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पिता ने बेटियों को पढ़ाने को रेहड़ी लगाकर बेचे आलू-प्याज, पुलिस में दारोगा बन पूजा और प्रिया ने कर दिखाया सपना साकार, हुमा-आरजू ने सेल्फ स्टडी से पाया ये मुकाम

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Success Story Two Daughters become Inspector in Bihar Police: कहते हैं अगर कुछ कर गुजरने का हौसला हो तो रास्ते की कठिनाइयां भी मददगार बनने लगती हैं। बिहार के एक पिता की दो बेटियों ने इस कहावत को चरितार्थ कर दिखाया है। बिहार के नवादा जिले की दो बहनों- पूजा और प्रिया ने एक साथ दारोगा बनकर न केवल अपने पिता-माता और परिवार का मान बढ़ा दिया है बल्कि पूरे क्षेत्र से लेकर सोशल मीडिया पर खूब सुर्खियां बंटोर रही हैं और सरकारी नौकरी के लिए दिन रात मेहनत कर रहे लाखों युवाओं की प्रेरणाश्रोत बन गई हैं।


कल्पना करिए गरीबी और मुफलिसी से मुकाबला करने को पटरी पर रेहड़ी लगा आलू-प्याज बेच रहे मदन साव ने जब अपनी दो-दो बेटियों को स्कूल पढ़ने और फिर नौकरी के लिए मोटिवेट किया होगा तब उनको किस किस तरह की चुनौतियों से दो चार होना पड़ा होगा! लेकिन आज नवादा के पकरीबरावां की इन दो सगी बहनों ने बिहार पुलिस अवर सेवा आयोग परीक्षा में कामयाबी हासिल कर अपने पिता मदन की तपस्या सफल बना दी है।

मदन साव की बेटी प्रिया कुमारी ने वर्ष 2013 में प्रोजेक्ट कन्या मध्य विद्यालय पकरीबरावां से 77 फीसदी अंकों के साथ दसवीं की परीक्षा पास की थी और उनकी छोटी बहन पूजा कुमारी ने वर्ष 2014 में 66 फीसदी अंकों के साथ दसवीं पास की थी। दोनों बहनों ने इंटर और ग्रेजुएशन की पढ़ाई कृषक कॉलेज धेवधा से की और प्रिया ने वर्ष 2015 में 77 फीसदी अंकों के साथ इंटर और वर्ष 2018 में 65 फीसदी अंकों के साथ बीएससी की डिग्री हासिल की। जबकि पूजा ने 2016 में 57फीसदी अंकों के साथ इंटर और वर्ष 2019 में 67 फीसदी अंकों के साथ बीएससी की।

वहीं अगर बात अररिया की दो बेटियों की करें तो बेहद पिछड़े ग्रामीण क्षेत्र की हुमा शमीम और आरजू कुमारी पोद्दार ने बिहार गृह विभाग द्वारा आयोजित पुलिस अवर निरीक्षक परीक्षा पास कर दारोगा बन गईं हैं।


बात पहले हुमा की करें तो हरिया मुरबल्ला की हुमा ने आजादनगर अररिया में रहकर पढ़ाई की और इस परीक्षा को पास कर दारोगा पद पर चयनित हो गई। हुमा ने इसी दौरान सहायक उर्दू अनुवादक परीक्षा भी पास की और बीपीएससी की लिखित परीक्षा पास कर चुकी थी। रिटायर्ड प्रिंसिपल प्रोफेसर शमीम अख्तर की बेटी हुमा ने बीएससी और बीएड की पढ़ाई की है। हुमा ने सेल्फ स्टडी के जरिए दारोगा परीक्षा की तैयारी की और अंतिम रूप से चयनित होने ने सफल रही।

जबकि नरपतगंज प्रखंड स्थित नवाबगंज पंचायत के फुलकाहा बाजार में किसान और कारोबारी उमेश प्रसाद पोद्दार की बेटी आरजू कुमारी ने फारबिसगंज कॉलेज से ग्रेजुएशन की है। आरजू वर्तमान में आरजू बीएड की पढ़ाई कर रही है और उन्होंने भी हुमा की तरह सेल्फ स्टडी के जरिए दारोगा परीक्षा पास की और चयनित हुई।

जाहिर है बिहार की इन चार बेटियों की कामयाबी की कहानी न केवल हम सभी को प्रभावित करती है बल्कि ‘बेटियां भी बेटों से कम नहीं’ का सच्चा और सफल संदेश दे रही है जो नि:संदेह कई और बेटियों को आगे बढ़ने को प्रेरित करेगी।

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