
मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने 53 प्रतिशत विधायक निधि की खर्च
वर्ष 2022-23 से दिसम्बर 24 तक वित्त मंत्री प्रेम चन्द्र अग्रवाल की 33 प्रतिशत विधायक निधि खर्च
काशीपुर: उत्तराखंड की पांचवीं विधानसभा के लिए चुनकर आए विधायकों का आधा कार्यकाल पूर्ण हो चुका हैं लेकिन उन्हें प्राप्त हुई विधायक निधि में से 61 प्रतिशत ही खर्च हुई हैं। मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने अपनी 53 प्रतिशत विधायक निधि खर्च की है जबकि वित्त मंत्री प्रेमचंद अग्रवाल महज़ एक तिहाई यानी 33 प्रतिशत ही विधायक निधि दिसम्बर 2024 तक खर्च कर पाए हैं। विधायक निधि खर्च करने में सबसे फिसड्डी साबित हो रहे हैं टिहरी के भाजपा विधायक किशोर उपाध्याय। विधायक उपाध्याय मात्र 15 प्रतिशत विधायक निधि ही खर्च कर सके हैं।
काशीपुर निवासी सूचना अधिकार कार्यकर्ता नदीम उद्दीन (एडवोकेट) ने उत्तराखंड के ग्राम्य विकास आयुक्त कार्यालय से विधायक निधि खर्च सम्बन्धी विवरणों की सूचना मांगी थी। इसके उत्तर में उपायुक्त (प्रशासक) हेमन्ती गुंजियाल ने अपने पत्रांक 20211 के साथ वर्तमान विधायक निधि विवरण की फोटो प्रति उपलब्ध करायी है।
आरटीआई कार्यकर्ता नदीम को उपलब्ध सूचना के अनुसार वर्ष 2022-23 से 2024-25 में माह दिसम्बर 2024 तक 96400 लाख की विधायक निधि उपलब्ध हुई लेकिन इसमें से केवल 61 प्रतिशत 58926.35 लाख की विधायक निधि ही खर्च हुई है जबकि 39 प्रतिशत 37459.65 लाख की विधायक निधि खर्च होने को शेष हैं।
उत्तराखंड में सबसे कम विधायक निधि खर्च होने वाले विधायकों में किशोर उपाध्याय 15 प्रतिशत खर्च के साथ फिसड्डी नंबर एक रहे हैं तो उनको टक्कर देने वालों में मंत्री और श्रीनगर विधायक डॉ० धन सिंह रावत ने मात्र 29 प्रतिशत विधायक निधि खर्च की। जबकि प्रेम चन्द्र अग्रवाल 33 प्रतिशत, डॉ० मोहन सिंह बिष्ट 34 प्रतिशत, खुशाल सिंह 34 प्रतिशत, प्रीतम सिंह 37 प्रतिशत, सरिता आर्य 40 प्रतिशत, सुरेश गडिया 42 प्रतिशत, बंशीधर भगत 43 प्रतिशत, भरत सिंह चौधरी 43 प्रतिशत, राजेन्द्र सिंह 44 प्रतिशत, तथा शक्ति लाल शाह 44 प्रतिशत शामिल है।
बात अगर सबसे पहले मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी की करें तो चम्पावत विधानसभा से विधायक के तौर पर उन्होंने 53 प्रतिशत विधायक निधि खर्च की है। जबकि ऋषिकेश विधायक और प्रदेश के वित्त मंत्री प्रेमचन्द अग्रवाल महज़ 33 प्रतिशत विधायक निधि खर्च कर पाए हैं। अन्य कैबिनेट मंत्रियों की बात करें तो चौबट्टाखाल विधायक सतपाल महराज 56 प्रतिशत विधायक निधि खर्च कर पाए हैं, जबकि मसूरी विधायक गणेश जोशी 72 प्रतिशत, श्रीनगर विधायक धन सिंह रावत 29 प्रतिशत, नरेन्द्र नगर विधायक सुबोध उनियाल 57 प्रतिशत, सोमेश्वर विधायक रेखा आर्य 64 प्रतिशत तथा सितारगंज विधायक सौरभ बहुगणा की 85 प्रतिशत विधायक निधि खर्च हुई है।
उत्तराखंड में सर्वाधिक विधायक निधि खर्च होने वाले विधायकों में प्रदीप बत्रा (90 प्रतिशत), अरविन्द पाण्डे (87 प्रतिशत), रवि बहादुर (85 प्रतिशत), सौरभ बहुगुणा (85 प्रतिशत), फुरकान अहमद (84 प्रतिशत), गोपाल सिंह राणा (83 प्रतिशत), उमेश कुमार (82 प्रतिशत), राजकुमार (81 प्रतिशत) और निर्दलीय विधायक उमेश शर्मा ने अपनी विधायक निधि का 80 प्रतिशत हिस्सा खर्च कर दिया है।
प्रदेश के औसत 61 प्रतिशत से कम विधायक निधि खर्च होने वाले अन्य विधायकों में यशपाल आर्य (45 प्रतिशत) सुमित ह्रदयेश (46 प्रतिशत) रामसिंह कैड़ा (46 प्रतिशत), दुर्गेश पाल (47 प्रतिशत) सुरेश चौहान (47 प्रतिशत), शैला रानी (48 प्रतिशत), संजय डोभाल (49 प्रतिशत), रेणु सिंह (51 प्रतिशत), पुष्कर सिंह धामी (53 प्रतिशत), भोपाल राम टम्टा (55 प्रतिशत), सतपाल महाराज (56), मनोज तिवारी (56), त्रिलोक सिंह चीमा (56 प्रतिशत, सुबोध उनियाल (57 प्रतिशत), मदन कौशिक (57 प्रतिशत), सविता कपूर (58 प्रतिशत, विनोद कण्डारी (58 प्रतिशत), दीवान सिंह बिष्ट (58 प्रतिशत), मयूख महर (60 प्रतिशत) तथा दिलीप सिंह (60 प्रतिशत) शामिल है।