कोश्यारी और कॉन्ट्रोवर्सी: अब 26/11 हमले के शहीदों को इस तरह श्रद्धांजलि देने के बाद निशाने पर

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Maharashtra Governor Bhagat Singh Koshyari in new Controversy: क्षत्रपति शिवाजी महाराज पर की गई अपनी विवादित टिप्पणी के बाद से लगातार महाराष्ट्र में “गो बैक गवर्नर” नारे के जरिए प्रदेशव्यापी विरोध झेल रहे राज्यपाल भगत सिंह कोश्यारी ने अब नया बखेड़ा खड़ा दिया है। भगतदा पर अब शहीदों के अपमान का आरोप लग रहा है। विपक्षी कांग्रेस,एनसीपी से लेकर उद्धव ठाकरे के शिवसेना गुट ने महाराष्ट्र गवर्नर को निशाने पर ले लिया है।

राज्यपाल भगतदा ने आज 26/11 के मुंबई आतंकी हमले के शहीदों को चप्पल पहनकर श्रद्धांजलि दे दी जिसका वीडियो वायरल होने के बाद उन पर चौतरफा हमला हो रहा है। सोशल मीडिया पर गवर्नर कोश्यारी को ट्रोल किया जा रहा है। कांग्रेस ने गवर्नर कोश्यारी पर आरोप लगाया है कि वे बार बार महाराष्ट्र,उसकी संस्कृति और प्रतीकों का अनादर कर रहे हैं। महाराष्ट्र कांग्रेस नेता सचिन सावंत ने ट्वीटर पर वीडियो शेयर करते हुए लिखा है कि शहीदों को श्रद्धांजलि देते हुए अपने जूते उतरना भारतीय संस्कृति है और निश्चित रूप से महाराष्ट्र की भी संस्कृति है। लेकिन गवर्नर बार बार अनादर कर रहे हैं।

ज्ञात हो कि गवर्नर कोश्यारी और सीएम एकनाथ शिंदे ने दक्षिण मुंबई में पुलिस आयुक्त कार्यालय परिसर स्थित शहीद स्मारक पहुंचकर पुष्पांजलि अर्पित की। राज्यपाल कोश्यारी के बाद सीएम शिंदे ने शहीदों को श्रद्धांजलि अर्पित करते हुए जूते जरूर उतारे।
हालांकि महाराष्ट्र राजभवन ने राज्यपाल द्वारा शहीदों को श्रद्धांजलि देते समय चप्पल न उतारे जाने पर बवाल मचने के बाद एक बयान जारी कर कहा,”राज्यपाल आज मुंबई में पुलिस आयुक्त कार्यालय में पुलिस शहीद स्मारक पर पुष्पांजलि अर्पित करने रवाना हुए तो एक वरिष्ठ पुलिस अधिकारी ने राज्यपाल से स्पष्ट रूप से कहा कि ऐसी जगह चप्पल या जूते उतारना आवश्यक नहीं है।”

दरअसल यह पहला मौका नहीं जब भगत सिंह कोश्यारी विवादों में घिरे हों। हाल में कोश्यारी ने महान मराठा शासक छत्रपति शिवाजी महाराज को पुराने जमाने का प्रतीक (हीरो) और केंद्रीय मंत्री नितिन गडकरी को नया हीरो बताकर बवाल खड़ा कर दिया था। उसके बाद से उनका लगातार विरोध हो रहा है जिसमें एनसीपी, कांग्रेस और शिवसेना का उद्धव गुट शामिल है। जाहिर है राज्यपाल भगतदा के आए दिन आ रहे विवादित बयानों से महाराष्ट्र बीजेपी की स्थिति से न उगलते बन रहा और न निगलते।
यही वजह रही कि Dr Ambedkar Marathwada University में शिवाजी महाराज को पुराने दिनों का आइकन बताने के कोश्यारी के बयान से संभावित नुकसान का आकलन कर प्रदेश बीजेपी ने हर बार की तरह उनका बचाव करने की उनके बयान से बचना ही बेहतर समझा। यही वजह रही कि उस टिप्पणी के वक्त संयोग से मौजूद रही डिप्टी सीएम देवेंद्र फडणवीस की पत्नी अमृता को भी कहना पड़ा कि जब तब सूरज और चांद रहेंगे छत्रपति शिवाजी महाराज उनके आइकन के तौर पर जीवित रहेंगे।

इससे पहले जुलाई में मुंबई को लेकर मराठियों और गुजरातियों को लेकर दिए अपने बयान के जरिए भी राज्यपाल कोश्यारी ने बखेड़ा खड़ा कर दिया था। तब कोश्यारी ने कह दिया था कि अगर गुजराती और राजस्थानी मुंबई छोड़ दें तो यहां किसी के पास एक पैसा नहीं बचेगा।

मार्च में कोश्यारी ने सामाजिक नायक सावित्रीबाई फुले और ज्योतिबा फुले की शादी को लेकर विवादित टिप्पणी कर डाली थी। बिना गुरु समर्थ रामदास के शिवाजी महाराज को कौन जानता बोलकर भी वे विवाद खड़ा कर चुके हैं।

राज्यपाल भगत सिंह कोश्यारी के इसी तरह के उलटे सीधे बयानों से तंग आकर आखिरकार बीजेपी के राज्यसभा सांसद और सतारा के राज परिवार से ताल्लुक रखने वाले उदयनराजे भोसले ने प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी और राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू को पत्र लिखकर महाराष्ट्र के राज्यपाल भगत सिंह कोश्यारी को वापस बुलाने की मांग कर डाली है। सांसद भोसले शिवाजी महाराज के 13वें वंशज हैं और उन्होंने चेतावनी भी दी है कि अगर कोश्यारी के खिलाफ एक्शन लिया गया तो वे “एक्शन” लेंगे।

ज्ञात हो कि कोश्यारी सितंबर 2019 में महाराष्ट्र के राज्यपाल बनाए गए थे और तब से लेकर लगातार विवादों के चलते वे बीजेपी के लिए परेशानी का सबब बनते दिख रहे हैं। बीजेपी के लिए चुनौती इसलिए बढ़ती दिख रही कि पहले लोकल बॉडी इलेक्शंस और फिर 2024 के लोकसभा चुनाव और विधानसभा चुनाव पास आते जा रहे और भगतदा अपने बयानों से बवाल खड़ा कर विरोधियों को हमलावर होने के अवसर प्रदान करते जा रहे हैं।


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