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कोरोना काल में महंगाई झेल रहे कंज्यूमर को बढ़ी बिजली क़ीमतों का झटका, किसको लगा कितना बढ़ी क़ीमतों का करंट!

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देहरादून

कोरोना काल में फल-सब्ज़ियों से लेकर राजमर्रा के जरूरी सामान की क़ीमतों में तेजी की मार झेल रहे मिडिल क्लास को तीरथ सरकार ने बढ़ी बिजली क़ीमतों का झटका दे दिया है. बिजली की दरें पहले के मुक़ाबले 3.54 फीसदी बढ़ा दी गई हैं और ये बढ़ी हुई दरें एक अप्रैल से लागू मानी जाएंगी.
दरअसल, ऊर्जा विभाग ने 16 फीसदी बिजली टैरिफ़ बढ़ाने का प्रस्ताव दिया था जिसके बाद विद्युत नियामक आयोग ने साढ़े तीन फीसदी से ज्यादा वृद्धि को मंजूरी दे दी है. टैरिफ़ में तेजी की मार आम कंज्यूमर से लेकर कर्मशियल कंज्यूमर पर भी पड़ी है. यानी आने वाले दिनों में महंगी बिजली का असर दूसरी चीज़ों के दामों में तेजी के रूप में दिखना तय है और इसके लिये मिडिल क्लास अभी से तैयार हो जाए.
किसको लगा कितना बढ़ी क़ीमतों का करंट :

100 यूनिट/ महीना खर्च करने वाले कंज्यूमर बच गए नई टैरिफ़ की मार से
100-200 यूनिट तक खर्च करने वाले कंज्यूमर को अब 25पैसे प्रति यूनिट महंगी बिजली मिलेगी
201-300 यूनिट तक खर्च करने वाले कंज्यूमर को 35 पैसे प्रति यूनिट महंगाई का करंट लगा है. यही वो वर्ग है जिसे सबसे ज्यादा बढ़ी क़ीमतों की चोट पहुँची है.
हर महीने 400 यूनिट से ऊपर बिजली फूँकने वालों पर 30 पैसे प्रति यूनिट महंगाई की मार पड़ी है.
तीरथ सरकार ने कमर्शियल कंज्यूमर को भी महंगी बिजली दरों का करंट दिया है.
हाँ अगर हर महीने मात्र 50 यूनिट बिजली खर्च करने वाले कमर्शियल कंज्यूमर को महँगी दरों से मुक्त रखा गया है बाकी किसी तो बख़्शा नहीं गया है.
महंगी बिजली का करंट किसान को भी लगा है. कमर्शियल कंज्यूमर के लिए अलग अलग स्लैब में टैरिफ 10 से 30 पैसे प्रति यूनिट तक बढ़ाया गया है.
एक राहत की खबर ये है कि विद्युत नियामक आयोग ने उन लोगों तो बिजली बिल में सवा फीसदी की छूट दी है जो बिल बनते ही दस दिन में डिजिटल पेमेंट कर देंगे. बैंक डीडी/चेक ये बिल पेमेंट पर ये छूट पौने एक फीसदी ही रह जाएगी.

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