसदी आबादी यानी 54 करोड़ लोगों को डबल डोज लग चुकी है। जाहिर है आबादी का एक बड़ा तबका अभी डबल डोज वैक्सीन से महरूम है और कोरोना के सबसे तेजी से फैलते ओमीक्रॉन वैरिएंट का खतरा इन्हीं लोगों को सबसे अधिक है।
वैसे भी हॉन्ग कॉन्ग के शोधकर्ताओं ने दावा किया है कि कोरोना का नया वैरिएंट ओमीक्रॉन डेल्टा की तुलना में 70 गुना तेजी से फैलने में सक्षम है।
ऐसे में चुनावी राज्यों में कोरोना को लेकर बरती जा रही घनघोर लापरवाही किस तरह के खतरे का संकेत दे रही है आप बखूबी अंदाज़ा लगा सकते हैं।

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