देहरादून: होली पर उत्तराखंड के तमाम नेताओं ने जमकर होली खेली। लेकिन होली के रंगों के बीच जहां भाजपा कॉरिडोर्स में आने वाले दो दिनों में ‘कौन बनेगा मुख्यमंत्री?’ को लेकर चर्चाएं बदस्तूर जारी रही। तो वहीं कांग्रेस नेताओं को होली के रंगों के बीच चुनावी हार और इसके पीछे मुस्लिम यूनिवर्सिटी का मुद्दा होना तकलीफ़देह लगता रहा।
कांग्रेस में एक बड़ा तबका मान रहा है कि मुस्लिम यूनिवर्सिटी के मुद्दे को प्रधानमंत्री मोदी और यूपी सीएम योगी आदित्यनाथ ने जिस तरह से चुनाव प्रचार में उठाया उसने पूरी बाजी पलट दी। कांग्रेसी मान रहे कि मुस्लिम यूनिवर्सिटी के मुद्दे ने चुनावी ध्रुवीकरण कराया जिसका फायदा भाजपा को मिला।
अब होली पर इसी मुद्दे को लेकर हरदा का दर्द भी छलका। पूर्व सीएम रावत ने कहा कि भाजपा की दुष्प्रचारक ब्रिगेड मुस्लिम यूनिवर्सिटी को लेकर एक झूठ गढ़ने के बाद उस झूठ के चारों तरफ विद्वेष ताना-बाना बुन रही है। रावत ने कहा कि भाजपा का ये दुष्प्रचारक ब्रिगेड यह सिद्ध करने में लगा है कि उनकी पार्टी को विधानसभा चुनाव में मिला बहुमत मुस्लिम यूनिवर्सिटी के दुष्प्रचार के गर्भ से पैदा हुआ है।
हरदा ने सवाल उठाया कि कब तक दुष्प्रचार के गर्भ से सरकारें बनेंगी? उन्होंने कहा कि उपनल सहित हज़ारों सरकारी पदों पर तैनात नौजवानों का भविष्य चौपट दिखाई दे रहा है, पर्यावरण की रक्षा, एक स्वस्थ शहरी विकास की नीति, महंगाई, बेरोज़गारी, विकास, शिक्षा और स्वास्थ्य जैसी कई समस्याएं हैं लेकिन ये समस्याएं कब चुनाव परिणाम का कारक बनेगी?
रावत ने कहा कि काश हम अपने जीवन काल में ऐसा कर पाएं, लगे रहो मुन्ना भाई! अब होली की शुभकामनाएं देते हुए हरदा भाजपा को या उनके नेताओं को मुन्ना भाई कह रहे या फिर उनकी आईटी सेल को मुन्ना भाई कहना चाह रहे हैं, उसका ठीक ठीक जवाब तो उन्हीं के पास होगा।